Agneepath Scheme : अब रक्षा मंत्रालय आरटीआई के सवाल का जवाब देने के लिए भी तैयार नहीं, बनाए ये बहाने
Agneepath Scheme : रक्षा मंत्रालय के इस रुख पर डिफेंस के जानकारों का कहना है कि आरटीआई एक्ट के सेक्शन 8 और 9 के तहत ऐसे प्रावधान हैं जिनमें इस तरह की जानकारी देने से इन्कार किया जा सकता है।
Agneepath Scheme : देश के युवाओ के हित को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देने से भी रक्षा मंत्रालय ( Defence Ministry ) ने इनकार कर दिया है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने आरटीआई ( RTI ) कानूनों और राष्ट्रवाद का सहारा लिया है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि आरटीआई के जनिए जो सूचनाएं मांगी गई हैं, वो सीक्रेट डाक्यूमेंट से जुड़ी हैं, इसलिए हम उसका जवाब नहीं दे सकते। हम इस तरह की जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकते।
रक्षा मंत्रालय ( Defence ministry ) का कहना है कि ये सूचना ट्रांसपरेंसी लॉ के सेक्शन 8 और 9 के तहत नहीं आती। ये एक सीक्रेट डाक्यूमेंट है। लिहाजा स्कीम के बारे में कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती है।
पुणे के आरटीआई ( RTI ) एक्टिविस्ट विहार दुर्वे ने डिफेंस मिनिस्ट्री ( Defence Ministry ) से अग्निपथ योजना को लेकर कुछ सवाल पूछे थे। उनके सवालों का जवाब देने से रक्षा मंत्रालय ने इनकार कर दिया है। इस बारे में रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आरटीआई एक्ट के सेक्शन 8 और 9 के तहत ऐसे प्रावधान हैं जिनमें इस तरह की जानकारी देने से इन्कार किया जा सकता है।
क्या कहा था राजनाथ सिंह ने
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जुलाई 2022 को अग्निपथ स्कीम ( Agneepath Scheme ) को लागू करने का ऐलान किया था। स्कीम लागू करने को लेकर सेना का कहना है कि सशस्त्र बलों में बढ़ती उम्र चिंताजनक है। कारगिल समीक्षा समिति ने भी इस ओर इशारा किया था। तीनों सेना प्रमुख और पूर्व सीडीएस ने मिलकर दूसरे देशों की सेनाओं की औसत उम्र देखी। उसके बाद ही यह योजना लाने का रास्ता बना।
सेना को नई पीढ़ी की क्षमता पर भरोसा ज्यादा
भारतीय सेना ( Indian Army ) का कहना है कि नई पीढ़ी हम लोगों से बेहतर है। उसके पास ताकत, जज्बा, जुनून के साथ तकनीकी दक्षता भी है। वह तकनीक को भी बेहतर जानती है और उस पर अप्लाई करने में भी माहिर है। यही कारण है कि सेना में आमूलचूल बदलाव के लिए यह नया भर्ती सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा वक्त में लड़ाई का तरीका बदल गया है। यह पूरी तरह तकनीक पर निर्भर हो गई है। नई-नई तकनीक आ चुकी हैं। इसके लिए जरूरी है कि हमारा जवान ऐसी लड़ाई के लिए तैयार रहे। हमें सेना में युवा जोश चाहिए। हमें जुनून और जज्बे के साथ होश की भी जरूरत है। अग्निपथ स्कीम इन सारी जरूरतों को पूरा करके सेना को और सशक्त बनाएगी।
अप्रैल में मचा था इस स्कीम को लेकर बवाल
बता दें कि अग्निपथ स्कीम ( Agneepath Scheme ) को लेकर अप्रैल 2022 में देशभर में बवाल मचा था। लोगों का सवाल था कि रिटायर होने के बाद ये लोग कहां जाएंगे। सेना ( Indian Army ) का कहना है कि देश के लिए बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा मिलेगा। सेना का कहना है कि अभी नियमित जवानों को जो पे-अलाउंस मिल रहे हैं अग्निवीरों को उससे ज्यादा मिलेंगे।