जम्मू-कश्मीर में फंसे मां वैष्णो देवी के 400 श्रद्धालु, HC का आदेश- इनकी जरूरतों का रखें ख्याल

Update: 2020-03-31 16:14 GMT

बिहार से करीब 400 लोग माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए आए ते जो लॉकडाउन के चलते अब जम्मू में फंस गए हैं। लॉकडाउन के चलते इन श्रद्धालुओं को जम्मू से वापस जाने के लिए कहा था, लेकिन कोई साधन होने के कारण ये लोग फंस गए, इसी मामले में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में एक जनहित यचिका दायर की गई, जिस पर सोमवार 30 जनवरी को सुनवाई हुई...

जनज्वार। बिहार से करीब 400 लोग माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए आए ते जो लॉकडाउन के चलते अब जम्मू में फंस गए हैं। लॉकडाउन के चलते इन श्रद्धालुओं को जम्मू से वापस जाने के लिए कहा था, लेकिन कोई साधन होने के कारण ये लोग फंस गए.

इसी मामले में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में एक जनहित यचिका दायर की गई, जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोईट नेे जम्मू-कश्मीर सरकार को कई अहम निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने इस जनहित याचिका की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड और रियासी के डीएम को सुनिश्चहित करने को कहा कि इन श्रद्धालुओं को इनके मौजूदा ठहरने के स्थानों से न हटाया जाए।

म्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय ने सोमवार 30 मार्च को जम्मू के प्रशासनिक अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि माता वैष्णो देवी मंदिर दर्शन के लिए आए बिहार के लगभग 400 तीर्थयात्रियों से होटल खाली नहीं किया जाए और उन्हें पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।

मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने ये निर्देश सार्वजनिक अदालत में हुई सुनवाई के दौरान मोनिका खोली की जनहित याचिका के आधार पर किया। इस मामले में पहली बार उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति सिंधु शर्मा ने इस जनहित याचिका पर अपने-अपने निवासों से जनहित याचिका सुनी और मोनिका कोहली और दो और वकीलों ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी बात रखी थी।

मोनिका कोहली ने अपनी जनहित याचिका में यह भी कहा था कि इन तीर्थयात्रियों को जहां वे रुके हुए हैं, उन्हें खाली करने के लिए कहा जा रहा है। ऐसे में केंद्र शासित प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान की स्थितियों को देखते हुए कोर्ट को इस मामले में तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, जिससे उन तीर्थयात्रिों के साथ दुर्व्यवहार न हो।

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हाईकोर्ट ने श्राइन बोर्ड और रियासी के डीएम को लॉकडाउन तक इन श्रद्धालुओं की सभी जरूरतों का ख्याल रखने को कहा। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की सरकारों को उनके क्षेत्रों में रह रहे सभी गैर राज्यों के मजदूरों के रहने, स्वास्थ्य और जरूरतों का ख्याल रखने को भी कहा। वहीं डिविजन बेंच ने पुलिस, नगर निगम और नगर पालिकाओं को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में लॉकडाउन के दौरान आम लोगों के उनके इलाकों में आराम से घूमने, टहलने और पार्कों में सैर करने से रोकने को कहा है।

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कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए देश में 21 दिन का लॉकडाउन लगाया है, जिसके चलते जहां-तहां फंसे मजदूर अपने घरों को पैदल ही लौट रहे हैं। हालांकि सरकार ने इन मजदूरों के रहने-खाने का पूरा बंदोबस्त किया है, लेकिन ये कहीं भी ठहरने को तैयार नहीं हैं।

बीते वर्ष 2019 में जनवरी-फरवरी के मुकाबले इस साल पहले दो माह में भक्तों की संख्या में 1.37 लाख का इजाफा हो गया है। वहीं मार्च में कोरोना को लेकर शुरुआती खबरों से भक्त कम होने लगे, लेकिन अब फिर से यह संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। जनवरी-फरवरी, 2019 को जहां 7,71,616 भक्त मां के दरबार पहुंचे थे, वहीं जनवरी-फरवरी, 2020 में 9,09,252 श्रद्धालु पिंडियों के दर्शन कर चुके हैं।श्रद्धालु आते रहे पर नहीं रोका गया। जब यहां मामले आने लगे तब यात्रा रोकी गई।अब तक जम्मू कश्मीर में 11500 से ज्याद लोग निगरानी में रखे गये हैं।

(इस रिपोर्ट में भूल से 'कटरा में फंसे' छप गया था, जिसे अब जम्मू कर दिया गया है।)

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