CAA और NRC के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन जारी, यूपी में दर्जनों घायल और 6 से ज्यादा मौतें

Update: 2019-12-21 08:19 GMT

उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में नागरिक संशोधन अधिनियम के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन, कम से कम छह लोगों की मौत, कई जिलों में बंद रही इंटरनेट सेवाएं ...

जनज्वार। उत्तर प्रदेश में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कम से कम सात लोगों की मौत हो गई। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए।

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नागरिक संशोधन अधिनियम और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ देशभर में जारी प्रदर्शनों के बीच गृह मंत्रालय ने कहा कि मुसलमानों और अनिर्दिष्ट लोगों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। गृहमंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि जन्म की तारीख या जन्म स्थान या दोनों से संबंधित कोई भी दस्तावेज नागरिकता सत्यापित करने के लिए पर्याप्त होगा।

Full View प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली नहीं चलाई, जबकि पीटीआई ने अज्ञात अधिकारियों के हवाले से कहा कि प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न स्थानों पर पुलिस पर गोलीबारी की थी। पीटीआई के अनुसार, बिजनौर में दो और मेरठ, संभल, फिरोजाबाद और कानपुर में एक-एक लोग मारे गए।

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के दौरान मुजफ्फरनगर में एक अपुष्ट मौत की खबरें भी सामने आ रही हैं। हालांकि एसएसपी अभिषेक यादव ने इससे इनकार किया।

बिजनौर के नेहटौर इलाके में 22 वर्षीय अनस और 26 वर्षीय सुलेमान की गोली लगने से मौत हो गई। शादियों में जूस बनाने का काम करने वाले अनस के चाचा रिसालत हुसैन ने कहा कि उनका भतीजा जब चाय लेने के लिए निकला था, तभी उसपर गोली लग गई। हुसैन ने बताया, 'शुक्रवार की नमाज के बाद विरोध हो रहा था और शायद वह बीच में फंस गया था।'

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रने वालों की संख्या अधिक हो सकती है। मेरठ में तीन लोग 25 वर्षीय आरिफ, 40 वर्षीय ज़हीर और 25 वर्षीय मोशिन की मौत हुई। मेरठ मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धीरज राज ने पुष्टि की कि तीन लोगों को अस्पताल लाया गया था।

Full View बताया कि नूर-ए-आलम नाम का एक व्यक्ति जो मुजफ्फर नगर में विरोध प्रदर्शन के दौरान घायल होगया था, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। चार पुलिसकर्मियों समेत नौ लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।

त्तर प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली के कई हिस्सों में मोबाइल- टेलीफोन और डेटा सेवाएं प्रतिबंधित की गई। इसके अलावा दिल्ली मेट्रो के 17 मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया था। असम में उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 10 दिनों के बाद इंटरनेट को बहाल किया गया है।

दिल्ली के भीतर जामा मस्जिद, सीलमपुर, सीमापुरी, कनॉट प्लेस और इंडिया गेट समेत स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए। दिल्ली के दरियागंज में शुक्रवार की शाम एक निजी कार में आग लगने के बाद बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का एक दिन अचानक हिंसक हो गया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन इस्तेमाल किया।

 

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