प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जावेद अहमद का पद व दल की सदस्यता से त्यागपत्र

जावेद अहमद खान ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ही भाजपा की चुनौती का सामना कर सकती है,किन्तु जनाधारहीन वामपंथी विचारधारा के लोग दक्षिणपंथियों को मजबूत व कांग्रेस को कमजोर करने के लिये ऐतिहासिक तथ्यों से अलग हटकर कांग्रेसजनों को हतोत्साहित करते हुए शीर्ष नेतृत्व की रणनीतियों व जमीनी कार्यकर्ताओ की मेहनत को कुंद करने का काम कर रहे है।

Update: 2021-11-15 14:32 GMT

राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी व आरएसएस की विभाजनकारी राजनीति से लड़ने की क्षमता केवल कांग्रेस में थी, जिसे अल्पकालिक सत्ता की चाह में शीर्ष नेतृत्व के प्रयासों व जमीनी कांग्रेसजनों की मेहनत पर सलमान खुर्शीद,राशिद अल्वी व मणिशंकर अय्यर जैसे कांग्रेस नेताओं ने हर चुनाव के समय उसे कुंद व अपमानित करने की रणनीति पर काम कर कांग्रेस को गर्त में ढकेलने का कोई अवसर नही गंवाया, ऐसा लगता है कि कांग्रेस में बीजेपी के लिए काम करने वाले बड़े नेताओं की फौज है जो चुनाव आते ही ऐसे बयान देते है जो बीजेपी को लाभ पहुँचाते है और कांग्रेस के ज़मीनी कार्यकर्त्ता और विचारधारा को नुकसान पहुँचाते है।

प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी की जबरदस्त रणनीति व प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू की मेहनत फिर बेकार होती दिख रही है। कार्यकर्ता भी लगातार उदास है उसके अंदर विजय की इच्छाशक्ति भरने के स्थान पर हतोत्साहित करने में कोई कसर बाकी नही छोड़ रहे यह लोग, यह कहते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता जावेद अहमद खान ने अपने पद व प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। उंन्होने अपने त्यागपत्र में कहा कि यह समय संविधान,लोकतंत्र,महापुरुषों के सम्मान को बचाने का है।कांग्रेस की विचारधारा को तुष्टिकरण की विचारधारा बनाकर पेश करने में लगे यह नेता भाजपा की पिच पर कांग्रेस को खेलने के लिये विवश करते है जिससे कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है, भाजपा जनविरोधी होने के बाद भी नफरत की पिच पर लगातार आक्रामक होकर राष्ट्र का नुकसान करने में सफल हो रही है।

जावेद अहमद खान ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ही भाजपा की चुनौती का सामना कर सकती है,किन्तु जनाधारहीन वामपंथी विचारधारा के लोग दक्षिणपंथियों को मजबूत व कांग्रेस को कमजोर करने के लिये ऐतिहासिक तथ्यों से अलग हटकर कांग्रेसजनों को हतोत्साहित करते हुए शीर्ष नेतृत्व की रणनीतियों व जमीनी कार्यकर्ताओ की मेहनत को कुंद करने का काम कर रहे है। हालात इस तरह के है कि जैसे कांग्रेस के लिये नहीं, हम भाजपा के लिये कार्य कर रहे है, इसी कारण त्यागपत्र देना ही अंतरात्मा की मांग थी।

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