त्रिपुरा में बीजेपी ने रचा इतिहास, 25 साल से सत्तासीन लेफ्ट हुई बाहर

Update: 2018-03-03 12:25 GMT

पूर्वोत्तर में भाजपा ने रचा इतिहास, वामपंथियों के त्रिपुरा चुनाव हारने से उठ रहे हैं सवाल...

नॉर्थ ईस्ट के त्रिपुरा में मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने एक बड़ी जीत हासिल की है। पिछले 25 सालों से सत्तासीन वामपंथियों को सत्ता से बेदखल कर दिया है।

लेफ्ट को जहां 19 सीटें मिलती नजर आ रही हैं, वहीं बीजेपी 40 से भी ज्यादा सीटों पर जीतती नजर आ रही है।

इसे बीजेपी की एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृहराज्यमंत्री किरण रिजिजू कहते हैं, नॉर्थ ईस्ट की जनता ने विकास को चुना है। मोदी जी खुद लोगों के बीच गए, उन्हें बताया, हमारे कार्यकर्ताओं ने ग्रासरूट लेबल पर जाकर पिछले सालों में काम किया है। पूर्वोत्तर की जनता को यह समझ में आया तो उन्होंने बीजेपी को सत्ता सौंपी। पिछले 25 सालों से वहां लेफ्ट का राज था, अगर उन्होंने काम किया होता तो जनता बीजेपी को नहीं चुनती।

गौरतलब है कि पिछले 25 साल से त्रिपुरा में माणिक सरकार के नेतृत्व में वाम सरकार थी। इस बार राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भाकपा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और निर्दलियों सहित कुल 290 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे, जिनमे कुल 23 महिलाएं थीं।

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भाजपा के कुल 51 उम्मीदवार इस बार चुनावी मैदान में थे, और लगभग हर सीट पर बीजेपी जीतती नजर आ रही है। नौ सीटों पर बीजेपी का सहयोगी दल इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के उम्मीदवार खड़े थे।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के समेत भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने त्रिपुरा में चुनावी प्रचार के दौरान रैलियों को संबोधित किया था।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्रिपुरा में बीजेपी को मिली जीत के बाद इसे भारतीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए ट्वीट किया, त्रिपुरा में हमें जो ऐतिहासिक जीत मिली है उसके लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह जी और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई देना चाहूंगा। त्रिपुरा ही नहीं नागालैंड और मेघालय में भी हमारा प्रदर्शन ऐतिहासिक है। निश्चित तौर पर यह जीत भारतीय राजनीति के लिए ऐतिहासिक है और महत्वपूर्ण भी।

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