लॉकडाउन के कारण भतीजे की शादी में शामिल नहीं हो पाया चाचा, काट ली हाथ की नस, अब पड़ा है अस्पताल में
लॉकडाउन के नियमों के तहत सीमित संख्या में बारात ले जाने की बाध्यता है। अपने भतीजे के बारात में न जाने पर चाचा इस कदर नाराज हो गए कि धारदार चाकू को अपने हाथ पर मारकर खुद को लहूलुहान कर लिया...
मिर्जापुर से पवन जायसवाल की रिपोर्ट
जनज्वार ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के अहरौरा थाना क्षेत्र में सोमवार 1 मई को एक चाचा लॉकडान के कारण अपने भतीजे की शादी में शामिल नहीं हो पाया तो उसने अपने हथेली की नस को चाकू से काट दिया। एक तरफ भतीजे की बारात निकलने की तैयारी हो ही रही थी कि दूसरी ओर चाचा लहूलुहान पड़े थे। चाचा की दसा को देखते हुए भतीजे ने बारात को ले जाने से मना कर दिया हालांकि काफी मान-मनोव्वल के बाद भतीजा बारात लेकर विदा हुआ। चाचा का उपचार चल रहा है।
बता दें कि लॉकडाउन के नियमों के तहत सीमित संख्या में बारात ले जाने की बाध्यता है। मामला अहरौरा थानाक्षेत्र के अहरौराडीह का है। अपने भतीजे के बारात में न जाने पर चाचा इस कदर नाराज हो गए कि धारदार चाकू को अपने हाथ पर मारकर खुद को लहूलुहान कर लिया।
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चाचा के लहूलुहान होने पर शादी का सारा उत्साह कुछ समय के लिए ठंडा पड़ गया। चाचा की दशा देख दूल्हा बने ओमप्रकाश भी शादी के लिए जाने को तैयार ही नहीं हो रहे थे। लेकिन परिजनों ने किसी तरह से समझा-बुझा कर विवाह के लिए भेजा।
तय हुआ कि पांच लोग ही बराती होंगे
हुआ यह कि जिले के अहरौराडीह के ओमप्रकाश की बारात चंदौली जिले के लिए जाने की तैयारी कर रही थी। लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते वर और कन्या पक्ष के लोगों ने तय किया कि पांच लोग ही बतौर बाराती जाएंगे। इसी शर्त पर बारात निकलने की सोमवार को दोपहर में तैयारी चल रही थी।
इसी बीच कहीं से दुल्हे राजा के चाचा समधी बनकर जाने की जिद करने लगे। जब परिजनों ने लॉकडाउन के चलते पांच लोगों के ही जाने की बात उनको बताई तो बुरा मान गए। यह बात उनको इतनी बुरी लगी कि धारदार हथियार से अपना हाथ काट लिया। परिजनों ने निजी चिकित्सक के यहां उपचार कराया। चाचा इस वक्त घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।