बंपर जीत के बाद AAP विधायक के काफिले पर 4 राउंड फायरिंग, एक कार्यकर्ता की मौत दूसरा घायल

Update: 2020-02-12 05:49 GMT

आप विधायक नरेश यादव के काफिले पर जब हमला हुआ तब वे अपनी ओपन कार में बैठकर मंदिर से वापस घर लौट रहे थे...

जनज्वार। कल 11 फरवरी को आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इसे सांप्रदायिकता की हार और काम को मिले वोट माना जा रहा है। इसी जीत के जश्न में कल 11 फरवरी को ही एक ऐसी घटना हुई, जिसने माहौल बिगाड़ने का काम किया।

हरौली से जीत दर्ज करने वाले आप विधायक नरेश यादव के काफिले पर उस समय फायरिंग की गयी, जब वह जीत दर्ज करने के बाद मंदिर से वापस लौट रहे थे। इस फायरिंग में हालांकि विधायक को कोई चोट या नुकसान नहीं पहुंचा, मगर एक कार्यकर्ता की मौत हो गयी।

स मामले में जांच कर रही दिल्ली पुलिस का कहना है कि घटना की FIR दर्ज कर ली गई है और इस मामले की जांच की जा रही है। हालांकि पुलिस का यह भी कहना है कि हमलावरों का इरादा शायद आप विधायक नरेश यादव नहीं थे, उन्होंने टार्गेट कर उसी पर फायरिंग की, जिसे मारने वो आये थे। शायद इसका कारण पुरानी दुश्मनी रहा होगा, हम मामले की जांच कर रहे हैं।

गौरतलब है कि महरौली सीट से नरेश यादव दोबारा आम आदमी पार्टी से विजयी हुए हैं। उन्हें आप ने अपने उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतारा था और पार्टी के विश्वास को सही साबित करते हुए नरेश यादव फिर से जीते। वे महरौली से बीजेपी के कुसुम खत्री के खिलाफ मैदान में थे। नरेश यादव को कुल 62301 वोट मिले थे। 2015 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले नरेश यादव 16,591 वोटों के अंतर से जीते थे। बीजेपी ने इस सीट से कुसुम खत्री को मैदान में उतारा था जिन्हें, 44085 वोट मिले।

प विधायक नरेश यादव के काफिले पर जब हमला हुआ तब वे अपनी ओपन कार में बैठकर मंदिर से वापस घर लौट रहे थे। अशोक और हरेंद्र दोनों उनकी कार में पीछे बैठे थे और नरेश यादव ड्राइवर सीट के बगल वाली सीट पर। इसी दौरान हुई फायरिंग में हरेंद्र और अशोक को गोली लगी, जिनमें से अशोक की मौत हो गयी। घायल कार्यकर्ता हरेंद्र को फोर्टिस हॉस्पिटल वसंतकुंज में इलाज के लिये भर्ती कराया गया।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस मामले में आप विधायक नरेश यादव हमलावरों का टार्गेट नहीं, बल्कि अशोक मान ही थे, क्योंकि हमलावरों ने अशोक मान के बिल्कुल करीब आकर उन्हें गोली मारी। पुलिस की मानें तो हमलावर और अशोक के परिवार के बीच पुरानी रंजिश है। अशोक के भतीजे हरेंद्र (हमले में घायल हरेंद्र नहीं) को चश्मदीद बनाकर इस मामले में FIR दर्ज की गयी है। हरेंद्र ने तीन हमलावरों के नाम बताए हैं जिसके आधार पर पुलिस पड़ताल कर रही हे।

पुलिस के मुताबिक कथित हमलावर कालू देव नामक भाइयों ने नवंबर 2019 में अशोक मान के खिलाफ वसंत कुंज थाने में शिकायत दर्ज करवायी थी। इस शिकायत में अशोक मान पर आरोप था कि उनके परिवार पर अशोक और उसके साथियों ने फायरिंग करवाई थी। पुलिस अभी हमलावरों और मृतक दोनों के क्रिमिनल रिकॉर्ड खंगाल रही है।

काफिले पर हुई फायरिंग पर आप विधायक नरेश यादव ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे हमले के पीछे का कारण नहीं पता है, लेकिन यह अचानक हुआ। करीब 4 राउंड फायर की गयी। जिस गाड़ी में मैं था, उस पर हमला किया गया। मुझे यकीन है कि अगर पुलिस ने सही तरीके से जांच की तो हमलावरों की पहचान हो जायेगी।

शुरुआती जांच के बाद अशोक और हरेंद्र किशनगढ़ गांव के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पुलिस का यह भी कहना है कि मृतक अशोक जो कि आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता रहा है, ने कुछ दिन पहले किसी पर गोली चलाई थी और तभी से वह फरार चल रहा था।



गोलीबारी को लेकर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने दिल्ली की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि नरेश मंदिर से लौट रहे थे, तभी उनपर गोलीबारी हुई। ये है दिल्ली में कानून का राज।

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