भारत में सर्वाधिक बिकने वाली मारुति की WagonR और ऑल्टो K10 सबसे असुरक्षित कारें, यूके की संस्था का दावा
Maruti Suzuki WagonR, Alto K10 poor Safety : सेफ्टी रेटिंग एजेंसी का दावा है कि, भारत में मध्यम वर्ग की सबसे पसंदीदा गाड़ियों में शामिल मारुति की वैगनआर और आल्टो सुरक्षा के लिहाज से काफी असुरक्षित कारें हैं, बच्चों की सुरक्षा के मामले में तो इन दोनों का और भी बुरा हाल है...
Maruti Suzuki WagonR, Alto K10 poor Safety : मारुति की गाड़ियां हमारे देश में सबसे ज्यादा बिकती हैं, क्योंकि सुरक्षा के मामले में लोगों को इस कंपनी पर काफी विश्वास है, मगर अब यूके की एक संस्था Global NCAP ने दावा किया है कि मारुति की वैगन आर और ऑल्टो सबसे असुरक्षित कारें हैं, बच्चों की सुरक्षा के मामले में तो यह एकदम ही फेल हुई हैं।
व्हीकल सेफ्टी ग्रुप जोकि रेटिंग एजेंसी ने, ने ग्लोबल एनकैप ने मंगलवार 4 अप्रैल को जारी किये गये अपने एक बयान में मारुति कंपनी की इन दोनों गाड़ियों पर 1 और 2 स्टार सेफ्टी रेटिंग दी है। 1 और 2 स्टार सेफ्टी रेटिंग भी व्यस्कों के लिए दी गयी है, बच्चों की सुरक्षा के मामले में ग्लोबल एनकैप ने इन गाड़ियों को और बुरा बताया, यानि इन्हें इतना खराब बताया कि इनके लिए कोई रेटिंग ही नहीं है। दोनों ही मॉडल्स को चाइल्ड ऑक्यूपेंट्स प्रोटेक्शन के लिए जीरो रेटिंग मिली है। कार क्रैश टेस्ट में भी मारुति सुजुकी की भारत की पॉपुलर गाड़ियां वैगन आर और और और अल्टो के10 को बहुत बुरा बताया गया है।
वहीं कंपनी का दावा है कि उसके व्हीकल्स भारत के क्रैश सेफ्टी रेगुलेशन्स पर खरे उतरते हैं, जो कि यूरोप के सेफ्टी स्टैंडर्ड से काफी मिलते-जुलते हैं। गौरतलब है कि स्टार रेटिंग एजेंसी ग्लोबल एनकैप वाहनों की रेटिंग को 0.5 के बीच रखती है। गाड़ियों के सेफ्टी फीचर्स और ऑटोमोबाइल के आधार पर ये रेटिंग दी जाती है। माना जाता है कि जिस कंपनी की गाड़ी की जितनी ज्यादा रेटिंग होती है, कार भी उतनी ही ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है।
रेटिंग एजेंसी का कहना है कि ऑल्टो के10 का स्ट्रक्टर स्टेबल है और वयस्कों की छाती से लेकर सिर तक मार्जिनल से अच्छी प्रोटेक्शन है, लेकिन साइड इंपैक्ट में चेस्ट पर कमजोर प्रोटेक्शन है। मारुति सुजुकी की दूसरी गाड़ी वैगन आर में भी चेस्ट प्रोटेक्शन बहुत कमजोर है।
ग्लोबल एनकैप के सेक्रेटरी जनरल अलेजांद्रो फुरस ने कहा कि भारत में हर गाड़ी में 6 एयरबैग्स देना अनिवार्य हो गया है और मारुति सुजुकी ने अपने ग्राहकों को अपनी कंपनी की गाड़ियों में यह ऑप्शन ही नहीं दिया है।
वहीं मारुति सुजुकी के प्रवक्ता ने सफाई देते हुए कहा है कि मारुति के लिए सेफ्टी हमेशा से प्राथमिकता रही है। भारत के क्रैश सेफ्टी रेगुलेशन यूरोप के स्टैंडर्ड से लगभग मिलते-जुलते हैं और सभी मॉडल इन रेगुलेशन्स को फॉलो करते हैं। ये मॉडल सरकार की ओर से सत्यापित हैं।
मारुति कंपनी के मुताबिक उसके अपने कई मॉडल और वेरिएंट्स में सभी जरूरी रिक्वायरमेंट्स को भी पूरा किया है। इसमें एयरबैग्स, इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल, इलेक्ट्रॉनिक ब्रैकफोर्स, डिस्ट्रीब्यूशन, हिल-होल्ड एसिस्ट, 360 डिग्री व्यू कैमरा, सुजुकी टीईसीटी, प्लेटफॉर्म, आईएसओ फिक्स चाइल्ड सीट एंकरेज जैसे फीचर्स दिए गये हैं।