32 अधिकारियों को समय से पहले रिटायर करने के मामले में रेलवे ने बयान जारी कर कहा इन अधिकारियों की उम्र है 50 साल से ज्यादा, काम को लेकर असक्षमता, संदिग्ध गुटबाजी और अच्छा रेलवे सेवक न होने की वजह से विभाग ने उठाया है यह कड़ा कदम...
जनज्वार। अभी बीएसएनएल द्वारा जबरन एक लाख से भी ज्यादा कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने का मुद्दा और कर्मचारियों द्वारा इसके विरोध की खबरें मीडिया में छाई ही हुई थीं कि अब भारतीय रेलवे द्वारा अपने 32 अधिकारियों को जबर्दस्ती रिटायर करने का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक पीएमओ के आदेश पर इन अधिकारियों को जबर्दस्ती रिटायर किया गया है।
गौरतलब है कि पीएमओ ने रेलवे को निर्देशित किया था कि नॉन परफॉर्मेंस और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाये और किसी भी तरह के भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
32 अधिकारियों को समय से पहले रिटायर करने के मामले में रेलवे ने मीडिया में बयान जारी किया है कि यह असामान्य कदम पब्लिक इंटरेस्ट को देखते हुए उठाया गया है। इन अधिकारियों की उम्र 50 साल से ज्यादा है। काम को लेकर असक्षमता, संदिग्ध गुटबाजी और अच्छा रेलवे सेवक न होने की वजह से विभाग ने यह कड़ा फैसला लिया है।
यह भी पढ़ें : रेल मंत्री ने दी रेलवे अफसरों को वार्निंग, हुईं ट्रेनें लेट तो प्रमोशन पर लग सकता है ब्रेक
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ है। इससे पहले 2016-17 में रेलवे ने अपने चार अधिकारियों को स्थाई रूप से सेवानिवृत्त कर दिया था। रेलवे की तरफ से जारी बयान के मुताबिक एक अंतराल के बाद विभाग अपने कामों की समीक्षा करता है, मगर ऐसा बहुत कम होता है कि किसी को परमानेंट रिटायरमेंट दे दिया जाए।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक जिन अधिकारियों को रेलवे ने जबर्दस्ती रिटायरमेंट दी है, उनमें आईआरएएस के अधिकारी अशोक कुमार, आईआरटीएस के तीन अधिकारियों एमके सिंह, आरपी मीणा और पीसी डूडे शामिल है। इनके अलावा आईआरएसई के 6 अधिकारियों पीसी मीणा, अनिल कुमार, आरके मीणा, वी गोपाल रेड्डी, के वेंकटेश्वर और डीएस रिजवी शामिल हैं। आईआरएसईई के 3 अधिकारी बी समजदार, एसके जीणा, के मुखर्जी तथा राकेश कुमार, विजय सिंह मीणा, आरए मीणा, एलएस ट्यूप, एस मंडल, संजय पोटदार और सीपी शर्मा को भी रेलवे ने पीएमओ के निर्देश पर जबरन रिटायरमेंट दी है।
यह भी पढ़ें — विकास : रेलवे की 89 हजार नौकरियों के लिए 1.5 करोड़ ने किए आवेदन
नियमों के मुताबिक सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) 1972 के नियम में कहा गया है कि 30 साल की सेवा पूरी कर चुके या 50 की उम्र पार कर चुके अधिकारियों की सेवा सरकार समीक्षा के आधार पर समाप्त कर सकती है। इसके लिए सरकार को नोटिस देना होगा और तीन महीने का वेतन भत्ता भी देना होगा। अक्षमता या अनियमितता के आरोपों के बाद यह समीक्षा की जाती है और रेलवे के अधिकारियों को इन्हीं आधारों पर जबरन रिटायरमेंट दी गयी है।