गुजरात में कोरोना के नाम पर जमकर लूट मचा रहे निजी अस्पताल, 8 लाख रुपये जमा कराने पर होगा इलाज

Update: 2020-04-22 13:00 GMT

एक अस्पताल ने 8.50 लाख रुपए जमा करवाने के बाद इलाज करने की जानकारी दी जबकि दूसरे अस्पताल में 1 लाख एडवांस और 60 हजार प्रति दिन के खर्च की जानकारी दी...

अहमदाबाद से दत्तेश भवसार की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो। पूरे विश्व में कोरोना ने कहर ढाया हुआ है ऐसे में भारत भी इससे अछूता नहीं है। खासकर महाराष्ट्र के बाद गुजरात की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। ऐसे में रविवार को अहमदाबाद में सिविल अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों को कई घंटों तक एडमिट ना करने की घटना का वीडियो मरीजों ने वायरल किया। इसके बाद आनन-फानन में उनकी व्यवस्था की गई, परंतु गुजरात हेल्थकेयर सिस्टम की पोल खुल गई।

ई अस्पतालों ने मरीजों को लूटने के प्लान बनाए हैं। स्टर्लिंग हॉस्पिटल ने कोरोना पॉजिटिव मरीज से एडवांस में 8.50 लाख रुपए लेने के बाद ही इलाज शुरू करने की जानकारी फोन पर मरीज के परिजनों को दी जबकि एक अन्य हॉस्पिटल एचसीजी ने 1 लाख रुपए एडवांस देने के बाद आईसीयू में प्रतिदिन 60 हजार और सामान्य बोर्ड में प्रतिदिन 30 हजार रुपए चार्ज करने की जानकारी दी। गुजरात में वैसे भी कोरोना के चलते अहमदाबाद की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है, ऐसे में प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से यह लूट मचाई जा रही है।

संबंधित खबर : मोदी के गुजरात मॉडल में कोरोना मरीज़ों में हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव, धर्म के आधार पर अलॉट किए जा रहे बेड, डॉक्टर बोले- राज्य सरकार का है आदेश

हमदाबाद के सिविल अस्पताल में हेल्थकेयर सिस्टम की पोल खोलती हुई वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य सचिव और मंत्रियों ने सफाई दी थी और मिसकम्युनिकेशन का हवाला दिया लेकिन अहमदाबाद के प्राइवेट अस्पतालों की लूट के बारे में अभी तक उनकी तरफ से कोई स्पष्टता नहीं आई है।

https://www.facebook.com/nimesh.rathod.56/videos/1922912831174472/

बकि कच्चे जनपद में भी स्टर्लिंग हॉस्पिटल में एक मरीज को गंभीर अवस्था में गांधीधाम से भुज रेफर कर दिया गया। वह मरीज हालांकि कोरोना पॉजिटिव नहीं निकला परंतु उस मरीज की मौत हो गई। यह कुछ ऐसे किस्से हैं जो कि सामने आए हैं लेकिन ऐसे अनगिनत किस्से होंगे जो सामने नहीं आए होंगे।

ह खबर लिखने तक गुजरात में कुल 2272 कोरोना पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं जिनमें से 95 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। अगर पूरे देश के आंकड़ों पर नजर डालें तो पॉजिटिव मामलों और मृत्यु दर में गुजरात महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर है। इसलिए गुजरात के लोग भी बहुत डरे हुए हैं। इसका फायदा उठाते हुए प्राइवेट अस्पतालों ने बड़ी लूट मचाई हुई है।

बकि कच्छ जनपद के जिला आरोग्य अधिकारी प्रेम कुमार कन्नड़ ने बातचीत में बतया कि रेफर करने वाले स्टर्लिंग अस्पताल को कड़े शब्दों में चेतावनी दी गई है कि आगे से उनकी तरफ से ऐसी कोई कोताही ना बरती जाएगी लेकिन 60 से 70 किलोमीटर दूर मरीज को ट्रांसफर करने में एक मरीज को बहुत ही बड़ा नुकसान हुआ और उसको अपनी जान गवानी पड़ी।

हमदाबाद में तीन प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना के इलाज के लिए अनुमति दी गई है। इन अस्पतालों के जनरल वार्ड में अगर स्वास्थ्य लाभ लिया तो 3.50 लाख, स्पेशल वर्ल्ड में 4.5 लाख, डीलक्स में 5 लाख, सूट में 6 लाख रुपए तक का अंदाजन खर्च बताया गया है। अगर इन दामों की तुलना करें तो शायद पूरे भारत में गुजरात सबसे महंगा राज्य होगा जहां कोरोना का ट्रीटमेंट इतना महंगा है। यह हाल तब है जब गुजरात के मुख्यमंत्री भी अभी क्वारंटीन किए गए हैं। तो आप समझ सकते हैं कि पूरे गुजरात की स्थिति क्या होगी।

संबंधित खबर : लॉकडाउन -भूख से परेशान हजारों प्रवासी मजदूरों ने गुजरात में बवाल, घर जाने की मांग को लेकर फूंक दीं गाड़ियां

हमदाबाद के सिविल अस्पताल में बेड की कमी से रविवार को कोरोना पॉजिटिव लोग कई घंटों तक खुले में रहे। गुजरात सरकार के सचिव अश्विनी कुमार ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल में जो कोई भी इलाज करवाना चाहते हैं उनको पैसे खर्च करने पड़ेंगे। गुजरात के प्राइवेट अस्पताल की लूट के बारे में गुजरात सरकार ने अपने हाथ खींच लिए हैं।

Full View बजे की पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि सरकार प्राइवेट अस्पतालों को कोई मदद नहीं दे रही इसलिए वह अपने तरीके से चार्ज ले सकते हैं और अगर प्राइवेट अस्पताल में कोई इलाज करवाना चाहता है तो सरकार उसकी कोई मदद नहीं करेगी जबकि सरकार के पास गुजरात में 9500 बेड कोरोना के मरीजों के लिए उपलब्ध हैं लेकिन प्राइवेट अस्पताल की लूट को रोकने के लिए कोई योजना हो ऐसा कहीं पर भी नहीं दिख रहा है।

Tags:    

Similar News