उत्तराखण्ड में एलिफेंट कॉरिडोर में हाथियों को बचाना वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती, ढाई महीने में ट्रेन से टकराकर तीसरे हाथी की मौत

Update: 2018-05-27 18:33 GMT

वन विभाग के रेलवे लाइन पर निगरानी के इंतजाम बेअसर, ढाई माह में एक और हाथी ट्रेन की चपेट में आया, वन विभाग के अफसर करते फिर रहे हैं रहे ड्रोन से निगरानी का दावा

नवनीत सिंह

हल्द्वानी, जनज्वार। हाथी कॉरिडोर क्षेत्र में ट्रेन से टकराकर आज 27 मई की सुबह एक और हाथी की मौत से वन महकमे की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गये हैं। ढाई महीने के भीतर ट्रेन हादसे में हाथी की मौत का यह दूसरा मामला है।

तराई केंद्रीय वन प्रभाग के टांडा रेंज के अंतर्गत नगला बाईपास के समीप रविवार तड़के मादा हाथी की ट्रेन से टकराकर मौत हो गई। ढाई महीने के भीतर हाथी की मौत का तीसरा मामला सामने आने के बाद वन महकमे पर भी सवाल खड़े किये जा रहे हैं।

बीती 11 मार्च को नगला से लालकुआं को जाने वाले मार्ग में सीमैप फार्म के पास स्थित रेलवे पटरी पर नर हाथी की मौत हो गई थी। यह हाथी मालगाड़ी की चपेट में आ गया था। ऐसे में हाथियों की सुरक्षा को लेकर वन महकमा कितना सजग है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

इन हादसों से पहले वन व रेलवे अफसरों के बीच वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर मंथन भी हुआ था, लेकिन इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया। इधर वन महकमे के अफसरों ने एक बार फिर रेलवे लाइनों के आसपास पर हाथियों की सुरक्षा को लेकर ड्रोन से निगरानी का दावा किया है। बताया गया कि जल्द ही वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किये जाएंगे।

गौरतलब है कि हाथी कॉरिडोर क्षेत्र में अब भी टस्कर व हाथियों की खासी तादाद है। ऐसे में वन महकमे की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम न किये गये तो हाथियों के साथ होने वाले हादसों को रोक पाना मुश्किल होगा। इस मामले में जानकारी लेने के लिए पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते से फोन से संपर्क की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

ढाई माह में मारे गये तीन हाथी
तराई केंद्रीय वन प्रभाग के रेंजों में ढाई माह के भीतर तीन हाथियों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं। 11 मार्च को हाथी कॉरिडोर क्षेत्र में नर हाथी मारा गया था। इसकी उम्र आठ साल के आसपास थी। इसके बाद 24 अप्रैल को हल्द्वानी रेंज के टांडा क्षेत्र के प्लाट नंबर 83ए में मादा हाथी का सड़ा गला शव बरामद हुआ था। उसकी उम्र 40 साल के आसपास बताई गई थी। इधर आज तड़के मादा हाथी की मौत से वन विभाग एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है।

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