छोटे भाई को क्या बताउंगी कि कैसे मारा गया मेरा बाप : हैदरपोरा श्रीनगर मुठभेड़ में मारे गए अल्ताफ अहमद की बेटी

Hyderpora Encounter : वीडियो में अल्ताफ अहमद की बेटी कहती दिख रही है - "मेरा एक छोटा भाई है, जो बहुत छोटा है। उसे कुछ भी पता नहीं है। वो जब बड़ा होगा तो उसे क्या बताएंगे। मेरी मां बहुत रो रही है, उसे कैसे संभालूंगी।"

Update: 2021-11-16 15:25 GMT

(हैदरपोरा एनकाउंटर में मारे गए अल्ताफ अहमद की बेटी) Pic - social media

Hyderpora Encounter : जम्मू - कश्मीर (Jammu Kashmir) में विपक्ष के नेताओं ने हैदरपोरा एनकाउंटर (Hyderpora Encounter) पर अपना आक्रोश व्यक्त किया है। इस मुठभेड़ में दो आतंकवादी सहित उसके दो सहयोगियों को मार गिराया गया था। विपक्षी नेताओं (Opposition Leaders) का कहना है कि वे आतंकवादियों के सहयोगी नहीं, बल्कि आम नागरिक थे। इन्होंने इस कथित हत्या की न्यायिक जांच की मांग की है। वहीं, मारे गए मकान मालिक अल्ताफ अहमद (Altaf Ahmad) के परिवार ने आरोप लगाया कि सुरक्षाबलों ने उन्हें 'मानव ढाल' के रूप में इस्तेमाल किया।

मुठभेड़ में मारे गए मकान मालिक अल्ताफ अहमद की बेटी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती (Mahbooba Mufti) ने भी इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर किया है। इस वीडियो में अल्ताफ अहमद की बेटी कहती दिख रही है, "मेरे चचेरे भाई, जो एक प्रत्यक्षदर्शी थे, ने कहा कि उन्हें तीन बार ऊपर ले जाया गया, उन्हें दो मौकों पर बख्शा गया और तीसरी बार मार दिया गया।"

वह आगे कह रही है, "मेरा एक छोटा भाई है, जो बहुत छोटा है। उसे कुछ भी पता नहीं है। वो जब बड़ा होगा तो उसे क्या बताएंगे। मेरी मां बहुत रो रही है, उसे कैसे संभालूंगी।"

न्यूज़ एजेंसी आईएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए मुदस्सर गुल के परिवार ने मंगलवार, 16 नवंबर को श्रीनगर की प्रेस कॉलोनी में विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि वह एक डॉक्टर था और आतंकवाद में उसकी कोई भागीदारी नहीं है।

प्रदर्शनकारी रिश्तेदार ने कहा, उसने कल शाम अपनी पत्नी से बात की। उसके दो छोटे बच्चे और बूढ़े माता-पिता हैं। उसके हाथ में बंदूक नहीं था, वह निर्दोष था। वह डॉ. मुदस्सिर था, वह आतंकवादी नहीं है, कृपया हमें शव वापस दे दें। 

बता दें कि सोमवार की रात सुरक्षा बलों और दो संदिग्ध आतंकवादियों के बीच आमने-सामने के मुठभेड़ में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक अल्ताफ अहमद और उसी मकान में किराए पर रह रहे मुदासिर गुल भी मारे गए। हालांकि, परिजनों का कहना है कि वे निर्दोष हैं।

अहमद के परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें "मानव ढाल" के रूप में इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, पुलिस ने दोनों मारे गए नागरिकों को आतंकवादी का सहयोगी करार दिया है। 

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इसके लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "निर्दोष नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग करना, उन्हें क्रॉस फायरिंग में मारना और फिर उन्हें आसानी से ओजीडब्ल्यू (ओवर ग्राउंड वर्कर्स) के करार देना अब भारत सरकार की नियम पुस्तिका का हिस्सा है। यह जरूरी है कि सच्चाई को सामने लाने के लिए एक विश्वसनीय न्यायिक जांच की जाए और दण्ड से मुक्ति की इस प्रचलित संस्कृति को समाप्त किया जाए।"

वहीं, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने हैदरपोरा में हुई मुठभेड़ की निष्पक्ष और विश्वसनीय जांच की मांग की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "मुठभेड़ और मारे गए लोगों के बारे में बहुत सारे सवाल उठाए जा रहे हैं। अतीत में फर्जी मुठभेड़ों के कई उदाहरण सामने आए हैं। इस एनकाउंटर के बारे में उठाए गए सवालों का तेजी से और विश्वसनीय तरीके से जवाब देने की जरूरत है।"

बता दें कि श्रीनगर के हैदरपोरा में अभियान के दौरान दो नागरिकों के अलावा दो संदिग्ध आतंकवादी भी मारे गए। पुलिस ने कहा कि आतंकवादी गुल द्वारा किराए पर लिए गए एक कमरे में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अंदर छिपे हुए थे।

कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने मारे गए दो आतंकवादियों में से एक की पहचान बिलाल भाई उर्फ ​​हैदर के रूप में की है, जो पाकिस्तान का बताया जा रहा है। दूसरा संदिग्ध आतंकी जम्मू क्षेत्र के रामबन का रहने वाला है और उसके परिवार को पहचान के लिए बुलाया गया है।

उधर, पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन के प्रवक्ता और माकपा के वरिष्ठ नेता एमवाई तारिगामी ने नागरिकों की हत्याओं की न्यायिक जांच की मांग की है। साथ ही प्रशासन से अंतिम संस्कार के लिए उनके शवों को संबंधित परिवारों को तुरंत सौंपने का आग्रह किया है।

उन्होंने कहा, "कल एक और त्रासदी हैदरपोरा मुठभेड़ के दौरान हुई जिसमें दो नागरिकों की जान चली गई। हम एक भयानक दौर से गुजर रहे हैं। अब क्या कहानी सामने आएगी और सरकार इसकी क्या व्याख्या करेगी? उनके परिजन रो रहे हैं कि वे बेकसूर हैं।"

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