चीन ने खोले निवेश के चौतरफा दरवाजे

Update: 2019-03-15 16:03 GMT

चीन की एनपीसी का हुआ समापन, दुनिया भर में रही चर्चा

पांच मार्च को शुरू हुई थी नेशनल पीपुल्स कांग्रेस, जिसमें देशभर के 2970 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन के दौरान सरकारी कार्य रिपोर्ट पारित की गयी, स्थायी समिति की कार्य रिपोर्ट के साथ-साथ विदेशी निवेश कानून भी हुआ पास...

बीजिंग से अनिल आजाद पांडेय की रिपोर्ट

पिछले दस दिन से जारी नेशनल पीपुल्स कांग्रेस का अधिवेशन आज संपन्न हो गया। एक ऐसी हलचल जिसकी न केवल चीन में चर्चा हो रही थी, बल्कि अन्य देशों में भी। इसकी एक वजह यह भी है कि यह साल में सिर्फ एक बार होती है और इस दौरान तमाम बड़े मुद्दों पर चर्चा की जाती है।

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इसके साथ ही महत्वपूर्ण कानूनों को भी मंजूरी दी जाती है। अर्थव्यवस्था के साथ-साथ आम लोगों से जुड़े मसलों पर भी विचार विमर्श होता है। चीन की राजधानी बीजिंग के ऐतिहासिक जन वृहद भवन में चीनी राष्ट्रपति शीचिनफिंग, प्रधानमंत्री ली खछ्यांग व तमाम प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इस एनपीसी का समापन हुआ।

इस बार के सम्मेलन में प्रधानमंत्री द्वारा कांग्रेस के समक्ष पेश की गयी सरकारी कार्य रिपोर्ट पर विचार किया गया। आखिर में मतदान के जरिए यह रिपोर्ट पास की गयी। इसके साथ ही 2018 की आर्थिक व सामाजिक विकास योजना की स्थिति की समीक्षा की गयी। वहीं इस साल की योजना को विचार-विमर्श के बाद पारित किया गया, जबकि 2019 के स्थानीय और केंद्रीय बजट समेत अन्य प्रमुख प्रस्ताव भी प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से पारित किए।

हालांकि इस अवधि में विदेशी निवेश कानून भी पास कर दिया गया। यह एक ऐसा कानून है, जिसकी बहुत चर्चा हुई। इस कानून के जरिए चीन ने सुधार और खुलेपन की इच्छा जाहिर की। जैसा कि चीन बार-बार कहता रहा है कि वह खुली दुनिया का पक्षधर है, जबकि अमेरिका संरक्षणवाद की वकालत करते हुए अमेरिका फर्स्ट की नीति पर जोर दे रहा है।

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ऐसी स्थिति में अगर चीन खुलेपन की वकालत कर रहा है तो उसके इस कदम का स्वागत किया जाना चाहिए। चीन सरकार का कहना है कि विदेशी निवेश कानून के लागू होने पर विदेशी निवेशकों व उद्यमों के हितों की रक्षा हो सकेगी। साथ ही चीन में निवेश का माहौल बेहतर होगा। इससे संकट से जूझ रही चीनी अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलेगा।

विदेशी निवेश कानून के अलावा सम्मेलन में इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स को लेकर भी चर्चा हुई। चीनी प्रतिनिधियों ने कहा कि चीन देश के भीतर व बाहर इस कानून के निष्पक्ष इस्तेमाल के लिए काम करता रहेगा।

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गौरतलब है कि बीजिंग में दो सत्रों का आयोजन किया गया। इनमें से एक सत्र यानी सीपीपीसीसी का सम्मेलन 13 मार्च को खत्म हो गया था। इस सलाहकार संस्था में नामित सदस्य शामिल होते हैं, जो खेल, कानून, शिक्षा, मनोरंजन, कला, संस्कृति आदि क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

(चाइना मीडियाग्रुप के हिंदी रेडियो में वरिष्ठ पत्रकार अनिल आज़ाद पांडेय चीन-भारत मुद्दों पर अकसर भारतीय व अंतरराष्ट्रीय मीडिया में समसामयिक टिप्पणी लिखते हैं। इसके साथ ही ‘हैलोचीन’ पुस्तक के लेखक भी हैं।)

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