दलित, आदिवासी अल्पसंख्यक, नहीं हो सकते राष्ट्रपति के अंगरक्षक

Update: 2017-08-11 08:24 GMT

राष्ट्रपति के अंगरक्षक के लिए ऐसी जातिवादी और सांप्रदायिक भर्ती तो आजादी के बाद से ही होती रही होगी, लेकिन आश्चर्य है कि देश को यह जानकारी आजादी के 70वें वर्ष पर पहली बार हुई...

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबर के मुताबिक निदेशक एवं सेना भर्ती निदेशक हमीरपुर ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राष्ट्रपति अंगरक्षक की सितंबर माह में भर्ती की जानकारी दी है। इसके लिए एक भर्ती रैली आयोजित की जाएगी।

निदेशक एवं सेना भर्ती निदेशक, भर्ती कार्यालय हमीरपुर ने बताया कि इस भर्ती रैली में सिख (मजहबी, रामदासिया, एससी और एसटी को छोड़कर) जाट और राजपूत की केवल भर्ती की जाएगी।

निदेशक द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस भर्ती रैली में उपयुक्त उम्मीदवार राष्ट्रपति अंगरक्षक भवन, न्यू दिल्ली में चार सितंबर को सुबह 7:30 बजे पहुंचना सुनिश्चित करें। भर्ती रैली में साढ़े 17 से 21 वर्ष आयु वर्ग के उम्मीदवार भाग ले सकते हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अमर उजाला, हमीरपुर में प्रकाशित खबर के मुताबिक भर्ती के लिए उम्मीवार की शैक्षणिक योग्यता 45 प्रतिशत अंकों के साथ दसवीं अथवा दस जमा दो तथा उम्मीदवार की लंबाई 6 फुट (183 सेंटीमीटर) और सिख, जाट और राजपूत वर्ग से होना अनिवार्य है।

उम्मीदवार को भर्ती के समय 10वीं कक्षा उत्तीर्ण अंक तालिका और प्रमाण-पत्र, डोमिसाइल प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, चरित्र प्रमाण-पत्र (6 माह पुराना नहीं होना चाहिए), रंगीन फोटोग्राफ, राशन कार्ड, एनसीसी/स्पोर्ट्स प्रमाण-पत्र और आधार कार्ड साथ ले जाना होगा।

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