जिंदा जलाकर मारे गये नौसैनिक मामले में महाराष्ट्र पुलिस का दावा, भारी कर्ज के बोझ तले दबा था, खुद ही गढ़ी होगी हत्या-अपहरण की कहानी
पालघर के पुलिस अधीक्षक ने बताया चेन्नई, मुंबई और पालघर में उपलब्ध साक्ष्य और सीसीटीवी रिकॉर्ड से यह प्रतीत होता है कि दुबे ने बड़े पैमाने पर लिए गए ऋणों के कारण अपने ही जीवन को समाप्त कर लिया...
पालघर, महाराष्ट्र। एक आश्चर्यजनक रहस्योद्घाटन में पालघर पुलिस ने बुधवार 24 फरवरी को कहा कि भारतीय नौसेना का नाविक, जिसका कथित तौर पर अपहरण कर उसे जिंदा जला दिया गया था, उसकी कहानी मनगढ़ंत हो सकती है, क्योंकि वह भारी कर्ज के नीचे दबा हुआ था।
भारतीय नौसेना के 27 वर्षीय जवान सूरजकुमार एम. दुबे की दुखद मृत्यु के एक पखवाड़े के बाद पालघर पुलिस का यह चौंकाने वाला बयान सामने आया है।
गौरतलब है कि कि नौसेना के जवान को कथित तौर पर चेन्नई से अगवा कर जिंदा जलाने की घटना सामने आई थी। वारदात महाराष्ट्र के पालघर जिले की है। मृतक दुबे आईएनएस अग्रणी कोयंबटूर में तैनात थे। लापता होने के कई दिनों बाद वह मुंबई के एक नाले से जख्मी हालत में मिले थे। उन्होंने नौसेना के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
पालघर के पुलिस अधीक्षक दत्तात्रेय शिंदे ने मीडियाकर्मियों से कहा कि चेन्नई, मुंबई और पालघर में उपलब्ध साक्ष्य और सीसीटीवी रिकॉर्ड से यह प्रतीत होता है कि दुबे ने बड़े पैमाने पर लिए गए ऋणों के कारण अपने ही जीवन को समाप्त कर लिया।
शिंदे ने कहा, हमने मामले की जांच के लिए 10 टीमों का गठन किया था। बहुत सारी चीजें सामने आई हैं। हम अभी भी जांच कर रहे हैं कि वह 1,480 किलोमीटर की दूरी पर चेन्नई से पालघर कैसे और क्यों आए थे।
महाराष्ट्र पुलिस ने पहले जो जानकारी साझा की थी उसके मुताबिक सूरज दुबे कोयम्बटूर में आइएनएस अग्रणी पर सीमैन के रूप में कार्यरत थे और शेयर बाजार में काफी रुचि रखते थे। उन्होंने अपने पारिवारिक सदस्यों और दोस्तों से 23 लाख रुपये से अधिक का बड़ा कर्ज लिया था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, हम उनके बैंक खातों और डीमैट खातों में प्रत्येक प्रविष्टि की जांच कर रहे हैं और हमने पाया है कि उन्होंने स्टॉक में काफी निवेश किया है।