उत्तराखंड सीमा के करीब चीन कर रहा गुपचुप निर्माण, लिपुलेख में भी बढ़ाई जवानों की तैनाती

भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बाद, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने बताया था कि नेपाल सरकार ने अपनी सेना को लिपुलेख क्षेत्र में भारतीय सेना की गतिविधि पर नजर रखने को कहा है...

Update: 2020-09-16 14:08 GMT

सुमित कुमार सिंह की रिपोर्ट

नई दिल्ली, जनज्वार। पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव के बीच, उत्तराखंड में चीनी निर्माण गतिविधि का पता चला है। सूत्रों ने बुधवार 16 सितंबर को बताया कि नेपाल के तिंकर लिपु पास के काफी करीब चीनी की तरफ झोपड़ी-नुमा आकृति को देखा गया है।

सूत्रों ने कहा, "यह पाया गया कि चीन अपनी तरफ चंपा मैदान में जोजो गांव के जनरल एरिया में निर्माण गतिविधि में लिप्त है। जोजो गांव नेपाल के तिंकर लिपु पास से करीब 7 किलोमीटर दूर है।"

भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अब नेपाल से लगे उत्तराखंड की सीमा के पास चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों की गतिविधियों पर करीब से नजर रखे हुए है।

भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बाद, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने बताया था कि नेपाल सरकार ने अपनी सेना को लिपुलेख क्षेत्र में भारतीय सेना की गतिविधि पर नजर रखने को कहा है।

नेपाल सरकार के गृह मंत्रालय ने नेपाली सशस्त्र पुलिस बल (एनएपीएफ) को लिपुलेख में भारतीय सेना की गतिविधि पर नजर रखने को कहा था।

इसके अलावा लिपुलेख में, एनएपीएफ की 44 बटालियन तैनात हैं। यह भी पता चला है कि चीन ने लिपुलेख में अपने जवानों की तैनाती बढ़ाई है।

चीन ने 150 लाइट कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड को तैनात किया है। ब्रिगेड को लिपुलेख तिराहे के पास अगस्त में तैनात किया गया था।

दरअसल भारत ने लिपुलेख क्षेत्र में 17,000 फीट की ऊंचाई पर सड़क निर्माण का कार्य किया था, जिससे भारत और नेपाल के बीच कूटनीतिक स्तर पर तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी, क्योंकि काठमांडू ने इस क्षेत्र पर अपना दावा किया था।

भारत ने इस क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य कैलाश मानसरोवर जाने वाले यात्रियों के समय को बचाने के लिए किया था।

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