पिम्परी चिंचवड़ कांग्रेस अध्यक्ष सचिन साठे समेत 17 पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा, अशोक चव्हाण पर साधा निशाना

Update: 2018-07-13 16:19 GMT

राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी में उभार दिख रहा है, लेकिन पुणे चिंचवड़ में स्थानीय स्तर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी व्याप्त है, जिसके लिए वो शीर्ष नेतृत्व को सीधे जिम्मेदार ठहरा रहे हैं...

पुणे से रामदास तांबे की रिपोर्ट

पिम्परी चिंचवड़ में कांग्रेस पार्टी के शहराध्यक्ष सचिन साठे ने अपना इस्तीफा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सौंप दिया है। उनके साथ शहर के अन्य 17 पदाधिकारियों ने भी अपना इस्तीफा सौंपकर राज्य कांग्रेस कमिटी पर अपनी नाराजगी जतायी है। इन्होंने अपने इस्तीफे के लिए कांग्रेस के महाराष्ट्र अध्यक्ष अशोक चव्हाण पर निशाना साधा है।

पिम्परी चिंचवड़ अध्यक्ष सचिन साठे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, मैंने अपना इस्तीफा मुंबई में हुई जिलाध्यक्ष और प्रदेश के पदाधिकारियों की बैठक में पार्टी के प्रदेश प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे का सौंप दिया है। हमारी जो समस्याएं हैं वो हमने उनको बताई हैं, मुझे उम्मीद है कि वे हमारी भावनाओं को समझकर नाराजगी पर कुछ निर्णय लेंगे।

सचिन साठे ने आगे कहा जब मैं छात्रों का नेतृत्व कर रहा था तभी से कांग्रेस से जुड़कर पार्टी का काम कर रहा हूं। पद संभालने के बाद पिम्परी चिंचवड़ शहर में हमने जो कुछ काम किया है, उसमें कभी भी प्रदेशाध्यक्ष अशोक चव्हाण ने हमारा साथ नहीं दिया, न ही हमारी भावनाओं की कभी कद्र की। पद से इस्तीफा देने के बाद अब मैं सिर्फ कांग्रेस पार्टी का आम कार्यकर्ता रहूंगा।

शहर के वरिष्ठ सलाहकार के पद पर रहीं शामला कहती हैं, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कभी सपोर्ट नही किया, इसलिए कांग्रेस पार्टी शहर में खत्म हो चुकी है। आज तक जो हो रहा है वो गलत हो रहा है। अशोक चव्हाण ने मेरे ऊपर भी अन्याय किया है। मेरा नाम प्रदेश के ऊपर गया था, लेकिन अशोक चव्हाण ने काट दिया। वो अपनी मनमानी चला रहे हैं, जिस तरफ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को ध्यान देना चाहिए।

अपने पद से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस पार्टी के शहर के पदाधिकारी संग्राम तावड़े कहते हैं, कांग्रेस की विचारधारा के लोग यहाँ हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं को ठीक तरह से रिस्पांस न मिलने के कारण मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सचिन साठे ने घर घर जाकर पार्टी के लिए जनसंवाद जैसे अभियान चलाए, लेकिन वरिष्ठ नेताओं ने कभी ध्यान नहीं दिया।

वहीं गौतम आरकडे के मुताबिक, जब भी कांग्रेस में किसी को पद देने की बात आती है तो सिर्फ पुणे की तरफ ध्यान दिया जाता है, पिम्परी चिंचवड़ को हमेशा नकार दिया जाता है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर यहां वरिष्ठ नेताओं द्वारा हमारी इसी तरह अवहेलना की जाएगी तो आने वाले चुनावों में महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार बनने को कार्यकर्ता आगे नहीं आ सकते। इसका परिणाम चुनाव में बड़े पैमाने पर दिखाई देगा। पिम्परी चिंचवड़ के कार्यकर्ताओं ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य स्तर के पदाधिकारी स्थानीय पदाधिकारियों के किए हुए कार्यों का हमेशा से श्रेय लेते आए हैं।

सालों से पार्टी के लिए तन—मन—धन से काम करने बावजूद भी कार्यकर्ताओं में व्याप्त नाराजगी को क्या पार्टी के राष्ट्रीय स्तर पर सुलझाया जाएगा। मीडिया में कार्यकर्ताओं के बीच व्याप्त रोष सामने आने के बाद क्या वरिष्ठ कांग्रेसी इस तरफ ध्यान देंगे, अगर ऐसा नहीं हुआ तो पार्टी को इसके परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना होगा।

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