मोदी, महबूबा से लेकर रिजिजू तक पर चीन की नजर, 10 हजार लोगों की जासूसी कर रहा है ड्रैगन

चीन की दो कंपनियों भारतीय राजनेताओं व सामरिक पदों पर बैठे अहम लोगों का डेटाबेस तैयार करती है और उसे अपनी सरकार से साझा करती है जिससे वे अपनी रणनीति तय करते हैं...

Update: 2020-09-15 03:08 GMT

जनज्वार। भारत-चीन के बीच तनाव को लेकर रक्षामंत्री व विदेश मंत्री स्तर की वार्ता के बावजूद ड्रैगन की हरकतें ऐसी हैं जो दो अहम देशों के बीच तनाव को कम करने नहीं देंती। खबर है कि चीन भारत के कई प्रमुख नेताओं की जासूसी कर रहा है। यहां तक कि राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री पर भी उसकी नजर है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की नजर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर पीडीपी की अध्यक्ष व जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम महबूबा मु्फ्ती व अरुणाचल प्रदेश से आने वाले केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू तक पर है। रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 180 महत्वपूर्ण नेताओं पर उसकी नजर है। वह भारत के सीमाई राज्यों व पूर्वाेत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों व प्रमुख नेताओं पर विशेष नजर रखता है। उसकी नजर कम से कम 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर है। जिसमें पूर्वाेत्तर के राज्य, पश्चिम बंगाल सहित जम्मू कश्मीर के अहम नेता शामिल हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, वह महत्वपूर्ण राजनैतिक व सामरिक पदों पर बैठे लोगों सहित 10 हजार लोगों की जासूसी कर रहा है। यह जासूसी चीन की कंपनी झेनझेन इन्फोटेक और झेन्हुआ इन्फोटेक कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, ये कंपनियां अपने देश के लिए इन नेताओं के सोशल मीडिया पर होने वाले हर पोस्ट की निगरानी कर रही हैं और इनके पसंद, नापसंद से लेकर दोस्त, रिश्तेदार तक की जानकारियां खंगाली जा रही हैं।

चीनी कम्पनी जेन्हुआ इन्फार्मेशन टेक्नॉलाजी का सम्बंध चीन की सरकार तथा कम्युनिस्ट पार्टी से है। उसके माध्यम से ड्रैगन देश के अलग-अलग क्षेत्रों से संबंध रखने वाले दस हजार से अधिक हाई प्रोफाईल लोगों की निगरानी रख रहा है। चीनी कंपनी ड्रेगन के इशारे पर प्रधानमंत्री, 24 वर्तमान-पूर्व मुख्यमंत्री, 350 सांसद सहित तमाम अन्य हस्तियों की जानकारी जुटा रहा है।

चीन की यह कंपनी राजनीति, कारोबार, तकनीक व सिविल सोसाइटी के अहम लोगों को अपने निशाने पर लेती है। यह कंपनी चीन की सुरक्षा एजेसियों, खुफिया एजेंसियों व सेना के साथ मिल कर काम करती है और डेटा बेस तैयार करने में मदद करती है। इस डेटा बेस के जरिए चीन के रणनीतिकार व अफसर यह विश्लेषण करते हैं कि प्रतिद्वंद्वी देश के शीर्ष व अहम निर्णय लेने वाले लोगों के मन में क्या चल रहा है और वे किस तरह की रणनीति तैयार कर रहे हैं।

इतना ही नहीं हाइब्रिड वारफेयर के जरिए वह अपने प्रतिद्वंद्वी देशों में सामाजिक विद्वेष को बढावा देता है। साथ ही आर्थिक गतिविधियों में रोड़ा अटकाता है और अहम संस्थाओं को खोखला करने का प्रयास करता है।

ये बड़े नेता व हस्तियां हैं निशाने पर

रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेन्द्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े, सीडीएस जनरल विपिन रावत, कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री, विभिन्न पार्टियों के बड़े नेता यहाँ तक की सरपंच और मेयर तक उसकी जासूसी सूची में शामिल हैं। जेआईटी द्वारा तैयार ओवरसीज इन्फार्मेशन डाटाबेस में 40 मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित उनके परिवारी सदस्यों के नाम तक शामिल हैं। खुद को थ्रेट इंटेलिजेंस सर्विसेज के रूप में प्रचारित करने वाली जेआईटी का कारनामा हाईब्रिड वारफेयर कहा जा रहा है।


भाजपा और कांग्रेस के लगभग 200 से 250 राजनेताओं पर भी ड्रेगन की नजर है। स्वर्गीय राजीव गांधी, संजय गांधी के साथ-साथ एनसीपी के नेता शरद पवार व सुप्रिया सुले का परिवार भी इस जासूसी की जद में हैं। यही नहीं सिंधिया परिवार के ज्योतिरादित्य सिंधिया उनकी पत्नी, दिवंगत पुर्नो संगमा के बेटे और बेटी तथा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के परिवार पर भी चीन की नजर है। इस लिस्ट में मुलायम सिंह यादव, लालू यादव, कमलनाथ, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, अशोक चव्हाण, सिद्धारमैया, शंकर सिंह वघेला, बुद्धदेव भट्टाचार्या, किरण कुमार रेड्डी, हरीश रावत, बाबूलाल मरांडी तथा रमन सिंह तक के नाम शामिल हैं। 

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