इस मशहूर अभिनेत्री ने अपने बच्चों की राह तकते ओल्ड एज होम में ली अंतिम सांसें

Update: 2018-05-27 14:22 GMT

सालभर पहले कोरियोग्राफर बेटा और एयरहोस्टेस बेटी ने निकाल दिया था घर से, तब अपने समय की ख्यात अभिनेत्री  गीता कपूर ने लगाया था आरोप बेटा करता है मारपीट, नहीं देता नियमित रूप से खाना

फिल्म जगत के सितारे जिस चकाचौंध से कौंधते हैं, उनकी जिंदगी का स्याह अंधेरा उससे कहीं ज्यादा भयानक होता है। ऐसा कई अभिनेताओं—अभिनेताओं के मामलों में हो चुका है।

एक समय की मशहूर अभिनेत्री और कमाल अमरोही की पाकीजा जैसी मशहूर फिल्म में राजकुमार के अपोजिट काम कर चुकीं 67 वर्षीय गीता कपूर की जिंदगी का स्याह पक्ष भी डरावना ही था। कभी बॉलीवुड पर राज करने वाली इस अभिनेत्री का बुढ़ापा और अंत इतना भयावह होगा, सोचकर ही रूह कांपती है।

पाकीजा की अभिनेत्री गीता कपूर ने अपने बच्चों की राह तकते—तकते वृद्धाश्रम में कल 26 मई को अंतिम सांस ली। वह अंतिम समय तक अपने बेटे और बेटी का इंतजार करती रही, मगर कोई भी उन्हें देखने नहीं पहुंचा।

जिन बच्चों के लिए उन्होंने अपने कैरियर तक से समझौता किया होगा, कितनी कुर्बानियां दी होंगी वो आज इतने आत्मकेंद्रित और स्वार्थी हो गए कि बुजुर्ग मां को न सिर्फ घर से निकाला, बल्कि उनकी कोई खैर खबर तक नहीं ली। जिस प्रॉपर्टी से उन्होंने मां को बेदखल किया, वह उसी की मेहनत के बल पर खड़ी हुई होगी। अपने पास रखकर मां का ख्याल रखना तो दूर अंतिम वक्त में उनके बच्चे उन्हें देखने तक नहीं पहुंचे।

गौरतलब है कि गीता कपूर की थोड़ी—बहुत चर्चा मीडिया में थोड़े समय पहले तब हुई थी जब उन्होंने कहा था कि उनका बेटा उनसे बहुत बुरा बर्ताव करता है और उन्हें ठीक से खाना भी नहीं देता है। उनकी आए दिल पिटाई करता है। उसी के बाद उनके कोरियोग्राफर बेटे राजा और एयरहोस्टेस बेटी पूजा ने उन्हें घर से निकाल दिया था। मई 2017 में घर से निकालने के बाद उनके बच्चे उन्हें अधमरी हालत में गोरेगांव के एसआरवी अस्पताल में छोड़कर चले गए थे। फिल्म जगत की मदद के बाद वे वृद्धाश्रम में रह रहीं थीं। यहां तक कि उनके बेटे—बेटी उनका खर्च तक वहन नहीं करते थे।

जब गीता कपूर को उनके बच्चों ने घर से निकाला था तो वे गंभीर रूप से बीमार थीं। एक महीने तक अस्पताल में भर्ती गीता के लंबे बिल का भुगतान भी निर्माता अशोक पंड़ित और रमेश तौरानी ने किया और उन्होंने ही गीता को अंधेरी स्थित जीवन आशा वृद्धाश्रम भेजने का इंतजाम किया था जहां अब उन्होंने अंतिम सांसें लीं।

फिल्म निर्माता अशोक पंडित ही उनकी सारी जरूरतें पूरी करते थे। उन्हीं ने गीता कपूर की मौत की खबर सबके साथ साझा की। अशोक पंडित ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडिल से ट्वीट किया, "दुखद है कि अपने बच्चों को आखिरी बार देखने की उम्मीद में गीता कपूर का देहांत हो गया।"

अशोक पंडित ने ट्वीट किया, "अभिनेत्री गीता कपूर के पार्थिव शरीर के पास हूं. पिछले साल उनके बच्चे उन्हें एसआरवी अस्पताल में छोड़ गये थे. उन्होंने उपनगर के एक वृद्धाश्रम में आज सुबह अपनी अंतिम सांस ली. हमने उन्हें सेहतमंद रखने की पूरी कोशिश की, लेकिन बेटे और बेटी का इंतजार उन्हें दिन प्रतिदिन कमजोर बनाता गया।"

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक "वृद्धाश्रम 'जीवन आशा' में कल 26 मई की सुबह करीब नौ बजे उनकी स्वाभाविक मौत हुई। अशोक पंडित कहते हैं मरते दम तक उन्हें यही उम्मीद थी कि उनका बेटा राजा एक न एक दिन वृद्धाश्रम से उन्हें घर ले जाने के लिये आयेगा, यह तो और भी त्रासद है।"

100 से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकीं गीता कपूर की ख्यात फिल्मों में'पाकीजा' और 'रजिया सुल्तान' जैसी हिट फिल्में शामिल हैं।

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