हजारों भारतीयों का निजी डाटा हुआ हैक, Instagram के प्राइवेट चैनल पर कथित तौर पर पाकिस्तानी हैकर्स के कारनामे का खुलासा
Cyber crime : हैकर्स ने न केवल आइडेंटिटी डेटा को टेलीग्राम चैनल्स के जरिए बेचा, बल्कि इन डाटा को पब्लिक एक्सेसिबल फोरम पर भी उपलब्ध करवा दिया गया, जिससे अब दूसरे हैकर्स ग्रुप्स को भी इन डाटा का एक्सेस केवल एक गूगल सर्च के जरिए मिल सकता है...
Cyber crime : जिस आधार कार्ड को सुरक्षित बताकर केंद्र सरकार ने हर देशवासी पर थोपकर लोगों की पहचान से जुड़े आंकड़े इकट्ठे किए थे, उसकी सुरक्षा की पोल खोलते हुए एक पाकिस्तानी हैकर्स ने करीब पांच हजार भर्तियों के आधार और पेन कार्ड का डाटा चुराकर बेचने के लिए डिजिटल मंडी में अपनी दुकान सजा रखी है। इस डेटा को पब्लिक फोरम में भी उपलब्ध करवाया गया है। इससे आसानी से कोई भी इसे एक्सेस कर इनका पूरा दुरुपयोग कर सकता है और सरकार या आप चाहकर भी कुछ नहीं कर पाएंगे।
आधार कार्ड को आवश्यक बनाकर लोगों के इकट्ठे किए डाटा को भले ही अभी तक सुरक्षित बता रही हो, लेकिन हैकर्स बार बार साबित कर रहे हैं कि सुरक्षा के सरकारी दावों में कोई दम नहीं है। कोई भी चवन्नी छाप हैकर्स जब चाहे, जैसे चाहे आपके इस डाटा को चोरी करके इसका मनचाहा दुरुपयोग कर सकता है और आप या सरकार हैकर्स का कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
डाटा लीक से जुड़ी इस बार एक बड़ी खबर यह आई है कि लगभग पांच हजार भारतीय नागरिकों की आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और पैन डिटेल्स को सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध करवा दिया गया है। अभी यह माना जा रहा है कि यह कारनामा पाकिस्तानी हैकर्स का हो सकता है। इस डाटा लीक को लेकर ज्यादा रिसर्च करने पर पाया गया कि डाटा को पब्लिक फोरम पर भी उपलब्ध करवा दिया गया है। इससे केवल एक सिंपल गूगल सर्च से लीक डाटा को एक्सेस किया जा सकता है। हैकर्स ज्यादातर डाटा को डार्क वेब पर उपलब्ध करवा कर बेचते हैं, लेकिन इन डील्स को प्राइवेट चैनल्स के जरिए पूरा किया गया है।
हैकर्स ने न केवल आइडेंटिटी डेटा को टेलीग्राम चैनल्स के जरिए बेचा, बल्कि इन डाटा को पब्लिक एक्सेसिबल फोरम पर भी उपलब्ध करवा दिया गया, जिससे अब दूसरे हैकर्स ग्रुप्स को भी इन डाटा का एक्सेस केवल एक गूगल सर्च के जरिए मिल सकता है।
एक थ्रेट इंटेलीजेंस रिसर्चर सौम्य श्रीवास्तव ने डार्क वेब पर इन ग्रुप के बारे में पता लगाया, जहां पर यह बातचीत के लिए टेलीग्राम पर प्राइवेट चैनल का इस्तेमाल कर रहे थे। इस ग्रुप में ज्यादातर बाततीच उर्दू में हो रही थी। चैनल की प्रोफाइल फोटो में पाकिस्तानी झंडा लगा हुआ था। इस लिहाज से इनके पाकिस्तानी होने का शक है, लेकिन हैकर्स अपनी पहचान छिपाने के लिए भी कई अनचाहे काम करते हैं, इसलिए बिना जांच के पक्के तौर पर इनके पाकिस्तानी होने या न होने के बारे में पक्का कुछ नहीं कहा जा सकता। हैकिंग की दुनिया में रूस और कई अफ्रीकी देशों के हैकर्स के जुड़े होने के कारण यह कारनामा किसी और का भी हो सकता है।
रिसर्चर सौम्य श्रीवास्तव से कई दिन की बातचीत के दौरान हैकर्स ने दावा किया कि उनके पास भारतीय सरकारी एजेंसी जैसे भारतीय रेल, NTRO और दूसरे कॉरपोरेट बॉडी के डेटा भी शामिल हैं। इसके बाद हैकर्स ने 5.5GB डंप लिंक आधार और पैन कार्ड का शेयर किया। इसमें 1059 आधार और पैन कार्ड की डिटेल्स स्कैन कॉपी के साथ थी। रिसर्च में पाया गया कि यह हैकर्स पब्लिक में भी डाटा को लीक कर रहे थे। लगभग चार हजार आधार व पैन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस को ओपनली एक वेबसाइट पर लीक कर दिया गया है। इसके अलावा नेटफ्लिक्स अकाउंट डिटेल्स और पासवर्ड को भी वेबसाइट पर डाल दिया गया। यह सारा डाटा इंटरनेट की दुनिया में डार्क वेब पर मौजूद है।
बता दें कि हम लोग जिस वेबसाइट को एक्सेस करते हैं वह वर्ल्ड वाइड वेब का एक छोटा सा हिस्सा मात्र है। इसके अलावा इंटरनेट पर डीप वेब और डार्क वेब के सेक्शन भी है। इसको एक्सेस करने के लिए स्पेसिफिक सॉफ्टवेयर, कॉन्फिगरेशन और ऑथोराइजेशन की जरूरत होती है। कई बार यूनिक कस्टमाइज्ड कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल की भी जरूरत इसको एक्सेस करने के लिए होती है। इस जगह पर मौजूद कंटेंट हिडेन होते हैं और सर्च इंजन के सामान्य इंडैक्स में दिखाई नहीं देते हैं। इसको स्पेशल ब्राउजर से ही एक्सेस किया जा सकता है। यहां यूजर्स ज्यादातर अपनी पहचान छिपाकर ही रखते हैं। ज्यादातर हैकर्स डाटा का लेनदेन यहां पर ही करते हैं।