लॉकडाउन में शराब की दुकानें खोलने पर भड़कीं सिमी ग्रेवाल, कहा किस 'इडियट' ने लिया फैसला
बॉलीवुड अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल ने कहा, 'होटल नहीं। रेस्तरां नहीं। सैलून नहीं। केवल सस्ती शराब की दुकानें खोली गईं ताकि गरीब बची हुई धनराशि खर्च कर सकें जिसने पास कोई वेतन नहीं आ रहा है...
जनज्वार ब्यूरो। कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के प्रयास में दूसरा लॉकडाउन समाप्त हो चुका है। जबकि तीसरा लॉकडाउन अब भी जारी है। तीसरे लॉकडाउन के साथ ही देश के सभी इलाकों को रेड जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन में बांटा गया है। इस बीच सरकार ने शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी जिससे दुकानों के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें लगनी शुरु हो गईं। वहीं इसपर बॉलीवुड अभिनेत्री और लेखिका सिमी ग्रेवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
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सिमी ने अपने ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट में लिखा, 'मैं उस 'इंडियट' का नाम जानना चाहती हूं जिसने निर्णय लिया कि महामारी के बीच शराब की दुकान खोली जानी जुररुी हैं।' एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'होटल नहीं। रेस्तरां नहीं। सैलून नहीं। केवल सस्ती शराब की दुकानें ताकि गरीब बची हुई धनराशि खर्च कर सकें, जिनका कोई वेतन नहीं आ रहा है और घर जाकर अपनी पत्नियों और बच्चों को पीट सकें।'
#I want to know the name of the 'idiot' who decided that the liquor shops should be opened in the middle of the pandemic!!!
— Simi Garewal (@Simi_Garewal)May 5, 2020
इससे पहले सिमी ग्रेवाल ने एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति शराब के नश में धुत होकर लड़खड़ाता हआ नजर आ रहा है। पैदल चल रहा बुजुर्ग व्यक्ति कुछ दूर तक चलने के बाद अपना संतुलन खो देता है और पास लगी झाड़ियों में गिर पड़ता है। इस वीडियो पर सिमी ग्रेवाल ने लिखा, 'लॉकडाउन खुल गया है।'
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सिमी ग्रेवल के इन ट्वीट्स पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं। एक यूजर ने लिखा, 'मैम, मैं आपको किस किस बेवकूफ का नाम बतलाऊँ सिर्फ ये आप समझ लीजिए कि जिसके पास बीवी बच्चे नहीं है वह भी एक बेवकूफ है और जिसके पास बीवी बच्चे हैं वह भी एक बेवकूफ ही है। ग़ालिब की पंक्ति है। बेवकूफों की कमी नही ग़ालिब, एक ढूँढो हज़ार मिलते हैं।'
मैम, मैं आपको किस किस बेवकूफ का नाम बतलाऊँ सिर्फ ये आप समझ लीजिए कि जिसके पास बीवी बच्चे नहीं है वह भी एक बेवकूफ है और जिसके पास बीवी बच्चे हैं वह भी एक बेवकूफ ही है। ग़ालिब की पंक्ति है।बेवकूफों की कमी नही ग़ालिब
एक ढूँढो हज़ार मिलते हैं ।
— Dr.Raza.M.Haashir (@DrHaashir) May 6, 2020
वरिष्ठ पत्रकारर प्रशांत टंडन ने लिखा, 'आपको क्या लगता है मोदी के अलावा कोई और क्या खुद ऐसे फैसले ले सकता है।'
Do you think anybody other than Modi himself can take such decisions?— Prashant Tandon (@PrashantTandy) May 6, 2020
एक अन्य ट्विटर यूजर ने इसके जवाब में लिखा, 'एक ही उल्लू काफ़ी है बर्बाद ए गुलिस्तां करने को... हर शाख पे उल्लू बैठे हैं, अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा।'
एक ही उल्लू काफ़ी है बर्बाद ए गुलिस्तां करने को...
हर शाख पे उल्लू बैठे हैं, अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा...
— M. F. Anwar #faf (@TeacherHuBe) May 5, 2020