औद्योगिक क्षेत्र में क्रांति लाने वाला चीन बना विदेशी निवेशकों की पसंद

Update: 2019-03-13 10:20 GMT

चीन की राजधानी बीजिंग में चल रही 13वीं एनपीसी में विदेशी कानून पर चर्चा, हो सकता है पास, कानून बनने पर की जाएगी विदेशी निवेशकों के हितों की रक्षा, चीन का यह कदम माना जा रहा है विदेशी निवेश को आकर्षित करने व सुधार-खुलेपन की दिशा में अहम...

बीजिंग से अनिल आज़ाद पांडेय की रिपोर्ट

चीन पिछले लंबे समय से विदेशी कंपनियों और निवेशकों का पसंदीदा देश बना हुआ है। विश्व की हर बड़ी कंपनी चीन के साथ व्यापार करती है। इसके साथ ही चीनी कंपनियां भी विश्व के कोने-कोने में पहुंचकर व्यापार कर रही हैं। सुधार व खुलेपन की नीति लागू होने के बाद चीन ने औद्योगिक क्षेत्र में क्रांति ला दी। चीन के दरवाजे विश्व के लिए लगातार खुले हुए हैं। ऐसा चीन द्वारा उठाए गए कदमों से लगता है।

अब इसी क्रम में चीन अर्थव्यवस्था की मजबूती और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए विदेशी निवेश कानून बनाने जा रहा है। अगर यह कानून लागू हो गया तो चीन आने की इच्छा रखने वाली तमाम कंपनियों और निवेशकों को सीधा इसका लाभ पहुंचेगा।

गौरतलब है कि नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने इस निवेश कानून के ड्राफ्ट में संशोधन किया और उसे एनपीसी के पास भेजा। एनपीसी के प्रतिनिधि इसके बारे में विस्तृत चर्चा कर रहे हैं। चीनी प्रधानमंत्री ली ख्छ्यांग द्वारा 5 मार्च को पेश की गयी सरकारी कार्य रिपोर्ट में भी इस निवेश कानून के महत्व पर जोर दिया गया था।

बताया जाता है कि 11 मार्च को एनपीसी की संविधान व कानून कमेटी नेविदेशी निवेश कानून के मसौदे पर विचार विमर्श किया। इस दौरान चीनी जन प्रतिनिधियों ने इस कानून को सही बताते हुए इसका समर्थन किया। प्रतिनिधियों ने माना कि यह शीचिनफिंग से केंद्रित पार्टी की केंद्रीय कमेटी द्वारा रूपांतर व खुलेपन का विस्तार करने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

मसौदे की तैयारी के लिए प्रतिनिधियों व अन्य जानकारों की सलाह भी ली गयी । इस कानून को लेकर विभिन्न पक्षों ने सुझाव भी रखे। प्रतिनिधियों ने इस मसौदे को वर्तमान सत्र में पास किए जाने को लेकर अपनी मंजूरी दे दी है।

चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के सदस्य यांगछंगछांग ने कहा कि विदेशी निवेश कानून के मसौदे में बहुत से मुद्दे स्वतंत्र व्यापार क्षेत्र की नकारात्मक सूची के प्रबंधन अनुभव पर आधारित हैं। हमने 2013 में शंघाई स्वतंत्र व्यापार क्षेत्र का निर्माण किया था। जिसमें ऐसा प्रबंधन चलाया गया था यानी विदेशी निवेश के बारे में तीन पुराने कानूनों के प्रचालन को समाप्त कर दिया गया था।

वहीं सदस्य च्यांगईंग ने कहा कि विदेशी निवेश कानून के गठन से विदेशी निवेशकों को चीन में पूंजी लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस कानून की पारदर्शिता व निष्पक्षता आदि से विदेशी निवेशकों का चीन के प्रति विश्वास बढ़ेगा। साथ ही विदेशी निवेश की सेवा करने वाली प्रणाली और शिकायत तंत्र का स्थापना भी की जानी है।

सीपीपीसीसी के सदस्य, उद्यमी ल्यूवेई ने कहा कि चीनी निजी कारोबारों ने विदेशी निवेश कानून का स्वागत किया है और उन्हें भी इस कानून से लाभ मिलेगा। इस कानून के लागू होने से विदेशी निवेशकोंको राहत पहुंचेगी, साथ ही चीनी कारोबारों को वैश्विक बाजार में प्रवेश करने में भी मदद मिलेगी।

कहा जा सकता है कि चीन विदेशी निवेशकों को बेहतर वातावरण व सुरक्षा मुहैया कराने की दिशा में सक्रियता से कदम उठा रहा है। यह चीन के वैश्विक तौर पर नेतृत्व करने की क्षमता को भी दर्शाता है। क्योंकि जिस तरह से आजकल विश्व में संरक्षणवाद का दौर चल पड़ा है, ऐसे में चीन दुनिया के निवेशकों के लिए अपने दरवाजे और चौड़े कर रहा है। चीन के इस कदम व प्रयास की सराहना करने की जरूरत है।

(चाइना मीडियाग्रुप के हिंदी रेडियो में वरिष्ठ पत्रकार अनिल आज़ाद पांडेय चीन-भारत मुद्दों पर अकसर भारतीय व अंतरराष्ट्रीय मीडिया में समसामयिक टिप्पणी लिखते हैं। इसके साथ ही ‘हैलोचीन’ पुस्तक के लेखक भी हैं।)

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