अमेरिकी आयोग ने मोदी सरकार को लताड़ा, कहा- सफूरा जरगर को रिहा करो

Update: 2020-05-15 15:19 GMT

अमेरिकी आयोग ने भारत सरकार से सीएए कानून के खिलाफ गिरफ्तार हुए प्रदर्शनकारियों को छोड़ने की मांग की है. इतना ही नहीं उन्होंने पिछले महीने गिरफ्तार हुई सफूरा जरगर को भी रिहा करने के लिए कहा है…

जनज्वार। अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने भारत से कोविड -19 संकट के दौरान सीएए कानून का विरोध करने वाले 'प्रिजनर ऑफ कॉन्साइंस' को छोड़ने के लिए कहा है. आपको बता दें कि प्रिजनर ऑफ कॉन्साइंस का मतलब ऐसे कैदियों से हैं, जिन्हें राजनीतिक, धार्मिक, या अन्य धर्मनिरपेक्ष रूप से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए गिरफ्तार किया गया. यूएससीआईआरएफ ने मोदी सरकार से अपील की है कि इस वक्त भारत को ऐसे कैदियों को छोड़ देना चाहिए जिन्होंने अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के तरत प्रदर्शन किया.

यह भी पढ़ें : ममता सरकार के पीछे पड़े बीजेपी IT सेल के हेड अमित मालवीय, कोरोना के बहाने शुरू किया मिशन 2021

मेरिकी आयोग ने विशेष रूप से भारत के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की एक रिसर्च स्कॉलर सफूरा ज़रगर की गिरफ्तारी का जिक्र किया है. सफूरा को 10 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर हिरासत में लिया था. सीएएस कानून पिछले साल दिसंबर में लागू होने पर मुस्लिम महिलाओं के नेतृत्व में पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सीएए को राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के साथ जोड़े जाने से लाखों मुस्लिमों को खतरा होगा.

यह भी पढ़ें : कोरोना मौतों को लेकर फर्जी सूचना फैलाने के आरोप में BJP सांसद के खिलाफ FIR दर्ज, जानिए कहां का है मामला

अमेरिकी आयोग ने कहा, 'कोविड 19 संकट के दौरान, खबर है कि भारत सरकार सीएए का विरोध करने वाले मुस्लिम कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रही है, जिसमें प्रग्नेंट सफूरा जरगर भी हैं.' इस अमेरिकी आयोग ने पिछले महीने पब्लिश हुई एनुअल रिपोर्ट में भारत को 2019 के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाला देश बताया गया है.

CAA के खिलाफ प्रदर्शन में 78 मौतें

बरों के अनुसार, सीएए कानून के खिलाफ देश भर में हुए प्रदर्शनों में कम से कम 78 लोग मारे गए. इनमें सबसे ज्यादा मौते दिल्ली में हुए हिंदू-मुस्लिम दंगों के दौरान हुई.

Similar News