शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी का निधन

Update: 2017-10-24 22:56 GMT

शास्त्रीय संगीत के साथ ही उन्होंने ठुमरी गाने में भी महारथ हासिल की हुई थी। अपनी इसी खासियत की वजह से उन्हें ठुमरी की रानी की उपाधि से सुशोभित किया गया था...

हाय ननदी सोय गईं सैंया दुआरे सै फिरि गए...जैसे सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गाने को अपने स्वरों में पिरोने वाली गिरिजा देवी का आज 24 अक्तूबर की रात 9 बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। हिंदी कला जगत के लिए यह एक अपूर्णीय क्षति है।

ठुमरी गाने के लिए मशहूर गिरिजा देवी पिछले कुछ दिनों से बीमार थीं. उन्हें कोलकाता के बीएम बिड़ला नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था।

88 वर्षीय गिरिजा देवी बनारस घराने की शास्त्रीय गायिका थीं. शास्त्रीय संगीत के साथ ही उन्होंने ठुमरी गाने में भी महारथ हासिल की हुई थी। अपनी इसी खासियत की वजह से उन्हें ठुमरी की रानी की उपाधि से सुशोभित किया गया था।

1972 में पद्म श्री अवॉर्ड, 1989 में पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित गिरिजा देवी के निधन को हिंदी कला जगत की महान हस्तियों ने एक ऐसी अपूर्णीय क्षति बताया है, जिसे पूरा करना नामुमकिन है। कहा कि उनके साथ ही एक युग का अंत हो गया है।

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