आंधी-तूफान के कहर से गिरे ताज के पिलर, प्रदेश में अब तक लगभग 2 दर्जन लोगों की मौत दर्जनों घायल

Update: 2018-04-12 17:58 GMT

तूफान का रूप इतना विकराल कि चंद मिनटों में हजारों पेड़, सैकड़ों होर्डिंग, बैनर, टीनेशड हो गए नष्ट, पानी की टंकियां तक छतों से उड़ गईं और गिर गईं दर्जनों घरों की दीवारें...

आगरा, जनज्वार। उत्तर प्रदेश में मचे आंधी तूफान के बवंडर से सदियों से खड़ी ऐतिहासिक इमारतें तक हिल गईं। प्रदेश में चौबीस साल का तूफान का रिकॉर्ड तो टूटा ही साथ ही विश्व के सातवें अजूबे में शुमार ताजमहल का पिलर तक टूटा।

कल रात आए तूफान से कुछ देर में बहुत कुछ तबाह हो गया। बवंडर से चंद मिनटों में ही 16 लोग मौत के मुंह में समा गए। मौतों का आंकड़ा अब 2 दर्जन पहुंच गया है।

आगरा, ब्रज, मथुरा समेत कई इलाकों में भयंकर तूफान से शहर से देहात तक सैकड़ों पेड़, होर्डिंग, टीनशेड, खंभे उखड़ गए। कई जगह मकान और दीवारें ढह गईं। आगरा के अछनेरा और डौकी में 6 लोगों और ताजगंज में 2 लोगों की मौत तूफान में हो गई। मथुरा और फिरोजाबाद में 8 लोगों तूफान की भेंट चढ़ गए। अब तक यहां 20 से ज्यादा लोगों के मरने की खबरें आ रही हैं।

आंधी—तूफान बारिश के बवंडर में ताज के रॉयल गेट के ऊपर लगा लगभग 15 फीट ऊंचा पिलर टूटकर गिर गया, साथ ही दक्षिणी गेट के पर लगा आठ फीट ऊंचा पिलर भी टूटा। सरहिदी बेगम (सहेली बुर्ज) के मकबरे की छत का गुलदस्ता नीचे आ गया और परिसर में कई पेड़ उखड़ गए।

जब आंधी तूफान के बाद ताजमहल के पिलर टूटकर नीचे गिरे, तब ताज से पर्यटक जा चुके थे, जिससे भयानक हादसा होने से बच गया, हालांकि फिर भी दर्जनों लोग इसमें घायल हुए हैं।

उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पिछले चार दिनों से लगातार आंधी-तूफान के साथ बारिश ने कहर बरपाया हुआ था, जिसमें जन—धन की भारी क्षति हुई है। भारी मात्रा में फसलों को नुकसान पहुंचा है तो करोड़ों की संपत्तियां भी इस बवंडर की भेंट चढ़ गई हैं।

ताजनगरी आगरा में कल 11 अप्रैल की शाम लगभग 7.30 बजे एकाएक बिजली कड़की और तेज बादल घिरे। तूफान का रूप इतना विकराल था कि जब तक लोग संभल पाते, चंद मिनटों में हजारों पेड़, सैकड़ों होर्डिंग, बैनर, टीनेशड नष्ट हो गए। पानी की टंकियां तक छतों से उड़ गईं और दर्जनों घरों की दीवारें गिर गईं।

आगरा के वाटरवर्क्स गऊशाला की दीवार कई मकानों पर जा गिरी और पुलिस कंट्रोल रूम की छत गिर गई। कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया और आगरा के कपड़ों के थोक बाजार रोशन मोहल्ला में दुकानों में पानी भरने से करोड़ों का नुकसान हुआ है।

तूफान के बाद का मंजर बहुत भयंकर था, जो दर्जनों को लील चुका था, तो दर्जनों गंभीर रूप से घायल मौत के मुंह से बचकर आए थे। अस्पताल घायलों से कराह रहे थे, खाली बेड नजर नहीं आ रहे थे।

मथुरा और फिरोजाबाद में कई जगह पानी भर गया। फिरोजाबाद के मक्खनपुर में कारखानों की दो चिममिनां टूटीं तो फिरोजाबाद में दो मकान गिर गए। तूफान से मची तबाही के चलते बिजली विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान का अनुमान है।

तूफान से रेलमार्ग लगभग चार घंटे ठप्प रहा। आगरा-दिल्ली और आगरा-झांसी रूट की 18 से अधिक ट्रेनें बीच रास्ते में खड़ी रहीं, जिससे देर रात यात्रियों को बरसात में खासी दिक्कतों का सामाना करना पड़ा। कीठम रेलवे स्टेशन से मनिया रेलवे स्टेशन तक लगभग 40 किलोमीटर रेलमार्ग पर ओवरहैड इलैक्ट्रिक लाइन क्षतिग्रस्त होने से आगरा-दिल्ली और आगरा-झांसी रूट की ट्रेनें जहां की तहां खड़ी रहीं। कई ट्रेनें तो 18 घंटे तक आउटर पर देर रात तक खड़ी रहीं।

तूफान और बारिश से लखनऊ एक्सप्रेस वे के टोल प्लाजा का बूथ ही उड़ गया। कहा जा रहा है कि आंधी तूफान से लगभग 150 करोड़ का नुकसान हुआ है।

प्रकृति के इस कहर की सबसे ज्यादा मार फिर एक बार गरीब पर ही पड़ी है। अन्नदाता किसानों के खेतों में तबाही का मंजर सबसे ज्यादा दिख रहा है। खेत के खेत उजड़ गए। गेहूं सहित अन्य सभी तरह की फसलें पानी में बह गईं।

मौसम विभाग का कहना है कि इस बारिश और आंधी तूफान का कारण पश्चिमी विक्षोक्ष है, जिसके कारण पिछले कुछ दिनों से उत्तरी भारत में धूल भरी आंधी सहित तेज हवाएं चल रही हैं। तापमान में तेजी से कमी आने की वजह से लोगों को गर्मी से राहत जरूर मिल रही है, मगर इस बवंडर ने लोगों का चैन छीन लिया है।

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