रांची रिम्स डॉक्टर ने की मरीज के परिजनों से मारपीट, कहा इतनी ही जल्दी थी तो कहीं और जाते

Update: 2018-09-04 06:04 GMT

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा डॉक्टर की मारपीट का वीडियो पहुंचा स्वास्थ्य मंत्री तक, दिए जांच के आदेश

रांची, जनज्वार। मरीजों को लूटने, उनकी जिंदगी से खेलने और डॉक्टरी को पेशा बना चुके अस्पताल आए दिन चर्चा में रहते हैं। मगर ज्यादातर इनमें प्राइवेट अस्पताल सामने रहते हैं जो लाश का तक सौदा करते दिखते हैं। अब एक मामला रांची रिम्स से सामने आया है, जहां के डॉक्टर द्वारा गोली लगने के बाद अस्पताल आए मरीज के परिजनों से मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वीडियो में डॉक्टर परिजनों से कहता सुनाई दे रहा है कि अगर इतनी ही जल्दी थी तो अपने मरीज को कहीं और लेकर जाते, रिम्स में क्यों आए। घटनाक्रम मे मुताबिक स्टेशन रोड में पटेल चौक स्थित राजधानी होटल के संचालक अभिजीत कुमार को उनके घर अमरावती कॉलोनी के समीप परसों 2 सितंबर की रात 9:30 बजे अज्ञात अपराधियों ने जबड़े में गोली मार दी। परिजन उन्हें आनन-फानन में रिम्स के इमरजेंसी में लेकर पहुंचे।

प्रभात खबर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मरीज की हालत गंभीर बताते हुए परिजन इमरजेंसी में मौजूद जूनियर डॉक्टर पर जल्द इलाज शुरू करने का दबाव बनाने लगे, जिससे डॉक्टर आक्रोशित हो गया और बोला कि जब इतनी ही जल्दी थी, तो इसे रिम्स में लेकर क्यों आये?

इसके बाद परिजनों और जूनियर डॉक्टर में कहासुनी शुरू हुई तो डॉक्टर ने इमरजेंसी में तैनात गार्ड और सैप के जवानों को बुलाकर परिजनों को बाहर निकलवा दिया। इसी दौरान परिजन अस्पताल और मैनेजमेंट को कोस रहा था जिससे डॉक्टर और ज्यादा चिढ़ गया और उसने मरीज के परिजनों के साथ मारपीट शुरू कर दी।

परिजनों के मुताबिक जब डॉक्टर उनके साथ हाथापाई कर रहा था तो गार्ड और सैप के जवाब सिर्फ मुंह ताक रहे थे। कोई भी बीच—बचाव के लिए नहीं आया। जबकि मरीज का ही एक परिजन इस पूरी घटना का वीडियो बना रहा था, जो उसने सोशल मीडिया पर डाल दिया।

रिम्स में हुई मारपीट की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद रिम्स निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने मामले की गंभीरता को समझा और अानन-फानन में जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई। रिम्स के अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप को टीम का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि डिप्टी डायरेक्टर गिरिजाशंकर प्रसाद और उपाधीक्षक डाॅ संजय कुमार टीम के सदस्य हैं। निदेशक ने इस जांच टीम से 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है।

रिम्स के इमरजेंसी में जूनियर डॉक्टर से हुए विवाद शांत होने के बाद घायल अभिजीत कुमार को ईएनटी विभाग में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर है। हालांकि जबड़े में गोली लगने के कारण व​ह बोल पाने में असमर्थ हैं।

रिम्स में हुई मारपीट मामले की जानकारी के बाद स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने रिम्स निदेश से पूरे मामले की जानकारी ली और निदेशक को जांच टीम गठित कर जांच कराने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं से रिम्स की छवि खराब होती है, इसलिए दोषियाें पर सख्त कार्रवाई की जाए।

मारपीट में शामिल रहे जूनियर डॉक्टर का कहना है कि नशे में धुत्त दो लोग आकर चिल्लाने लगे और कहा कि मरीज को देखो नहीं, तो तुम्हें भी गाेली डाल देंगे। सुरक्षा गार्ड आने पर वे किसी तरह बाहर निकले।

दूसरी तरफ रिम्स निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने मीडिया से कहा, इमरजेंसी में मारपीट का वीडियो मेरे पास भी आया है। इसमें मरीज के परिजन इमरजेंसी में तैनात जूनियर डॉक्टर से उग्र व्यवहार करते दिख रहे हैं। हालांकि, किसी भी मरीज के इलाज के दौरान हमारे डॉक्टरों को संयम रखना चाहिए। मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है।

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