स्वामी अग्निवेश ने 'बुर्के में जंतु जैसी लगती हैं महिलाएं' बयान पर मांगी माफी

Update: 2019-05-08 11:08 GMT

स्वामी अग्निवेश ने कहा मेरे मुंह से कोई ऐसी बात निकली है जिसमें मैंने बुर्के में लिपटी हुई मुस्लिम महिला को जंतु की तरह पेश किया तो उसे मैं वापस लेता हूं। मेरा इरादा किसी को अपमानित करने का नहीं था...

जनज्वार। सामाजिक कार्यकर्ता स्वा​मी अग्निवेश कहते हैं, 5 मई 2019 को भोपाल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैंने मुख्य रूप से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के पक्ष में और प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ अपने विचार रखे थे और मैं अभी भी मानता हूँ कि प्रज्ञा ठाकुर आतंकवाद के मुद्दे पर एक आरोपी महिला है।

यह बहुत गंभीर मामला है। आतंकवाद के आरोपित को किसी भी हालत में भोपाल की सीट से या किसी भी सीट से भारतीय जनता पार्टी या उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा अपना उम्मीदवार नहीं बनाना चाहिए था। ऐसा करके मोदी और उनकी पार्टी भाजपा ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को पूरी तरीके से बदनाम कर दिया। अभी भी समय है कि वह प्रज्ञा ठाकुर का नाम वापस लें, ताकि अभी तक जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई हो सके।

बकौल स्वामी अग्निवेश, मेरा यह स्पष्ट विचार है कि पूरे भारत में भारतीय जनता पार्टी को दिया गया एक एक वोट महान शहीद हेमंत करकरे की शहादत का अपमान होगा। प्रज्ञा ठाकुर के बयान अक्षम्य और अति निंदनीय हैं।

जहां तक सवाल मुस्लिम औरतों के बुर्के का है, मैंने स्पष्ट किया था कि इस्लाम में ऐसी कोई बंदिश नहीं है। हजरत खदीजा और हजरत आयशा जैसी विदुषी मुस्लिम महिलाएं कभी बुर्के में नहीं रहीं और न ही हमारे और पड़ोसी देश की जानी मानी मुस्लिम राजनीतिक नेता जैसे बेनजीर भुट्टो या बांग्लादेश के प्रधानमंत्री हसीना जी आदि। इसलिए इस्लाम से इसको जोड़ना बहुत गलत है।

हिंदू औरतें चाहे हरियाणा की हों या राजस्थान की, घूंघट में रहती हैं तो वह भी गलत है। ऐसे घूंघट का भी आर्य समाज पूरी तरह विरोध करता है और चाहता है कि मुस्लिम समाज के नेता स्वयं आगे बढ़कर बुर्के पर पहल करें और उसे सुधारें, जैसे केरल के मुस्लिम समाज के लोगों ने शुरुआत कर दी है।

स्वामी अग्निवेश ने कहा इस संदर्भ में यदि मेरे मुंह से कोई ऐसी बात निकली है जिसमें मैंने बुर्के में लिपटी हुई मुस्लिम महिला को जंतु की तरह पेश किया तो उसे मैं वापस लेता हूं। मेरा अभिप्राय किसी को अपमानित करने का नहीं था, लेकिन स्लिप ऑफ टंग जिसको कहते हैं, हो गया होगा और उसके लिए मैं खेद प्रकट करता हूं। मैंने भोपाल के गांधी भवन की जनसभा में 5 मई 2019 की शाम को इस बात को स्पष्ट कर दिया था। मुझे विश्वास है कुछ अखबारों ने तुरंत खबर छापकर, लेकिन मेरे स्पष्टीकरण को न छापकर जो गलत धारणा बनाई, वे उसे सही करेंगे।

गौरतलब है कि स्वामी अग्निवेश ने भोपाल में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के चुनाव प्रचार के दौरान बुर्के को लेकर बयान दिया था कि बुर्के में महिलाएं जंतु जैसी नजर आती हैं। इन्हें देखकर डर लगने लगता है, इसलिए पूरी दुनिया में बुर्के पर प्रतिबंध लगना चाहिए।'

उनके इस बयान का मुस्लिम उलेमाओं ने कड़ा विरोध किया था और कहा था कि उन्हें अपने इस बयान पर तुरंत माफी मांगनी चाहिए। स्वामी अग्निवेश ने इस तरह की बयानबाजी कर मुसलमानों के दिलों को ठेस पहुंचाई है।

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