Nagaland Murder Case : जांच के नतीजों के आधार पर होगी कार्रवाई, LAC पर खतरा बरकरार - आर्मी चीफ नरवणे
भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने आज अपनी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नगालैंड हत्याकांड को लेकर जांच जारी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर हम कार्रवाई करेंगे।
नई दिल्ली । भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ( Army Chief MM Naravane ) ने आज अपनी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नगालैंड हत्याकांड ( Nagaland Murder Case ) को लेकर जांच जारी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर हम उचित और सुधारात्मक कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने नगालैंड के मोन जिले में हुई हत्या की घटना को अफसोसजनक और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
अभी खतरा कम नहीं हुआ
सेना प्रमुख नरवणे ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पूर्वी लद्दाख सीमा ( LAC ) विवाद पर जनरल नरवणे ने कहा कि आंशिक तौर पर सैनिक पीछे हटे हैं, लेकिन चीन की ओर से खतरा अभी बरकरार है। किसी भी तरह से खतरा कम नहीं हुआ है। हमने चीन की पीएलए के साथ बातचीत करते हुए भी अभियान संबंधी अपनी तैयारियों का उच्चतम स्तर बरकरार रखा हुआ है। हम चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( PLA ) के साथ दृढ़ एवं मजबूत तरीके से निपटना जारी रखेंगे।
सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए उत्तरी सीमाओं के पास अवसंरचना के उन्नयन एवं विकास का कार्य समग्र और व्यापक तरीके से काम जारी है। इस बात पर भी गौर फरमाया जा रहा है कि सभी दोहरे उपयोग वाले बुनियादी ढांचे कौन-कौन से हैं और उनका क्या उपयोग किया जा सकता है।
बता दें कि पांच दिसंबर 2021 को नगालैंड में सुरक्षा बलों के एक आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में 'गलत पहचान' के चलते 14 स्थानीय लोग मार गए थे। बाद में हुई झड़प में सुरक्षा बल का एक जवान की भी मौत हो गई थी। घटना म्यांमार की सीमा से लगे नगालैंड के मोन जिले के ओटिंग गांव में हुई थी। उसके बाद से नगालैंड में विरोध प्रदर्शन जारी है। अब नगालैंड के लोग अफस्फा को हटाने की मांग कर रहे हैं।
कुछ संगठनों ने मिलकर आम नागरिकों के लिए इंसाफ की मांग करते हुए मंगलवार को दीमापुर से 70 किलोमीटर दूर राज्य की राजधानी कोहिमा तक दो दिवसीय पैदल मार्च भी निकाला था। पैदल मार्च में हिस्सा लेने वाले लोगों के हाथों में तख्तियां और बैनर थे, जिन पर अफस्पा कानून को निरस्त करने की मांग की गई थी। साथ ही लोगों ने 14 आम नागरिकों की मौत के मामले में इंसाफ के लिए भी नारे लगाए थे। पिछले कुछ हफ्तों से सोशल मीडिया पर व्यापक अभियान के बाद विभिन्न नागा सिविल सोसाइटी संगठनों द्वारा दो दिवसीय वॉकथॉन (Walkathon) का नेतृत्व किया है।