Pangong Lake Bridge: लद्दाख के पैंगोंग झील पर चीन बना रहा पुल, सैटेलाइट से मिली तस्वीरों के बाद भारत की चिंता बढ़ी

Pangong Lake Bridge: चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पैंगोंग त्सो झील पर अपने क्षेत्र में खुर्नक पर एक पुल का निर्माण कर रही है, जो झील का सबसे संकरा हिस्सा है। चीन इस पुल का निर्माण भविष्य में भारतीय सेना से मुकाबला करने के लिए करवा रहा है...

Update: 2022-01-03 15:22 GMT

लद्दाख के पैंगोंग झील पर चीन ने बनाया पुल


Pangong Lake Bridge: लद्दाख के पैंगोंग झील (Pangong tso Lake) में चीन की दखलअंदाजी बढ़ने लगी है, जो भारत के लिए चिंता का विषय है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) पैंगोंग त्सो झील (Pangong Lake Bridge) पर अपने क्षेत्र में खुर्नक पर एक पुल का निर्माण कर रही है, जो झील का सबसे संकरा हिस्सा है। जानकारी के अनुसार, चीन इस पुल का निर्माण भविष्य में भारतीय सेना के अगस्त 2020 जैसे किसी भी ऑपरेशन का मुकाबला करने के लिए करवा रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन लद्दाख की पैंगोंग झील (Pangong Lake) जो पिछले साल भारत चीन सेनाओं के बीच टकराव का मुख्य बिंदु था, उसपर पुल का निर्माण कर रही है।

बता दें कि यह पुल पैंगोंग झील (Pangong Bridge) के एक हिस्से में बनाया जा रहा है जो चीन के नियंत्रण वाले क्षेत्र में आता है। यह झील के दोनों किनारों को जोड़ता है। 140 किलोमीटर लंबी पैंगोंग त्सो लेक (Pangong Tso Lake) का दो तिहाई हिस्सा यानी करीब 100 किलोमीटर चीन का क्षेत्र है। अब तक चीन के सैनिकों को एक छोर से दूसरे छोर जाने के लिए या तो नाव का सहारा लेना पड़ता है। अगर नाव का सहारा न लिया जाए तो फिर पूरा 100 किलोमीटर घूम कर आना पड़ता है। झील के ऊपर पुल बन जाने से चीनी सैनिकों और रसद को वहां पहुंचने के कई रास्ते खुल जाएंगे। इससे चीन संवेदनशील इलाके में भी बेहद कम वक्त में ज्यादा सैनिकों को पहुंचा सकता है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पुल निर्माण से जुड़ी सैटेलाइट तस्वीरें (Satellite image) हासिल करने वाले जियो इंटेलीजेंस एक्सपर्ट डेमियन सिमोन ने संकेत दिया है कि चीन पूर्वी लद्दाख में झील पर पुल का निर्माण कर रहा है। सिमोन के ट्वीट से यह संकेत मिले हैं कि यह पुल झील के संकरे रास्ते पर लगभग पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है।

बता दें कि पिछले साल भारतीय सैनिक (Indian Army) पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे पर कैलाश रेंज की चोटी तक पहुंच गए थे। इससे भारतीय सेना को चीनी सेना के मुकाबले थोड़ी सामरिक बढ़त मिल गई थी। चीन द्वारा इस पुल के बनने के बाद इस विवादित क्षेत्र में चीनी सैनिकों को पहुंचने के कई रास्ते खुल जाएंगे। इस इलाके में पिछले साल दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। हालांकि लंबी सैन्य वार्ता के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने एक साथ पीछे हटने का फैसला किया था।

जून 2020 में गलवान घाटी (Galwan river) में हुए खूनी संघर्ष के दौरान 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। जबकि भारत के अनुसार, चीन के लगभग 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। इसके बाद जुलाई 2020 में भारत और चीन (India China Dispute) टकराव वाली जगह से 2-2 किलोमीटर पीछे हटने पर सहमत हुए थे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच बातचीत के बाद यह फैसला हुआ था।

चीन द्वारा पैंगोंग झील पर पुल निर्माण को लेकर हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू ने शुक्रवार को कहा, "पिछले एक साल में चीनी सेना (पीएलए) की उपस्थिति काफी बढ़ी है। चीन ने हिमाचल से सटी सीमा पर अपना बुनियादी ढांचा और सर्विलांस क्षमता में भी सुधार किया है।" हालांकि, भारत भी LAC के अपने इलाकों में पुल और सड़कों का जाल बिछाने में जुटा है। भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा इस पुल को लेकर अभी तक कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है।

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