मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग के प्रश्नपत्र में भील जनजाति को अपराधी और शराबी बताने से मचा बवाल
इसका विरोध कर रहे लोग बोले, मध्य प्रदेश में शिक्षा के संस्थानों में प्रमुख पदों पर ब्राह्मणवादियों का है कब्जा, जो एसटी, एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय को हमेशा शिक्षा से रखना चाहते हैं वंचित...
रोहित शिवहरे
भोपाल, जनज्वार। देशभर के विश्वविद्यालयों में CAA और NRC को लेकर पहले से ही बवाल मचा हुआ है, वहीं अब मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रश्नपत्र में भील जनजाति को लेकर पूछे गए एक सवाल ने बवाल काट दिया है। एमपीपीएससी के पेपर में सीसैट के अंदर एक अनसीन पैसेज में भील जनजाति को शराब में डूबी हुई और धन कमाने के लिए गैर वैधानिक और अनैतिक कामों में लिप्त जनजाति बताया गया है।
प्रश्नपत्र में पूछे गए सवाल नंबर 99 में पूछा गया है कि भीलों की अपराधिक प्रवृत्ति का मुख्य कारण क्या है, जिसमें 4 ऑप्शन दिए गए हैं। पहला ऑप्शन देनदारी में पूरी न कर पाना, दूसरा ऑप्शन ईमानदारी से काम करना, तीसरा ऑप्शन अनैतिक कार्य करना और चौथा ऑप्शन गांव से पलायन करना है।
इसी तरह सवाल नंबर 100 में पूछा गया है कि धन उपार्जन के लिए भील कैसे कामों में संलिप्त हो जाते हैं इस प्रश्न में विचार ऑप्शन है जिसमें ए सामाजिक काम, बी धार्मिक काम, सी गैर वैधानिक और अनैतिक काम, डी कठिन से कठिन काम इसमें जो ऑप्शन दिए गए हैं जिसमें गैर वैधानिक और अनैतिक काम करना इसे लेकर भील समाज नाराज हो गया है।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्यसेवा और राज्य वन सेवा की परीक्षा 12 जनवरी को आयोजित हुई थी। परीक्षा के सी सैट में एक गद्यांश में लिखा गया है "भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का भी एक प्रमुख कारण यह है कि सामान्य आय से अपनी देनदारियां पूरी नहीं कर पाता। फलत: धन उपार्जन की आशा में गैर वैधानिक तथा अनैतिक कामों में भी संलिप्त हो जाते हैं।"
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने मध्य प्रदेश के 10 संभागों की परीक्षा के लिए जिन संभागीय पर्यवेक्षकों की व्यवस्था की थी, उनमें से रीवा संभाग के पर्यवेक्षक सेवानिवृत्त आईएएस महेंद्र सिंह भिलाला थे जोकि भील जाति की उपजाति भिलाला से आते हैं।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर पंचभाई ने जनज्वार से बातचीत में कहा कि परीक्षा का प्रश्न पत्र पूर्णता ब्लाइंड होता है, उसे 2 लोग ही मिलकर बनाते हैं। वह सील पैक हमारे पास आता है और सील पैक ही चला जाता है। उन दोनों को नोटिस जारी किया जा रहा है। उनके जवाब के बाद समिति निर्णय लेगी।
इस संबंध में मध्य प्रदेश भीम आर्मी प्रमुख सुनील अस्ते बताते हैं कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के खिलाफ आज हमने सिहोर में विरोध प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। कल हम उज्जैन में विरोध करेंगे। जब तक आयोग प्रमुख और सचिव पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज नहीं हो जाती तब तक हम प्रदर्शन करते रहेंगे।
वे आगे कहते हैं मध्य प्रदेश में शिक्षा के संस्थानों में प्रमुख पदों पर ब्राह्मणवादियों का कब्जा है। ये लोग एसटी, एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय को हमेशा शिक्षा से वंचित रखना चाहते हैं। इसके पहले माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड ने भी परीक्षा मे आरक्षण के विरोध में निबंध लिखने का प्रश्न दिया था, क्योंकि आरक्षण संवैधानिक अधिकार है उसके विरोध में निबंध यह दर्शाता है किस संविधान विरोधी लोग हैं। हम इनकी मंशा अच्छी तरह समझते हैं। पर हम इनके इरादों को पूरा नहीं होनेदेंगे।
इस संबंध में मनावर क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने इस विषय पर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि इस निंदनीय कृत्य का पूरा आदिवासी समुदाय पुरजोर विरोध करता है और साथ ही महामहिम से निवेदन करता है मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष भास्कर चौबे और सचिव रेनू पंत की जवाबदेही तय कर उन्हें बर्खास्त किया जाए अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत मामला दर्ज किए जाने का आदेश जारी करें। इतना ही नहीं परीक्षार्थियों के भविष्य और परिश्रम को ध्यान में रखते हुए गद्यांश और उसके पास सवालों को निरस्त करने की भी मांग की गयी है। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा इस निंदनीय कृत्य की लिखित सार्वजनिक रूप से माफी मांगी जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया है कि भील एक स्वाभिमानी, परिश्रमी और कर्मठ जनजाति है। टंट्या भील जैसे अमर और महान क्रांतिकारी को इस जनजाति ने जन्म दिया है। अत्यंत भोले-भाले लोग हैं। हमें गर्व है कि भील जनजाति बड़ी संख्या में मध्य प्रदेश में निवासरत है। भील जनजाति पर इस प्रकार की अपमानजनक टिप्पणी करना अत्यंत निंदनीय है। प्रदेश सरकार से मांग करता हूं कि जिसने भी यह प्रश्न पत्र बनाया है उसके यह विचार हैं उसके खिलाफ कार्यवाही की जाए। साथ ही साथ यह अंश किसी पुस्तक से लिए गए हैं तो सरकार उस पुस्तक पर प्रतिबंध लगाए और लेखक के खिलाफ कार्यवाही करे।
पंधाना के भाजपा विधायक राम दांगोरे जो की भील समुदाय से हैं। वे भी इस परीक्षा मे परीक्षार्थी के रूप में शामिल हुए थे। उन्होंने इस पर आपत्ति जताई थी और साथ ही इसके विरोध में सीएम का पुतला फूंकने का ऐलान किया था।