दलित ने बनाया था खाना इसलिए कोरोना संक्रमित 10 मरीजों ने खाने से किया इनकार
प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटीन किए गए दस लोगों को महंगा पड़ गया दलित रसोइया के हाथ से खाना खाने से इनकार करना, सभी के खिलाफ महामारी एक्ट और सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज...
जनज्वार। कोरोना वायरस के प्रसर को रोकने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से घोषणा के बाद 21 दिन का राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन जारी है। बावजूद इसके कोरोना संक्रमण और इससे हो रही मौतों के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। कोरोना के संदिग्ध मरीजों को क्वारंटीन में रखा जा रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश के बस्ती में कोरोना के संदिग्धों की ओर से फरमाइशें और उनके नखरे प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं।
दरअसल मामला बस्ती के सल्टौवा ब्लॉक के सिसवा बरुआर गांव का है। जहां कोरोना संदिग्ध होने के चलते दस लोगों को प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटीन किया है। लेकिन आरोप है कि इन लोगों ने विद्यालय की दलित रसोइया के हाथ से तैयार हुआ खाना खाने से इनकार किया और अपने घर से भोजन मंगवाकर खाया। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार की शिकायत पर एसओ भानपुर ने इन दस लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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पत्रिका की खबर के मुताबिक, शिकायत में राजेश ने आरोप लगाया है कि गांव के 10 लोग सत्यराम, रविशंकर, राजू, राजेश, मनमोहन, जगप्रसाद, दिलीप कुमार, राम प्रकाल यादव, शिवकपूर व नितराम दिल्ली से गांव लौटे हैं। एसडीएम के निर्देशानुसार सभी को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना के मद्देनजर गांव के विद्यालय पर क्वारंटीन किया गया है।
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उन्होंने आगे कहा कि प्रधान प्रतिनिधि ने सभी से घर से भोजन मंगाने पर उनके परिजनों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की शंका जाहिर की। इन सभी ने कहा कि रसोईया दलित है इसलिए वे उसके हाथ का बना खाना नहीं खाएंगे।