जनकवि बल्ली सिंह चीमा को मिलेगा साहित्य शिरोमणि सम्मान, पंजाब सरकार ने की घोषणा
उच्च शिक्षा मंत्री सरदार बाजवा ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि साहित्यकार और लेखक हमारे समाज का सरमाया हैं, शिरोमणि हिंदी साहित्यकार वर्ष 2018 के लिए प्रख्यात जनकवि बल्ली सिंह चीमा को चुना गया है....
चंड़ीगढ़। पंजाब सरकार के भाषा विभाग की ओर से साहित्य और कला के 18 अलग-अलग क्षेत्र में योगदान के लिए साहित्य रत्न और शिरोमणि पुरस्कारों की घोषणा की गई हैा। पंजाब के उच्च शिक्षा और भाषा मंत्री सरदार तिर्प्त राजिंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता में पंजाबी भवन (चंडीगढ़) में हुई राज्य सलाहकार बोर्ड की मीटिंग में इन पुरस्कारों पर निर्णय लिया गया ।
उच्च शिक्षा मंत्री सरदार बाजवा ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि साहित्यकार और लेखक हमारे समाज का सरमाया हैं। शिरोमणि हिंदी साहित्यकार वर्ष 2018 के लिए प्रख्यात जनकवि बल्ली सिंह चीमा को चुना गया है।
चीमा को इस सम्मान के लिए चुने जाने पर सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें बधाई दे रहे हैं। अशोक पांडे अपने फेसबुक पोस्ट में लिखते हैं, 'हमारे प्यारे दोस्त और मशहूर कवि बल्ली सिंह चीमा उर्फ़ बल्ली भाई को पंजाब सरकार ने साल 2018 के साहित्य शिरोमणि पुरस्कार के लिए चुना है। खबर के मुताबिक़ पंजाब के भाषा विभाग ने अठारह अलग अलग वर्गों के लिए साहित्य रत्न और शिरोमणि पुरस्कारों का ऐलान किया है जिनमे से शिरोमणि हिंदी साहित्यकार का पांच लाख रुपये का इनाम बल्ली भाई के हिस्से आया है।
'कुमाऊँ की तराई के एक छोटे से गाँव बख्शी पीर मढ़ैया में रह कर किसानी करने वाले इस कवि ने साधारण जन और उसकी मिट्टी को अपनी कविता का विषय बनाया है। उनके लिखे गीतों और गजलों को देश भर के मजदूर-किसान आन्दोलनों में गाया जाता रहा है। जाहिर है उनकी कविता मनुष्य के संघर्ष की कविता है जिसके भीतर सचेत राजनैतिक आवाजों को साफ़ सुना जाता रहा है। मुझे गर्व है मैं पिछले तीस-बत्तीस सालों से उनकी दोस्ती का पात्र रहा हूँ और उनके घर में मुझे किसी करीबी संबंधी का दर्जा हासिल है। बधाई दीजिये बल्ली भाई को।'
बल्ली सिंह चीमा को इससे पहले साल 2004 में देवभूमि रतन सम्मान, वर्ष 2005 में कुमाँऊ गौरव सम्मान, वर्ष 2006 में पर्वतीय शिरोमणि सम्मान, वर्ष 2011 में कविता कोश सम्मान एवं केन्द्रीय हिंदी संस्थान द्वारा गंगाशरण सिंह पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। गंगाशरण सम्मान उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के हाथों से दिया गया था। चीमा ने साल 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद उत्तराखंड के नैनीताल क्षेत्र से आम चुनाव भी लड़ा था।