श्रम निरीक्षक का पद खाली होने के कारण राजसमंद को BOCW में नहीं मिला एक भी पैसा, गलती सरकार की-भुगत रही आम जनता
पुष्पा देवी, धोली घाटी ग्राम पंचायत भीम की रहने वाली है, उसको पति ने पिछले 10 साल से दूसरी शादी कर ली और अलग रहते हैं। उनके 3 बच्चे हैं और उसके पास न तो जॉब कार्ड बना है और न ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन है तथा उसको किसी भी अन्य प्रकार का कोई लाभ नहीं मिल रहा है....
Public Hearing : मजदूर किसान शक्ति संगठन एवं राज्य सरकार के श्रम विभाग के संयुक्त तत्वाधान में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल (BOCW) के तहत मंडल के तहत पंजीकरण और इसी के साथ मंडल द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर भीम पंचायत समिति के बाहर 9 जनवरी को जन सुनवाई आयोजित की गई। जन सुनवाई में राजसमंद जिले की भीम और देवगढ़, अजमेर की जवाजा, पाली के रायपुर और उदयपुर जिले के सायरा और गोगुंदा पंचायत समितियों से लोगों ने भाग लिया और अपनी समस्याएं रखीं।
जन सुनवाई में स्थानीय विधायक सुदर्शन सिंह रावत, भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल के संयुक्त सचिव एवं अतिरिक्त श्रम आयुक्त राजीव किशोर सक्सेना, भीम उपखंड के उपखंधिकारी उम्मेद सिंह राजावत, संयुक्त श्रम आयुक्त उदयपुर संभाग संकेत मोदी, श्रम कल्याण अधिकारी राजसमंद सुरेंद्र गोदारा एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
जन सुनवाई में सुबह 10 बजे से पहले से ही लोगों का आना शुरू हो गया जो दोपहर तक जारी रहा। मजदूर किसान शक्ति संगठन के संस्थापक सदस्य शंकर सिंह ने कहा कि राजसमंद जिले में श्रम निरीक्षक का पद खाली होने की वजह से एक भी पैसा नहीं मिला। अधिकारियों को पोस्ट करना सरकार का काम है, लेकिन उसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है आम जनता को।
स्थानीय विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने कहा कि हर पात्र व्यक्ति को हर एक योजना का लाभ मिले हमारी सरकार यह हर हालत में सुनिश्चित करेगी। उन्होंने अधिकारियों को मौके पर ही निर्देशित किया कि हर महीने मंडल और अन्य योजनाओं को लेकर शिविर लगाया जाए। एमकेएसएस के संस्थापक सदस्य व सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान से जुड़े निखिल डे ने जन सुनवाई में अपनी बात रखते हुए कहा कि जवाबदेही की व्यवस्था हर हालत में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों और नेताओं की जवाबदेही होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री द्वारा पिछले बजट में की गई घोषणा की नहीं हुई पालना
राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा मार्च 2022 में पेश किए गए बजट में यह घोषणा की थी कि BOCW से संबंधित सभी मामलों के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी जो 3 महीनों में सभी मामलों का निस्तारण करेगी। जन सुनवाई में जब इस पर जवाब मांगा गया तो पता चला कि अभी तक निस्तारण नहीं हुआ है।
मंडल के पंजीकरण और योजनाओं में पारदर्शिता का अभाव
मंडल द्वारा पंजीकरण के लिए और योजनाओं के लिए जो आवेदन लिए जाते हैं और उसमें क्या विशेष कमी है यह केवल विभागीय अधिकारी ही देख सकते हैं जिससे लोगों को पता ही नहीं चलता है कि उनको आगे क्या करना है। इसलिए आवेदन से संबंधित सभी विवरण और उसका ट्रेल दिखाई देना चाहिए।
योजनाओं के लाभ के लिए भटकते आम जन
पुष्पा देवी, धोली घाटी ग्राम पंचायत भीम की रहने वाली है, उसको पति ने पिछले 10 साल से दूसरी शादी कर ली और अलग रहते हैं। उनके 3 बच्चे हैं और उसके पास न तो जॉब कार्ड बना है और न ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन है तथा उसको किसी भी अन्य प्रकार का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इसी प्रकार मणि बाई जो कचरा बीनने का काम करती है और सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए पात्र है लेकिन उसे पेंशन नहीं दी जा रही है, उसने ऑनलाइन आवेदन भी कर दिया है लेकिन उसे स्वीकृत नहीं किया जा रहा है।
उदयपुर जिले के गोगुंदा से आई कैलाशी बाई के पास श्रमिक डायरी है और उनके पति की दुर्घटना में मृत्यु हुई, लेकिन उसका दुर्घटना क्लेम नहीं मिला है इसी प्रकार उदयपुर के सायरा से आए नारायण गमेती ने भी उनके पिता का दुर्घटना क्लेम नहीं मिलने की शिकायत की।
हर महीने के दूसरे गुरुवार को सभी विभागों के साथ होगी खुली जन सुनवाई
स्थानीय विधायक सुदर्शन सिंह की मांग पर भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल सहित सभी विभागों से संबंधित जन सुनवाई हर महीने प्रत्येक गुरुवार को आयोजित की जाएगी जिसमें मजदूर किसान शक्ति संगठन का भी पूरा सहयोग रहेगा।
मजदूर किसान शक्ति संगठन के वॉलंटियर्स ने लिखी लोगों की शिकायतें
जन सुनवाई में मजदूर किसान शक्ति संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं जिनमें कालूराम, कविता, दिनेश, जमना, कविता रैगर, अरुण, श्याम, राधिका, विमला, कोमल, सानिया आदि ने शिकायतें लिखी और लोगों की उसकी पावती दी।
देश के कई राज्यों के लोगों ने लिया भाग
देश के कई हिस्सों से सामाजिक कार्यकताओं ने जन सुनवाई में भाग लिया और इसकी प्रक्रिया को समझा और इस प्रकार की प्रक्रिया को राजस्थान के अन्य हिस्सों और देश के अन्य राज्यों में शुरू करवाने में सहयोग करेंगे।
9 जनवरी को हुई जन सुनवाई के फॉलोअप के लिए 12 जनवरी 2023 को फिर से जन सुनवाई रखी जा रही है जिसमें मंडल और अन्य सभी ब्लॉक स्तरीय विभागों की ओर से सभी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहेंगे तथा लोगों की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण करेंगे।