विकास : रेलवे की 89 हजार नौकरियों के लिए 1.5 करोड़ ने किए आवेदन
सी और डी ग्रेड में निकली हैं नौकरियां, अप्रैल मई में होगी परीक्षा और आवेदन की आखिरी तारीख है 31 मार्च
जनज्वार। बेरोजगारी की मार से देश किस तरह त्रस्त है और हमारी पढ़ी—लिखी युवा पीढ़ी रोजगार के लिए किस तरह परेशानहाल है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक नौकरी के लिए सैकड़ों—हजारों अभ्यर्थी आवेदन कर रहा है।
सरकारी तो छोड़िए प्राइवेट सेक्टर में भी नौकरियों का बहुत बुरा हाल है। खासकर नोटबंदी के बाद तो प्राइवेट सेक्टर की कमर ही टूट चुकी है। नोटबंदी के बाद लाखोंलाख लोग बेरोजगार हुए थे।
हाल ही में रेलवे ने 89 हजार रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी किया है जिसके लिए 1.5 करोड़ अभ्यर्थियों ने अब तक आवेदन किया है, जो हमारे देश में बेरोजगारी की हाइट की तरफ भी इशारा करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च में आधे महीने से भी ज्यादा का वक्त बचा है।
गौरतलब है कि रेलवे ने 89 हजार रिक्त पदों के लिए फरवरी में विज्ञापन जारी किया गया था। रेलवे ने यह आवेदन ग्रुप सी और डी के लिए आवेदन मांगे थे। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि ग्रुप सी और ग्रुप डी के विभिन्न पदों की भर्ती के लिए रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) को अब तक लगभग डेढ करोड़ उम्मीदवारों के प्रारंभिक पंजीकरण ऑनलाइन प्राप्त हो चुके हैं।
रेलवे की तरफ से ग्रुप सी के लिए 26,502 नियुक्तियां और ग्रुप डी के लिए 62,907 नियुक्तियां की जानी हैं। रेलवे के मुताबिक पंजीकरण उम्मीदवारों द्वारा उनके नाम और पते के साथ किया गया है। आवेदन के अगले चरण में उन्हें अन्य विवरण भरकर शुल्क का भुगतान करना होता है। आरआरबी आवेदन पत्र के प्रारंभिक पंजीकरण में, अभ्यर्थियों को अन्य विवरणों जैसे नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर के साथ शैक्षणिक योग्यता के बारे जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
इन भर्तियों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि पहले 12 मार्च तय की गई थी, लेकिन अब रेलवे बोर्ड की तरफ से इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है। वहीं ग्रुप डी के अभ्यर्थियों के लिए उम्मीदवारों की उम्रसीमा 2 साल बढ़ाकर 30 वर्ष कर दी गई है। अब लोको पायलट और टेक्नीशियन के लिए 30 साल के युवा आवेदन कर सकेंगे।
यूथ फॉर वर्क की एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में 35 फीसदी युवाओं के पास नौकरी नहीं है। बेरोजगारी में बेग्लुरू जहां नंबर वर है वहीं हैदराबाद दूसरे नंबर पर और दिल्ली तीसरे नंबर पर है। सरकारी तो छोड़िए प्राइवेट सेक्टर में भी नौकरियों का इतना बुरा हाल है कि जहां 1000 लोग अप्लाई करते हैं, वहां बामुश्किल 4 युवा सेलेक्ट हो पाते हैं।
इंटरनेशनल लेबर आॅर्गेनाइजेशन की मानें तो इस साल पिछले साल यानी 2017 से भी ज्यादा बेरोजगारी के आंकड़े सामने आ रहे हैं।
जब बेरोजगारी दूर करने की बात आती है तो हमारे माननीय प्रधानमंत्री महोदय कहते हैं कि पकौड़े बेचकर भी बेरोजगारी दूर की जा सकती है। दूसरी तरफ बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं में आत्महत्या का प्रतिशत दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। न जाने कितने युवा बेरोजगारी के चलते अपना जीवन समाप्त करते हैं।