पालघर Mob Lynching: महाराष्ट्र के गृहमंत्री बोले - गिरफ्तार 101 आरोपियों में एक भी मुस्लिम नहीं

Update: 2020-04-22 04:29 GMT

महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह पालघर मॉब लिंचिंग के सभी आरोपियों के नाम वाट्सएप पर जारी करेगी...

मुंबईः पालघर मॉब लिंचिंग की घटना पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में गिरफ्तार 101 आरोपियों में से कोई भी मुस्लिम नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जल्द ही इन आरोपियों के नाम सार्वजनिक करेगी.

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा, 'CID ​​के एक विशेष IG स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस ने अपराध के 8 घंटे के भीतर 101 लोगों को गिरफ्तार किया। हम आज व्हाट्सएप के जरिए आरोपियों के नाम जारी कर रहे हैं, उस सूची में कोई मुस्लिम नहीं है.'

देशमुख ने बताया, 'वीडियो में एक आवाज़ सुनाई दी है 'ओये बास', लोगों ने इसे ऑनलाइन प्रसारित किया और कुछ लोगों ने इसे 'शोएब बस' कहा। सभी राज्य तंत्र महामारी से लड़ रहे हैं और कुछ लोगों ने इस मामले को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश की. '

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र : आदिवासी गांवों में फैली है बच्चा चोरी की अफवाह, गलतफहमी में 3 लोगों की लिंचिंग

बता दें कि देश में जारी लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र के पालघर जिले में बीते दिनों भीड़ ने दो साधु और एक ड्राइवर को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था। मौके पर मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही।



?s=20

बता दें महाराष्ट्र के पालघर में हुई मॉब लिंचिंग की घटना के बाद सोशल मीडिया पर जहरीली टिप्पणियों की बाढ़ सी आई गई थी. इस जहरीले प्रचार के बाद सोमवार (20 मार्च) को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बयान जारी कर कहा है कि इस मामले का सांप्रदायिकता से कुछ लेना देना नहीं है.

वहीं दूसरी तरफ इस घटना को लेकर जमकर राजनीति भी शुरू भी हो गई.बीजेपी के नेशनल सेक्रेटरी सुनील देवधर ने घटना के पीछे वामपंथियों का हाथ बताया. सुनील देवधर के मुताबिक आदिवासी कभी भगवाधारी पर हमला नहीं कर सकते। बता दें आरएसएस के लंबे समय तक प्रचारक रहे और महाराष्ट्र के मूल निवासी सुनील देवधर इन दिनों त्रिपुरा के प्रभारी होने के साथ आंध्र प्रदेश के सह प्रभारी हैं।



?s=20

उन्होंने ट्वीट किया, “आदिवासी कभी भगवाधारी पर हमला कर नहीं सकते। पालघर की हत्याएं चोर नहीं बल्कि साधु हैं, यह जान कर ही की गई। वर्षों से वामपंथियों का गढ़ रहे इस दहानू क्षेत्र का एमएलए भी सीपीएम-एनसीपी गठबंधन का है। हमलावरों को आदिवासी नहीं बल्कि मार्क्‍सवादी हत्यारे कहना ही उचित होगा।”

Tags:    

Similar News