पिता की मौत की वजह जानने के लिए भी RTI लगाने को मजबूर बेटा, ऑपरेशन के दौरान ओवरडोज एनेस्थीसिया दिए जाने का आरोप-रिलीज नहीं की PM रिपोर्ट

चार्ली राजा यादव की संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई इस मौत के बाद हुए हंगामे की खबर पर थाना कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची थी, इस मामले में परिजनों का आरोप था कि ऑपरेशन करने से पहले एनेस्थीसिया का ओवरडोज दे दिया गया, जिससे उनकी मौत गई...

Update: 2022-11-05 10:43 GMT

पिता की मौत की वजह जानने के लिए भी RTI लगाने को मजबूर बेटा, ऑपरेशन के दौरान ओवरडोज एनेस्थीसिया दिए जाने का आरोप-रिलीज नहीं की Postmortem रिपोर्ट

Medical Negligence : व्यापम घोटाले के लिए चर्चित देश का मध्यप्रदेश राज्य अपनी अनोखी खबरों के विख्यात है। मामा के नाम से जाने जाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज के शासन में एक ऐसी ही अजीब खबर आ रही है, जिसके मुताबिक एक पुत्र को अपने पिता की मौत की वजह तक जानने के लिए सूचनाधिकार कानून का सहारा लेना पड़ रहा है। जब बेटे को पिता की मौत का कारण जानने तक के लिए आरटीआई का प्रयोग करना पड़ रहा है तो मौत के जिम्मेदारों को उनके अंजाम तक पहुंचाना कितना दुष्कर होगा, यह शिवराज कुशासन की पोल खोलने का एक नमूना है।

मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर का है, जहां एक बेटा अपने पिता की मौत का कारण जानने के लिए पिछले दो महीने से परेशान है। इसके लिए उसने अब आरटीआई का सहारा लिया है। हालांकि लगाई गई आरटीआई से भी पिता की मौत का रहस्य नहीं खुल सका है। ऐसी स्थिति में एक बेटे को अभी भी अपने पिता की मौत का कारण जानने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।

मीडिया में आ रही खबर के मुताबिक छतरपुर निवासी संदीप यादव का कहना है कि इसी साल 10 सितंबर को उसके पिता चार्ली राजा यादव को एक प्राइवेट नर्सिंग होम में कंधे पर उभरी एक गांठ का ऑपरेशन करने के लिए भर्ती किया गया था। चार्ली राजा यादव खुद स्वास्थ्य विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी थे। 11 सितंबर को चार्ली राजा का प्राइवेट नर्सिंग होम में ऑपरेशन होना था। यह ऑपरेशन जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर मनोज चौधरी और विशाल श्रीवास्तव कर रहे थे। इसी दौरान ऑपरेशन थियेटर में उनकी मौत हो गई। संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई इस मौत के बाद हुए हंगामे की खबर पर थाना कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची थी। इस मामले में परिजनों का आरोप था कि ऑपरेशन करने से पहले उनके पिता को एनेस्थीसिया का ओवर डोज दे दिया गया, जिससे उनकी मौत गई।

मामले में थाना कोतवाली पुलिस ने परिजनों के बयान लेकर मामले की जांच शुरू कर दी, वहीं परिजनों के कहने पर डॉक्टरों की एक टीम ने मृतक का पोस्टमार्टम किया। लेकिन घटना के दो महीने बीत जाने के बाद भी जिला अस्पताल से न तो बिसरा रिपोर्ट आई और ना ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट।

पीड़ित परिवार के लोग कई बार जिला अस्पताल के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन अस्पताल में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी जवाब नहीं दे रहा है। इसी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट न मिलने की वजह से संबंधित मामले में पुलिस भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है। कई दिनों तक पोस्टमार्टम और बिसरा रिपोर्ट न आने के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल पहुंच डॉक्टरों से मामले में देरी होने की जानकारी मांगी तो किसी भी डॉक्टर से उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

आखिरकार थक-हारकर इस मामले में मृतक के बेटे संदीप यादव ने सूचना अधिकार का सहारा लेते हुए थाना कोतवाली में एक आरटीआई दाखिल कर पोस्टमार्टम रिपोर्ट और बिसरा की जानकारी मांग ली। इस आरटीआई के जवाब में थाना कोतवाली पुलिस ने यह जानकारी दी कि संबंधित मामले में कार्रवाई इसलिए हो सकी, क्योंकि जिला अस्पताल से अभी तक पोस्टमार्टम और बिसरा रिपोर्ट नहीं आई है। कुल मिलाकर इस मामले जिला अस्पताल की लापरवाही की पराकाष्ठा यह है कि घटना के दो महीने बीत जाने के बाद भी जिला अस्पताल प्रबंधन पोस्टमार्टम और बिसरा की रिपोर्ट पेश नहीं कर पाए हैं।

जबकि मृतक के पुत्र संदीप यादव का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन डॉक्टरों को बचा रहा है, क्योंकि जिन डॉक्टरों ने मृतक चार्ली राजा का ऑपरेशन किया था वह दोनों डॉक्टर जिला अस्पताल में तैनात हैं। यही वजह है कि पोस्टमार्टम और बिसरा रिपोर्ट में देरी की जा रही है।

Similar News