उत्तरकाशी में मंदिर में घुसने पर सवर्णों ने पिता के सामने दलित युवक को नंगा कर रातभर दहकते अंगारों से जलाया, मरणासन्न हालात में अस्पताल में भर्ती
Uttarkashi news : सवर्ण युवाओं ने अनुसूचित जाति के इस युवक को मंदिर के अंदर करीब 16 घंटे तक बंधक बनाए रखा, लेकिन युवक ने किसी तरह अपनी जान बचा ली, युवक के हाथ, पीठ और कूल्हे में कोयले से दागने के घाव हैं, घटना के बाद गंभीर रूप से घायल युवक को मोरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में उपचार दिया गया, जिसे बाद में इलाज के लिए देहरादून ले जाया गया है....
Uttarkashi news : जिस उत्तराखंड को लोग देवभूमि कहते नहीं अघाते उसी उत्तराखंड से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली खबरों की ताजा कड़ी में राज्य के सुदूर उत्तरकाशी जिले से एक दलित के साथ रोंगटे खड़े कर देने वाली खबर आई है, जहां मंदिर में घुसने के अपराध में पांच सवर्णों ने इस युवक को नंगा करके रातभर आग के दहकते हुए अंगारों से जलाकर उसे मरणासन्न अवस्था में पहुंचा दिया। इतनी हैवानियत के बाद भी जब इन सवर्ण गुंडों का मन नहीं भरा तो इन्होंने घायल युवक को सुबह जिंदा जलाने का भी प्रयास किया।
इस दौरान बीच-बचाव करने आए युवक के पिता के सामने ही उसके कपड़े फाड़ते हुए नंगा करके पीटा भी गया। सवर्ण युवाओं ने अनुसूचित जाति के इस युवक को मंदिर के अंदर करीब 16 घंटे तक बंधक बनाए रखा, लेकिन युवक ने किसी तरह अपनी जान बचा ली। युवक के हाथ, पीठ और कूल्हे में कोयले से दागने के घाव हैं। घटना के बाद गंभीर रूप से घायल युवक को मोरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में उपचार दिया गया, जिसे बाद में इलाज के लिए देहरादून ले जाया गया है।
लोकल थाने की पुलिस ने इस जघन्य अपराध की रिपोर्ट नहीं लिखी, लेकिन बाद में उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप पर मामले में मोरी थाना पुलिस ने बैनोल गांव के पांच युवकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की औपचारिकता पूरी की। इस घटना से गांव में तनाव है। पीड़ित परिवार की सुरक्षा व तनाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।
अपनी आंखों के सामने निर्दयता से पिटता देखता रहा बेबस बाप
जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से करीब 180 किमी दूर मोरी थाना क्षेत्र के बैनोल गांव निवासी अनुसूचित जाति का एक युवक आयुष पुत्र अतर लाल नौ जनवरी की शाम को गांव के निकट सालरा स्थित कौंल महाराज (शिव मंदिर) के मंदिर में चला गया। इसी दौरान मंदिर में पहले से ही मौजूद गांव के सवर्ण जाति के कुछ युवा आयुष को मंदिर में देखकर आगबबूला हो गया।
इन युवाओं ने आयुष को गंदी गंदी जातिवादी गालियां देते हुए मंदिर का गेट बंद कर आयुष को जलते हुए अंगारों (कोयला) से दागना शुरू कर दिया। दूसरी ओर आयुष के पिता अतर लाल ने अपने बेटे के मंदिर में बंधक होने की खबर मिलने पर अतर लाल पत्नी के साथ मंदिर परिसर में पहुंचकर युवाओं से अपने बेटे को छोड़ने की गुहार लगानी शुरू की तो इन जातिवादी गुंडों पर बेबस माता पिता के आंसुओं का भी कोई असर नहीं पड़ा। इस दौरान आसपास के अन्य लोग भी मौके पर एकत्र हो गए, लेकिन जातिवादी गुंडे बेखौफ उनके सामने भी आयुष के कपड़े फाड़कर उसे नंगा करते हुए बेरहमी से पीटते रहे। अपनी आंखों के सामने बेटे को हो रही निर्दयता से पिटाई न देखने की स्थिति में पहुंचे आयुष के पिता व मां बेटे को उसके हाल पर छोड़कर निराश होकर घर लौट गए।
मुंह खोलने पर पीड़ित को परिवार सहित मारने की धमकी
इधर निर्मम पिटाई से बुरी तरह से घायल होने पर आयुष बेहोश हो गया। होश में आने के बाद 10 जनवरी की सुबह करीब दस बजे वह किसी तरह से आरोपितों के चंगुल से नग्न अवस्था में ही भाग निकला। रास्ते में उसको कुछ ग्रामीण मिले। उन्होंने उसे बदन ढकने के लिए कुछ कपड़े दिए गए। दहकते अंगारों से घायल युवक किसी तरह अपने घर पहुंचा तो आयुष को जलाने वाले युवक भी उसके घर धमक पड़े और कार्रवाई करने पर जान से मारने की धमकी देने लगे।
दाहिने हाथ से हस्ताक्षर भी नहीं कर पाया आयुष
मंगलवार 10 जनवरी की दोपहर बाद घायल बेटे की हालत खराब होने पर दहशत में आए पिता अतर लाल अपने घायल बेटे आयुष को लेकर मोरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। आयुष के हाथ को कोयले से बुरी तरह से दागा गया था। युवक के दाहिने हाथ, पीठ व कूल्हे में दागने के निशान हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आयुष को प्राथमिक उपचार दिया गया। बुधवार को हिम्मत करते हुए अतरलाल घायल बेटे को लेकर मोरी थाने पहुंचे और तहरीर दी।
बैनोल के इन युवकों ने आयुष को इतनी बुरी तरह से पीटते हुए जलाया था कि आयुष अपने दाहिने हाथ से तहरीर पर हस्ताक्षर भी नहीं कर पाया। तहरीर पर भी उसने बाएं हाथ से दस्तखत किए, लेकिन इसके बाद भी पहले तो पुलिस ने मुकदमा ही दर्ज नहीं किया। मगर मामले के तूल पकड़ने पर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर यह मुकदमा दर्ज किया जा सका। पीड़ित 22 वर्षीय आयुष 10वीं पास है। उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। आयुष गांव में ही मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार का भरण पोषण करता है।
5 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि मंदिर में प्रवेश करने पर अनुसूचित जाति के युवक की पिटाई करने के मामले में पांच आरोपित युवक भग्यान सिंह, चैन सिंह, जयवीर सिंह, ईश्वर सिंह, आशीष सिंह के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 147, 323, 504, 506 तथा एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सभी आरोपित बैनोल, थाना मोरी, जिला उत्तरकाशी के निवासी हैं। एससी एक्ट, बंधक बनाने, मारपीट सहित जान से मारने की कोशिश करने सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और इस मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक प्रशांत कुमार को दी गई है। जल्द आरोपित युवकों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
मंदिर को चंदा तो देते हैं, लेकिन प्रवेश पर है पाबंदी
पीड़ित युवक का पिता अतर लाल ने बताया कि बैनोल गांव से करीब आठ किमी की पैदल दूरी पर सालरा के पास कौंल महाराज का मंदिर है। हम भी उसी देवता को मानते हैं। इस मंदिर में कोई निर्माण होने पर अनुसूचित जाति के परिवार के सदस्य भी चंदा देते हैं। परंतु अनुसूचित वर्ग के व्यक्तियों के लिए मंदिर में प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है। गलती से मेरा बेटा आयुष मंदिर में गया तो कुछ युवाओं ने उसे वहीं बंधक बना दिया। सूचना पर रात दस बजे मैं अपनी पत्नी के साथ सालरा मंदिर में पहुंचा। मैं अपने बेटे की जिंदगी की भीख मांगता रहा। परंतु उन्होंने उसे पीटना और जलते अंगारों से दागना नहीं छोड़ा।
पुलिस आज जायेगी गांव में
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने कहा कि मंदिर में प्रवेश करने पर अनुसूचित जाति के युवक की पिटाई करने की घटना में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक से बात की गई है। पुलिस आज बृहस्पतिवार को गांव पहुंच रही है। इसके साथ ही पुरोला के उपजिलाधिकारी को भी मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
जातिवादी गुंडों पर सख्त कार्यवाही की मांग
उत्तराखंड एससी एसटी इंप्लाइज फेडरेशन और बहुजन समाज पार्टी जिलाध्यक्ष विजयपाल तंगानी ने इस घटना की कड़ी भर्त्सना की है। उत्तराखंड एससी एसटी इंप्लाइज फेडरेशन के मंडलीय अध्यक्ष सीएल भारती के नेतृत्व में कई लोग बुधवार को एसपी अर्पण यदुवंशी से भी मिले। इस घटना में आरोपितों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।