मुजफ्फरपुर रेप कांड के आरोपियों को बचा रहे हैं नीतीश, नैतिक आधार पर दें इस्तीफा : तेजस्वी यादव

Update: 2018-08-11 13:01 GMT

पुलिस छापेमारी में मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड के आरोपी ब्रजेश ठाकुर के पास से जेल में मिले 40 ओहदेदार लोगों के फोन नंबर, माना जा रहा है इनके तार जुड़े हो सकते हैं सेक्स रैकेट से...

जनज्वार। बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम सेक्स स्कैंडल मामले में नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए आज विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने भाजपा समर्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे घटना में शामिल आरोपियों को बचा रहे हैं, क्योंकि इसके तार टॉप लेबल के नौकरशाहों और मंत्रियों से जुड़े हुए हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश से इस जघन्य बलात्कार कांड में इस्तीफे की मांग करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि अब वे राज्य की सत्ता संभालने में असमर्थ हो रहे हैं। नीतीश के साथ तेजस्वी ने गृहमंत्री के भी इस्तीफे की मांग की।

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मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक तेजस्वी ने न सिर्फ शेल्टर होम सेक्स स्कैंडल के तार नीतीश सरकार से होने के आरोप लगाए, बल्कि यह भी दावा किया कि आश्रय घर से स्थानांतरित लड़कियां गायब हैं। इस मसले पर उन्होंने मधुबनी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया

तेजस्वी ने कहा नीतीश सरकार की समाज कल्याण मंत्री महोदया मंजू वर्मा ने भले ही अपना इस्तीफा दे दिया हो, क्योंकि उनके और उनके पति के तार मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से जुड़े हैं, मगर नीतीश अन्य नेताओं और अधिकारियों को बचा रहे हैं।



बच्चियों के बलात्कार की इस घटना का खुलासा होने के बाद अपने एक खुले पत्र में तेजस्वी ने लिखा था, 'मेरी भी सात बहनें हैं। बच्चियों के साथ हुई इस अमानवीय घटना से मैं सो नहीं पाया हूं।'

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तेजस्वी ने नीतीश पर कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के गिनती के छप रहे अखबार को करोड़ों रुपये के विज्ञापन आखिर सरकार ने क्यों दिए। आखिर सरकार ने उसके एनजीओ को बिना जांच के दिल खोलकर बड़े पैमाने पर फंड किस आधार पर दिया।

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दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर जेल में जिला अधिकारी और एसएसपी द्वारा की गई छापेमारी के दौरान बच्चियों के साथ बलात्कार के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के पास से मिले कागज पर 40 मोबाइल नंबर पुलिस को बरामद हुए हैं। खबर है कि इन 40 नामों में समाज के कई प्रभावशाली लोगों और टॉल लेबल के नौकरशाहों के नाम लिखे हैं। साथ ही इसमें एक मंत्री का नाम भी शामिल होने की बात कही जा रही है।

गौरतलब है कि बिहार में 15 अगस्त के पहले हर साल जेलों में छापेमारी की जाती है। इसी कड़ी में आज हर ज़िला मुख्यालय में जेलों में छापेमारी की गयी, जिसमें मुजफ्फरपुर की वह जेल भी शामिल है, जिसमें ब्रजेश ठाकुर को रखा गया है।

ब्रजेश ठाकुर के पास से 40 ओहदेदार लोगों के मोबाइल नंबर मिलने के बाद अब प्रशासन बीमारी का बहाना बना मेडिकल वार्ड में उसके रहने को उसकी चाल मान रहा है। माना जा रहा है कि इसके बाद उस पर शिकंजा कसेगा।

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इससे पहले सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर के मुजफ्फरपुर के घर, बाल गृह और प्रेस पर छापेमारी की और उनके बेटे से पूछताछ की।

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