देश के सबसे अमीर मंदिर तिरुपति बालाजी ने निकाले 1300 कर्मचारी

Update: 2020-05-03 05:53 GMT

मंदिर प्रशासन ने बंद पड़े काम और देशभर में जारी लॉकडाउन का हवाला देते हुए कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए 1300 कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू न करने की घोषणा कर दी....

जनज्वारः आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित देश के सबसे अमीर मंदिर भगवान वेंकेश्वर मंदिर (तिरुपति बालाजी मंदिर) ने अपने 1300 कर्माचारियों को निकाल दिया है. मंदिर प्रशासन ने राष्टव्यापी लॉकडाउन और काम बंद हो जाने का हवाला देते हुए कॉन्टैरक्ट को आगे बढ़ाने में असमर्थता जाहिर की है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने शुक्रवार को कर्मचारियों कॉन्ट्रैकट रिन्यू न करने के फैसले का ऐलान किया. बता दें तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) मंदिर का प्रबंधन देखता है.

गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी को कंट्रोल करने के लिए देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन के चलते कई कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को निकालने की खबरें आ रही हैं.

मंदिर ट्रस्ट तीन गेस्ट हाउस का संचालन करता है- विष्णु निवासम, श्रीनिवासम और माधवम. ये 1300 कर्मचारी इन तीनों गेस्ट के सेनिटेशन और हॉस्पिटेलिटी विभाग में लंबे समय से काम करते आ रहे थे.

क्या कहना है ट्रस्ट का?

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ट्रस्ट के प्रवक्ता टी रवि ने इस पूरे मसले पर कहा, कर्मचारियों देने वाली जिस एजेंसी के साथ कौन्ट्रेक्ट किया था वह 30 अप्रैल को समाप्त हो गया. आमतौर पर कॉन्ट्रैक्ट के लिए नए टेंडर जारी किए जाते हैं और यह उस एसेंजी को दिए जाते हैं जो कि सबसे कम बोली लगाए. लेकिन लॉकडाउन के कारण टेंडर फाइनल करने के लिए टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड की मीटिंग नहीं हो सकी.

बोर्ड का कहना है कि 30 अप्रैल को आखिरी कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद से, सभी 1,300 कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की सर्विस को मई से बंद कर दिया गया है. रवि ने कहा, "सबकुछ कानून के मुताबिक हुआ है. इन कर्मचारियों के लिए अब कोई काम नहीं है, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से सभी गेस्ट हाउस बंद हैं."

बता दें मंदिर में चढ़ाए जाने वाले दान के आधार पर तिरुपति बालाजी मंदिर को देश का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है. यहां रोज 50 हजार से 100,000 लोग आते हैं.

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