यूपी में शुरू हुआ मुखबिर बनाने का रोजगार,  कट्टा पकड़वाने का हजार रुपए तो पिस्टल का मिलेगा 5 हजार

Update: 2019-07-06 06:46 GMT

"घर बैठे हजारों कमाएं" वाला इश्तेहार जारी किया है उत्तर प्रदेश पुलिस ने, कहा जो लोग बनेंगे इस योजना का हिस्सा वे अपराधियों और अपराध के बारे में पुलिस अधीक्षक के सरकारी मोबाईल नम्बर पर फोन कर दें सूचना...

बलरामपुर से फरीद आरजू की रिपोर्ट

जनज्वार। नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले मे अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने एक नया तरीका अपनाया है, जिसे "मुखबिर रोजगार योजना"का नाम दिया गया है। इसके तहत अवांछनीय गतिविधियों की सही सूचना देने वालों को पुलिस ने इनाम के तौर अच्छी रकम देने का ऐलान किया है। बलरामपुर पुलिस के इस पहल की सोशल मीडिया पर खूब वाहवाही हो रही है।

पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा इस योजना के बारे में बताते हैं कि अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से "मुखबिर रोजगार योजना"की शुरुआत की गई है। अभ्यस्त अपराधियों के बारे मे तो पुलिस के पास अनेक जानकारियां होती हैं, लेकिन नये अपराधियों के बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है, जिन्होंने युवा होने के कारण न जाने किन कारणों से आपराधिक वारदातों में अभी कदम रखा है। ऐसे अपराधियों पर नकेल कसने के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि उनका खुफिया नेटवर्क मजबूत हो।

पुलिस अधीक्षक कहते हैं कि इस योजना के तहत चोरी की गाड़ी पकडवाने पर मुखबिर को 1 हजार रुपया नकद और एक कट्टा पकडवाने पर भी एक हजार रूपया नकद की घोषणा की गई है, जबकि एक अवैध पिस्टल /रिवाल्वर पकडवाने पर पाँच हजार रूपये का ईनाम दिया जायेगा। साथ ही ऐसे अपराधों की सूचना देने वाले मुखबिरों का नाम पुलिस एकदम गुप्त रखेगी, ताकि वो बिना डरे पुलिस की मदद कर पाएं और हमारा समाज अपराधमुक्त हो पाए।

गौरतलब है कि "मुखबिर रोजगार योजना" को लेकर पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा की ओर से एक इश्तेहार भी जारी किया गया है, जो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।

Full View इश्तेहार में लिखा है "घर बैठे हजारों कमाएं, बलरामपुर पुलिस को अपराधियों के बारे में सूचना दें और हजारों कमायें।" इश्तेहार में यह भी कहा गया है कि जो लोग इस तरह पुलिस की मदद करेंगे, वे अपराधियों और अपराध के बारे में पुलिस अधीक्षक के सरकारी मोबाईल नम्बर पर फोन कर सूचना दें। सूचना देने वालो की पहचान गुप्त रखी जायेगी। इसके अलावा सूचना सही पाये जाने पर इनाम की धनराशि नकद अथवा मुखबिर के बैंक एकाउंट मे जमा कराने की बात लिखी गई है।

पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा कहते हैं कि मुखबिर रोजगार योजना के शुरूआती दौर मे इसके अच्छे परिणाम देखे जा रहे हैं। हाल ही मे 17 लाख रुपये की शराब बरामदगी से लेकर मोटर साइकिल चोर गिरोह के रैकेट का खुलासा मुखबिर रोजगार योजना का ही हिस्सा है।

Tags:    

Similar News