पैदल जा रहे मजदूर फंस गए 1600 फीट गहरी खाई में, पुलिस से पिटने के डर से छोड़ा था हाइवे का रास्ता

Update: 2020-04-25 02:30 GMT

रहने-खाने की व्यवस्था न होने के कारण यह तीनों मजदूर अपने गांव मध्यप्रदेश जाने का मन बना लिए और गुरुवार 23 अप्रैल की सुबह ही भिवंडी से निकले थे, तीनों मजदूर ऊटं घाटी में फंस गए...

भिवंडी से सुरेश यादव की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो। पुलिस की नजर से बचने के फिराक मे 1600 फीट गहरी घाटी में तीन मजदूर फंस गए। महाराष्ट्र के भिवंडी के वडपे गांव के वेयरहाउस मे काम करने वाले तीनों मजदूर बेरोजगारी से परेशान थे। रहने-खाने की व्यवस्था न होने के कारण यह तीनों मजदूर अपने गांव मध्यप्रदेश जाने का मन बना लिए और गुरुवार 23 अप्रैल की सुबह ही भिवंडी से निकल पड़े।

संबंधित खबर : हरियाणा के मुकाबले पंजाब में कोरोना से होने वाली मौतों की तादाद ज्यादा, NRI के आने से बिगड़ी स्थिति

पुलिस की नजर से बचने के लिए नरेंद्र चौधरी, राजेश कौल और फूलचंद रावत ने मुबंई नाशिक हाईवे के बजाय जंगल और पहाड़ी रास्ते से जाना ही बेहतर समझा। लतीफ वाडी और कासारा घाट पुलिस चौकी से बचने के लिए उन्होंने चिन्तामन वाडी नामक पहाड़ से होकर गुजरते हुए लगभग 13 किलोमीटर का रास्ता तय किया और दोपहर 3 बजे तक उटं घाटी पहुंच गए और रास्ता न होने के कारण रात 11 बजे तक 1600 फीट गहरे ऊटं घाटी मे भटकते रहे। तीनों जंगल और घाटी से निकलने का रास्ता ढूंढते परेशान हो गए तब उन्हें समझ मे आया कि वह तीनो फंस चुके है।

Full View का वातावरण भी डरावना लगने लगा था घाटी मे रात गुजरना खतरनाक भी साबित हो सकता था। देर रात इन तीनों को समझ मे आया की वह तीनों घाटी और जंगल मे फंस गए है, तीनो मजदूर परेशान और घबराए हुए थे। इन तीन मे से सिर्फ एक के पास मोबाइल था। इन लोगों ने पुलिस को 100 नंबर पर फोन लगाया और जोर-शोर से चिल्लाकर कहने लगे हम फंस गए है हमे बचाओ, हम घाटी और जंगल मे है।

रात 11 बजे और सामने से आ रही घबराहट भरी बेचैन कर देने वाली आवाज से पुलिस भी बेचैन हो गई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कसारा पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी दत्तू भोये, पीएसआइ महाले और खतीब की टीम ने आपदा प्रबंधन टीम, शहापुर पुलिस और पुलिस के व्हट्सएप्प ग्रुप को मैसेज भेज फंसे लोगो की खोजबीन मे लग गए। घनघोर अंधेरे के साथ साथ दुर्गम पहाड़ी होने के कारण तीनो मजदूर का पता नहीं चल पा रहा था।

Full View परेशान पुलिस ने फिर मोबाइल नंबर ट्रैक करने का निर्णय लिया। मोबाइल का लोकेशन घाटी के घाट देवी मन्दिर के सामने के टीले का मिल रहा था। पुलिस की टीम घाट देवी मन्दिर पहुंच गई। वहां से देखने पर टीले पर लाईट दिखाई दे रही थी। पुलिस को यह कन्फर्म हो गया कि मोबाइल की लाईट है और वह तीनो यहीं फंसे हुए है।

संबंधित खबर : ‘गो कोरोना गो’ का नारा देने वाले मोदी के मंत्री के सुरक्षा गार्ड को हुआ CORONA

पुलिस ने आपदा प्रबंधन टीम और घाट देवी गाव के रहवासी के सहयोग से फंसे लोगो का काम शुरू किया गया। 1600 फीट गहरी घाटी में फंसे हुए लोगो को आठ घंटे की कडी मेहनत के बाद बाहर लाया गया और पुलिस के हवाले कर दिया गया। बता दें कि गांव पलायन कर रहे मजदूर को पुलिस समझा बुझाकर वापस भेज रही है। लोग जिस पुलिस की नजरों से बच रहे हैं, यह इत्तिफाक ही है कि जिनकी नजर से बचने की कोशिश की उन्ही लोग मददगार साबित हुए।

Tags:    

Similar News