कुशीनगर में स्कूल वैन से टकराई ट्रेन, ड्राइवर समेत 14 की मौत आधा दर्जन गंभीर रूप से घायल

Update: 2018-04-26 10:14 GMT

गोरखपुर, जनज्वार। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर विशुनपुरा थाना क्षेत्र के बहपुरवा रेलवे क्रासिंग पर आज सुबह—सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर एक बड़ा हादसा हो गया। बहपुरवा रेलवे क्रॉसिंग पर सामने से आ रही सीवान से गोरखपुर जाने वाली ट्रेन से बच्चों से भरी एक मैजिक वैन टकरा गई, जिसमें 1 दर्जन से ज्यादा बच्चों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

वैन से स्कूल जा रहे गंभीर रूप से घायल बच्चों को इलाज के लिए कुशीनगर जिला अस्पताल भेज दिया गया है। मौके पर स्थानीय लोग और पुलिस बचाव दल पहुंच चुका है।

घटना की जांच कर रही पुलिस के मुताबिक हादसे में कुल 13 बच्चे मारे गए हैं, जबकि 4 की हालत गंभीर बनी हुई है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक घटना तब हुई जब स्कूली बच्चों से भरी बस फाटकविहीन रेलवे क्रासिंग को पार कर रही थी और तभी अचानक ट्रेन आ गई, ट्रेन ने स्कूल वैन के परखच्चे उड़ा दिए। दुदही बाजार स्थित डिवाइन स्कूलों की यह बस बच्चों को लेकर स्कूल आ रही थी।

ट्रैन से टकराई वैन के उड़ गए थे परखच्चे

इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कहा, कुशीनगर जिले में हुए दुर्भाग्यपूर्ण ट्रेन दुर्घटना में स्कूली बच्चों की मृत्यु पर गहरा दुःख पंहुचा। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को संबल देने की प्रार्थना करता हूँ। दुर्घटना से प्रभावित लोगों के समुचित इलाज की व्यवस्था कराने व हर सम्भव मदद करने के निर्देश दिए हैं।

फिलहाल मुख्यमंत्री ने प्रशासन को राहत व बचाव कार्य में जुटने का निर्देश देते हुए मृतकों और घायल बच्‍चों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की आर्थ‍िक मदद देने की घोषणा की है। साथ ही गोरखपुर के कमिश्‍नर को घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

यह हादसा इतना भयानक था कि इसकी आवाजें दूर-दूर तक सुनाई दीं। बच्चों को ले जा रही स्कूल वैन के परखच्चे उड़ गए। सबसे पहले आसपास के लोग चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। उसके बाद पुलिस और प्रशासन को सूचना दी गई।

जब यह हादसा हुआ तभी मौके पर 11 बच्चों और ड्राइवर की मौत हो गई थी, जबकि दो बच्चों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अब तक इस हादसे से 14 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि अन्य कुछ की हालत भी गंभीर बनी हुई है।

हालांकि पहली जांच में यह सामने आया है कि यह हादसा स्कूल वैन चालक की गलती से हुआ है, क्योंकि उसने इयरफोन लगाया हुआ था, मगर इसके साथ ही सवाल यह भी कि क्या वहां रेलवे फाटक लगा होता तो भी यह घटना होती। गौरतलब है कि देश में 12 हजार ऐसे रेलवे फाटक हैं जहां क्रासिंग की कोई व्यवस्था नहीं है, उनमें से एक यह भी है, जिसने दर्जन भर से ज्यादा नौनिहालों की जान ले ली।

2016 में भी भदोही के पास फाटकविहीन क्रासिंग के पास बच्चों से भरी एक स्कूल वैन ट्रेन की चपेट में आ गई थी। उस हादसे में भी 10 बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि अन्य कई गंभीर रूप से घायल हुए थे। उस वक्त भी हादसे की वजह स्कूल ड्राइवर को ही बताया गया था। 

हालांकि ऐसे हादसों के बाद प्रशासन लीपापोती के लिए तमाम आश्वासन देता है और इस बार भी यही हुआ है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने फिर से आश्वासन दिया है कि 31 मार्च 2020 तक ऐसे हम सभी यूएमएलसी (मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग) को 2020 तक हटाने का प्रयास करेंगे।

हालांकि इसी के साथ लोहानी यह कहना नहीं भूले कि जब तक यूएमएलसी को हटा नहीं दिया जाता, तब तक लोगों को क्रॉसिंग पार करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। रेलवे ऐसा कोई भी कदम नहीं उठा सकती, जिससे लोगों की लापरवाही को रोक जा सके।

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