नेशनल दस्तक के पत्रकार पर डाला जबरन 'जय श्रीराम' बोलने का दबाव, ट्वीटर यूजर्स बोले मुस्लिम होते तो हो जाती लिंचिंग
अनमोल प्रीतम ने ट्वीट किया है, ''मुझसे डरा धमकाकर "जय श्री राम" बुलवाने की कोशिश की गई, जब मैंने मना किया तो मेरे साथ धक्कामुक्की भी की, आप लोग वीडियो में खुद ही देख लीजिए...
जनज्वार। नेशनल दस्तक से जुड़े पत्रकार अनमोल प्रीतम ने ट्वीट कर लिखा है कि जंतर मंतर पर रिपोर्टिंग करते वक्त कुछ कथित हिंदुवादियों ने उन पर जय श्रीराम बोलने के लिए दबाव बनाया है। अनमोल प्रीतम ने एक वीडियो भी ट्वीटर पर पोस्ट किया है, जिसमें वह भीड़ से बहस करते दिखायी दे रहे हैं और कह रहे हैं कि जब उनका मन करेगा तभी जय श्रीराम बोलेंगे।
अनमोल ने ट्वीट किया है, 'मुझसे डरा धमकाकर "जय श्री राम" बुलवाने की कोशिश की गई। जब मैंने मना किया तो मेरे साथ धक्का मुक्की भी किया गया। आप लोग वीडियो में खुद ही देख लीजिए।'
अनमोल के साथ की जा रही धक्का मुक्की का वीडियो पोस्ट करते हुए दिलीप मंडल ने ट्वीट किया है, 'प्रमुख बहुजन मीडिया नेशनल दस्तक के पत्रकार अनमोल प्रीतम को आज कुछ हिंदुत्ववादी गुंडों ने दिल्ली के संसद भवन के पास जंतर मंतर पर घेर लिया और जबरन "जय श्रीराम" के नारे लगाने को कहा। लेकिन फिर क्या हुआ? देख लीजिए। दिल्ली पुलिस अपराधियों को गिरफ़्तार करे। #IsupportAnmol'
इस वीडियो के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी ने ट्वीट किया है, 'भीड़ मुझे घेर लेगी और मेरे सिर पर तमंचा रख देगी तो शायद मैं भी कहूंगा "जय श्री राम" पर वो आवाज़ मेरी न होगी तब राम भी वह नहीं होगा जो मरते वक्त गांधी के मुंह से निकला था। इस देश का हर मुसलमान मेरा भाई-बहिन है और तुम मुझे उनके खिलाफ खड़ा करने के लिये राम का इस्तेमाल नहीं कर सकते।'
कविश अजीज इस घटना की निंदा करते हुए ट्वीट करते हैं, 'मेरा मन करेगा तो बोलूंगा जय श्री राम, ज़बरदस्ती आप नहीं बोलवा सकते। सलाम है अनमोल की हिम्मत को जिन्हें संघी गुंडों ने घेर कर जय श्रीराम बोलने को कहा, लेकिन अनमोल अपने उसूल पर अड़े रहे...'
अखिलेश तिवारी ने ट्वीट किया है, 'जब एक रिपोर्टर से ऑन कैमरा सरेआम ऐसी जबर्दस्ती हो रही तो आसानी से समझा जा सकता है कि मोदीने देशको किन भयावह परिस्थितियों में डाल दिया है।'
इमरान अली लिखते हैं, 'मुबारक हो भाई। आप सनकी मॉब के हाथों लिंच होने से बच गए। कोई तबरेज, पहलू, जुनैद, अलीमुद्दीन, अखलाक वगैरह होता, तो जिंदा बचना शायद मुश्किल होता।'
शिवानी सिंह कहती हैं, 'ये देश के मौजूदा हालात हैं, कल को अनमोल की जगह आप या मैं भी हो सकते हैं। ऐसी वारदातों को रोकना होगा, लड़ना होगा इस नफरत की आग से और लहराना होगा प्यार का परचम।'