भारत-चीन सीमा पर हलचल, लद्दाख में तैनात किए गए K-9 वज्र तोप
भारत-चीन सीमा पर एक बार फिर हलचल देखी जा रही है। भारत ने पूर्वी लद्दाख के ऊंचे पहाड़ी इलाकों में के-9 वज्र तोपों को तैनात कर दिया है...
जनज्वार। भारत-चीन सीमा पर एक बार फिर हलचल देखी जा रही है। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने सोमवार को कहा कि चीन ने पूर्वी लद्दाख और उत्तरी मोर्चे पर हमारे पूर्वी कमान तक काफी संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है। इसी के मद्देनज़र भारत ने पूर्वी लद्दाख के ऊंचे पहाड़ी इलाकों में 12,000 से लेकर 16,000 फीट की ऊंचाई पर के-9 वज्र तोपों को तैनात कर दिया है। मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए पूर्वी लद्दाख में अग्रिम इलाकों का दौरा करने वाले सेना प्रमुख ने कहा कि अग्रिम क्षेत्रों में चीनी सैनिकों की तैनाती में वृद्धि हुई है और यह भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
लद्दाख में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने कहा कि "हम नियमित रूप से उनके सभी गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं। हमें प्राप्त सूचनाओं के आधार पर, हम बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सैनिकों के संख्याबल में भी लगातार परिवर्तन कर रहे हैं, जो किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए आवश्यक हैं।" भारतीय सेना की ओर से कहा गया है कि फिलहाल भारत किसी भी घटना से निपटने के लिए तैयार है।
हाल ही में चीन ने एलएसी से सटे इलाकों में काफी निर्माण कार्य किया है, साथ ही सैनिकों की संख्या भी काफी बढ़ायी है। चीन ने पूर्वी लद्दाख और उत्तरी कमांड के अलावा पूर्वी कमांड पर भी बड़ी तादाद में सैनिक तैनात किए हैं। इस पर सेना प्रमुख का कहना है कि भारतीय सेना हर परिस्थिति के लिए तैयार है। चीन सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन अग्रिम स्थानों से अपने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए अक्तूबर के मध्य में एलएसी पर 13वें दौर की सैन्य बैठक करेंगे।
के-9 वज्र तोप की खासियत
सीमा विवाद को देखते हुए भारतीय सेना की ओर से लद्दाख में के-9 वज्र तोपों को तैनात कर दिया गया है। के-9 वज्र तोप 38 किलोमीटर तक लक्ष्य को साधने में सक्षम है। इसका सफल परीक्षण कर लिया गया है। इसे सेना की सभी बटालियन में शामिल किया जायेगा। के-9 वज्र तोप का वजन 50 टन है, जिससे 47 किलो का गोला फेंका जा सकता है। यह तोप 15 सेकेंड में तीन गोले दागने की क्षमता रखता है। साथ ही टैंकों की तरह ट्रैक लगे हुए हैं, जिससे यह किसी भी तरह के मैदान में चल सकती है। भारतीय सेना में इसके शामिल किए जाने से सेना की ताकत बढ़ी है।