पुरी दुनिया चर्चा कर रही इस कार्टून पर, भारत में भी लोग कह रहे हैं अपने देश की मीडिया का है यही हाल

Update: 2018-02-06 18:24 GMT

पर भारत में कुछ बता रहे पत्रकारिता की चाटुकारिता पर व्यंग्य में यह अश्लीलता नहीं है अच्छी, इसका नहीं होना चाहिए समर्थन

हालांकि भारतीय समाज की सार्वजनिक बहसों और बातों में 'गांड में घुस जाओ', 'उससे गांड मरा ली', 'जाओ उसकी गांड में तेल लगाओ', जैसी शब्दावलियों का चाटुकारिता के संदर्भ में खूब होता है प्रयोग

बीबीसी ने बनाया है यह कार्टून, गुड मार्निंग ब्रिटेन के एंकर पिएरस मॉर्गन के 'फर्स्ट इंटरव्यू विद ट्रंप' के पिछले हफ्ते जारी होने के बाद दो दिन पहले आया है यह कार्टून। बीबीसी के कार्टूनिस्ट और प्रस्तुतकर्ता राहेल पेरिस का कहना है, 'गुड मॉर्निंग ब्रिटेन' के एंकर द्वारा ट्रम्प के किए गए साक्षात्कार से प्रभावित और उत्साहित होकर बनाया है मैंने यह कार्टून, इसके जरिए मैंने कटाक्ष करते हुए दो पुरुषों के बीच अति अंतरंगता को रेखांकित करने की है कोशिश

इंग्लैंड के जिस पत्रकार पिएरस मॉर्गन पर यह कार्टून बनाया गया है, वे हैं बीबीसी की इस हरकत से बेहद खफा, उनका सवाल है कि अगर मेरी जगह होती कोई महिला साक्षात्कारकर्ता, तो भी क्या बीबीसी बनाता ऐसा वाहियात 'समलैंगिकता' और 'यौन संबंध' को दिखाने वाला कार्टून।

बीबीसी के इस कार्यक्रम का नाम है टू शो द मेश रिपोर्ट। कार्यक्रम सबसे पहले वृहस्पतिवार के दिन 1 फरवरी को बीबीसी 2 में प्रसारित हुआ था। इसके प्रसारण से आहत पत्रकार पिएरस मॉर्गन का कहना है कि बीबीसी ने मेरे साथ लैंगिक भेदभाव बरता है।

उन्होंने बीबीसी से सवाल किया है कि क्या तब भी ऐसा प्रसारण होता अगर अमेरिका की राष्ट्रपति हिलेरी क्लिंटन और इंटरव्यू लेने वाली कोई महिला होती?

पिएरस मॉर्गन जानना चाहते हैं कि अगर कल को ट्रंप ऐसी कोई तस्वीर ट्वीट कर दें जिसमें हिलेरी क्लिंटन और कोई महिला साक्षात्कारकर्ता इस पोजिशन में हो तो आप फिर त्राहि—त्राहि क्यों मचाएंगें? किस नैतिकता से उसका विरोध करेंगे।

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