BSF Security News : बीएसएफ जवान की मौत को अधिकारियों ने बताया था सुसाइड, लेकिन कोर्ट पहुंची पत्नी ने कहा 'मेरे पति की हुई हत्या'
BSF जवान कृष्ण मुरारी मिश्र की मौत को अधिकारी ठहरा रहे थे आत्महत्या उस पर लाश देखने के साथ ही उठे सवाल, परिजनों ने कहा मुंह में गोली लगने के बजाए सिर के दाएं हिस्से में दो गोली लगते हुए दूसरे ओर से निकल जाने के निशान एक आत्महत्या करने वाले के शरीर में कैसे हो सकते हैं मौजूद....
BSF जवान कृष्ण मुरारी मिश्र के गांव जिगना मिश्र से लौटकर जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट
जनज्वार। किसान-जवान के नाम पर सियासत करने वाली सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High court) ने एक बीएसएफ (BSF) जवान के मौत के कारणों को लेकर ढुलमुल रवैया अपनाने पर नाराजगी जताई है। साथ ही केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। तकरीबन दो वर्ष पूर्व बंगलादेश की सीमा (Bangladesh Border) पर गोली लगने से बीएसएफ के एक एएसआई (ASI) कृष्ण मुरारी मिश्र (Krishan Murari Mishra) की मौत हो गई थी।
इस घटना के बाद से जवान के परिजनों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि अफसरों ने बिना जांच कराए ही घटना को आत्महत्या करार दिया था, जबकि जवान के गृह जनपद देवरिया (Deoria) की पुलिस द्वारा दुबारा पोस्टमार्टम (postmortem) करने पर जो रिपोर्ट आई, वह हत्या की ओर इशारा करते नजर आ रही है। ऐसे में परिजन मामले की सीबीआई (CBI Investigation) से जांच कराने की मांग कर कर रहे हैं।
इसको लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच (Double Bench) ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति आरके गौतम की खंडपीठ ने मनोरमा मिश्रा की याचिका पर दिया है।
विभाग ने घटना को ठहराया आत्महत्या
याची अधिवक्ता नितेश श्रीवास्तव का कहना है कि देवरिया के जिगना मिश्र गांव के निवासी कृष्ण मुरारी मिश्र सीमा पर तैनात थे। सात अगस्त 2019 की रात सिर में गोली लगने से उनकी मौत हो गई। जिलाधिकारी देवरिया के आदेश पर डॉक्टरों की टीम ने 10 अगस्त 2019 को दोबारा पोस्टमार्टम किया। सिर में दाहिनी तरफ से दो गोली मारी गई थी, जो बायीं तरफ से निकल गई।
डॉक्टरों की टीम ने आत्महत्या के बजाय हत्या की आशंका जताई, जबकि सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी इसे आत्महत्या ही करार दे रहे हैं। इसलिए निष्पक्ष जांच कराई जाय। याची का कहना है कि सीमा सुरक्षा बल की 145वीं बटालियन के कमांडेंट ने 11 सितंबर को पत्र लिखकर बताया कि त्रिपुरा सिपाहीजाला के सोनापुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। विवेचना चल रही है और 31 जनवरी 2020 को कमांडेंट फ्रंटियर कार्यालय त्रिपुरा याची को सूचना दी कि सभी तथ्यों से विवेचना अधिकारी व एसपी देवरिया को अवगत कराया गया है। याचिका में हत्या की आशंका की सीबीआई जांच की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
जवान के घर आई थी आत्महत्या की सूचना
जनज्वार से हुई बातचीत में बीएसएफ के एएसआई कृष्ण मुरारी मिश्र की बेवा मनोरमा मिश्र कहती हैं, मेरे पति के मौत की सूचना विभाग के किसी अधिकारी ने मेरे भतीजे के मोबाइल पर दी। अधिकारी के मुताबिक कृष्ण मुरारी ने अपने मुंह में गोली मारकर अपनी जान दे दी है। इस घटना से हतप्रभ परिजन से लेकर ग्रामीण तक को आत्महत्या की कहानी पर विश्वास नहीं हो रहा था। आखिरकार दो दिन बाद शव घर आने पर लोगों ने जो देखा, उससे उनका आक्रोश बढ गया। मुंह में गोली लगने के बजाए सिर के दाएं हिस्से में दो गोली लगते हुए दूसरे ओर से निकल जाने के निशान मिले। ऐसे में हर कोई यह कहने लगा कि कोई व्यक्ति अपनी जान लेने के दौरान स्वयं एक गोली मारने के बाद दूसरी गोली कैसे दाग सकता है।
दुबारा हुई पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से हत्या की आशंका गहराई
ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए देवरिया जिला प्रशासन ने दुबारा चिकित्सकों की टीम से पोस्टमार्टम कराने का निर्णय लिया। परिजनों के मुताबिक इसके बाद आई रिपोर्ट में डाक्टरों ने खुद घाव के निशान देख कर हत्या की आशंका जताते हुए अपनी रिपोर्ट दी। बीएसएफ (BSF) के अधिकारियों के आत्महत्या करने की दलिलों को दूसरी रिपोर्ट खारिज करते हुए दिखी। इसके बाद से ही परिजन घटना की जांच कराने की मांग दो वर्ष से कर रहे हैं।
परिजन शहीद का दर्जा देने की कर रहे मांग
अपने पति को खो चुकी मनोरमा को इस बात का सर्वाधिक दुख है कि विभागीय अफसरों ने मौत को आत्महत्या (Suicide) ठहराने में शुरू से ही लगे रहे। मेरा परिवार बेटी व हम दो सदस्यों सहित तीन का रहा है। इसमें कोई आपसी कलह का सवाल ही नहीं उठता है। ऐसे में आखिर मेरे पति स्वयं अपना जाने क्यों खो देंगे। अगर विभागीय हालात उसके लिए जिम्मेदार है तो अफसरों को निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।
आश्चर्य इस बात का है कि विभागीय अफसर ही कह रहे हैं,कि वहां गोली चलने की कोई आवाज नहीं सुनाई पडी।कृष्ण मुरारी जिस पोस्ट पर तैनात थे,उसके दोनों तरफ दो सौ मीटर पर एक एक जवान डयूटी कर रहे थे। वे भी गोली चलने से अनभिज्ञ रहे। कृष्ण मुरारी के रिलीवर ने डयटी पर आने के बाद मौत की सूचना दी। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि कृष्ण मुरारी के तैनाती स्थल पर लगा सीसीटीवी भी खराब था।
गांववालों को जगी न्याय की उम्मीद
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मामले को संज्ञान लेते हुए केंद्र से जवाब मांगने के बाद से अब गांव वालों को भी उम्मीद जगी है। कृष्ण मुरारी के रिश्ते के भाई बजरंग बली मिश्र कहते हैं कि आत्महत्या का जो ठप्पा अफसरों ने लगाया है, यह हम सब पर कलंक सा है। अब यह उम्मीद जगी है कि न्यायालय से हमलोगों को न्याय मिलेगा। जिससे की पूरी घटना की निष्पक्ष जांच कराकर असलियत लोगों के सामने लाया जा सके।
गांव में ही मृतक जवान के रिश्ते के ही भाई दिग्विजय नारायण मिश्र कहते हैं कि इस मौत के पीछे अफसरों की गहरी साजिश है। ऐसी तमाम घटनाओं को यहां दबा दिया जाता है, लेकिन अब हमें पूरी उम्मीद है कि न्यायालय से इंसाफ मिलेगा। कृष्ण मुरारी की हत्या करने वालों को अवश्य सजा मिलेगी।