Rohtak News : युवक को SC/ST एक्ट लगाना पड़ा भारी, 45 दलित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार

Rohtak News : अनुसूचित जाति के एक युवक को लोगों पर एससीएसटी एक्ट लगवाना भारी पड़ गया। इसको लेकर गांव में पंचायत की गई और उस पंचायत में फैसला किया गया कि गांव का कोई भी व्यक्ति उस युवक व उनसे संबंध रखने वाले 45 परिवारों के साथ बोलचाल नहीं करेगा.....

Update: 2021-12-17 13:20 GMT

Rohtak News : हरियाणा में जातीय उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ये घटनाएं कभी मारपीट, ऑनर किलिंग तो कभी सामाजिक बहिष्कार (Social Boycott) का रूप लेती हैं। हरियाणा में पिछले दिनों भूड़, छातर व खापढ़ से सामाजिक बहिष्कार की घटनाएं सामने आईं थीं। अब रोहतक (Rohtak) में महम उपमंडल के गांव भैणी मातो (Bhaini Mato) में 45 दलित परिवारों (Dalit Families) का कथित तौर पर सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है।

दरअसल भैणी मातों गांव में अनुसूचित जाति (Schedul Caste) के एक युवक को लोगों पर एससीएसटी एक्ट लगवाना भारी पड़ गया। इसको लेकर गांव में पंचायत की गई और उस पंचायत में फैसला किया गया कि गांव का कोई भी व्यक्ति उस युवक व उनसे संबंध रखने वाले 45 परिवारों के साथ बोलचाल नहीं करेगा और न ही किसी तरह का संबंध रखेगा। गांव का कोई व्यक्ति इन परिवारों के सदस्यों को खेत, घर व दुकान में प्रवेश नहीं करने देगा। यदि कोई ऐसा करता पाया गया तो उससे 11 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा।

खबरों के मुताबिक भैणी मातो गांव निवासी एक युवक ने 7 दिसंबर को महम थाने में शिकायत दी थी। जिसमें उसने कहा था कि वह अनुसूचित जाति से संबंध रखता है। 7 दिसंबर की रात को कुलदीप उर्फ भोलू बुरी नीयत से उसके घर में घुस गया। कमरे में वह खुद, उसके माता पिता, उसका भतीजा व सत्रह साल की भतीजी सो रहे थे। कुलदीप उसकी भतीजी से छेड़छाड़ करने लगा। उसकी भतीजी ने शोर मचाया तो सभी की आंखें खुल गई। उसको मौके पर पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने कुलदीप को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ धारा 8, 354, 452, 506 व 3 एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया था।

महम थाना प्रबारी प्रहलाद सिंह ने कहा कि गांव में फिलहाल किसी तरह का तनाव नहीं है। आज भी पीड़ित पक्ष से उनकी मुलाकात हुई है। वे लगातार पीड़ित परिवार के संपर्क में हैं। यदि गांव में कोई व्यक्ति उनका सामाजिक बहिष्कार करता हुआ पाया गया तो ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कोई भी उनको सार्वजनिक स्थलों पर आने से नहीं रोक सकता। 

जातीय उत्पीड़न का यह पहला मामला नहीं है। दो दिन पहले हिसार के गांव मिरकां में पानी की मोटर चोरी करने के शक में वाल्मिकी जाति के तीन युवकों विनोद, संदीप और भाल सिंह को अलग-अलग जगह से खेतों में काम करवाने के बहाने बुलाया गया, फिर जातिवादी गुंडों के द्वारा उन्हें बेरहमी से पीटा गया। उनमें एक युवक विनोद की मौत हो गई और अन्य दो गंभीर रूप से घायल हैं। उनको हिसार के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बताया जा रहा है कि मिरकां गांव में बहुसंख्यक समुदाय के 15-20 जातिवादी गुंडे हैं जिनके पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है लेकिन अभी तक दो लोगों से ही पूछताछ की गई। पीड़ित परिवार का कहना है कि वह तब तक विनोद का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे जबतक उन्हें इंसाफ नहीं मिलेगा। पीड़ित परिवार व मिरकां गांव के निवासी दो दिन से हिसा के सिविल अस्पताल के सामने धरना दे रहे हैं।

पीड़ित परिवार की मांग है कि सभी नामजद दोषियों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया जाए और उन पर हत्या और SC/ST एक्ट के आधार पर कार्रवाई की जाए। इसके साथ मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपए दिए जाएं और मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए। दो अन्य संदीप और भाल सिंह सरकारी नौकरी और 25-25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए व पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए और तीनों परिवारों को बन्दूक का लाइसेंस दिया जाए।

हरियाणा के छात्र एकता मंच ने छात्र, मजदूर, किसान, महिला व तमान न्यायपसंद लोगों से अपील की है कि वह मिरकां गांव में हुए जातीय उत्पीड़न का विरोध का विरोध करें और इसके खिलाफ जुझारू होकर संघर्ष करें। छात्र एकता मंच ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की भी मांग की है।

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