'टूलकिट' मामले में पुलिस का दावा : देश के विरुद्ध रची गई थी साजिश, धालीवाल-निकिता-दिशा और शांतनु की हुई थी मीटिंग

खुलासे के अनुसार खालिस्तान समर्थकों के साथ मिलकर इस साजिश को रचा गया था, दिशा ने ही ये डॉक्‍यूमेंट ग्रेटा थनबर्ग के साथ शेयर किए थे..

Update: 2021-02-15 12:13 GMT

जनज्वार। 'टूलकिट' केस में बैंगलुरु से दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने आज सोमवार को कई बड़े खुलासे किए हैं। इन खुलासों के अनुसार देश के खिलाफ एक बड़ी साजिश रची गई थी। खालिस्तान समर्थकों के साथ मिलकर इस साजिश को रचा गया था। इस मामले से जुड़े निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जा चुका है।

दिल्‍ली पुलिस साइबर सेल के जॉइंट कमिश्नर प्रेमनाथ ने कहा, 'जैसा कि हम जानते हैं कि 26 जनवरी को बड़े पैमाने हिसा हुई। 27 नवंबर से किसान आंदोलन चल रहा था। 4 फरवरी को हमें टूलकिट के बारे में जानकारी मिली जो कि खलिस्तानी सगठनों की मदद से बनाया था।' पुलिस के अनुसार, दिशा ने ही ये डॉक्‍यूमेंट ग्रेटा थनबर्ग के साथ शेयर किए थे। 

ज्वाइंट कमिश्नर ने बताया कि इन सबके खिलाफ काफी सबूत मिले हैं। उन्होंने कहा कि 9 फरवरी को निकिता के खिलाफ  सर्च वारंट जारी हुआ, वहीं 11 फरवरी को निकिता के यहां तलाशी हुई। इस दौरान कई सबूत मिले हैं।

दिल्ली पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि 11 जनवरी को ज़ूम ऐप के माध्यम से एक मीटिंग हुई। उस मीटिंग में दिशा, निकिता, शांतनु और दूसरे लोगों ने भाग लिया। खालिस्तानी ग्रुप कनाडियन महिला पुनीत के जरिये इन लोगों को जोड़ा गया। टूलकिट में जैसा एक्शन प्लान था वैसा ही किया गया।

पुलिस के अनुसार, मुंबई पुलिस और बेंगलुरु पुलिस को जानकारी देकर सही तरीके से पूरा प्रोसीजर फॉलो किया गया। एक वोट्स ग्रुप से ये लोग जुड़े थे जो 6 दिसंबर को बनाया गया था। दिशा ने टूलकिट ग्रेटा को टेलीग्राम से भेजा था।

दिल्‍ली पुलिस के अनुसार, दिशा के मोबाइल से काफी सबूत मिले हैं लेकिन काफी डेटा डिलीट भी कर दिए गए हैं, जिन्हें रिकवर किया जाएगा। शांतनु और दिशा दोनों एक्सआर नाम के एक एनजीओ से जुड़े हैं। दिल्ली पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि प्लान पीटर फेडरिक का था कि किसे हैशटैग करना है, किसे फॉलो करना है और कब क्या ट्वीट कराना है।

उन्होंने बताया कि टूलकिट एक ऐसा डॉक्यूमेंट था,जो कुछ लोगों के बीच शेयर होना था लेकिन ग्रेटा ने गलती से इसे ट्वीट कर सार्वजनिक कर दिया।

पुलिस का कहना है कि टूलकिट मामले में गूगल से रिप्लाई मिलने के बाद उसे साक्ष्य बनाते हुए आगे की कार्रवाई की गई। क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट को ट्वीट करने के बाद डिलीट किया था, उसे दिशा रवि ने कई बार एडिट किया था।

यह भी खुलासा हुआ कि कोर्ट में पुलिस रिमांड पर सुनवाई हुई तो दिशा रो पड़ी और उसने कबूल किया कि उसने 2 लाइन एडिट की थी। पुलिस ने दिशा का मोबाइल जब्त किया है लेकिन उसका डाटा पहले ही डिलीट किया जा चुका था जिसे अब पुलिस रिट्रीव करेगी।

यह भी खुलासा हुआ है कि 11 जनवरी की जूम मीटिंग में खालिस्तानी ग्रुप के एमओ धालीवाल भी शामिल हुआ था। इस मीटिंग में तय किया गया कि 26 जनवरी से पहले ट्विटर पर स्टॉर्म पैदा किया जाएगा। साइबर सेल के ज्वाइंट सीपी प्रेम नाथ ने कहा कि इस मीटिंग में ट्विटर स्टॉर्म के लिए हैशटैग तय किया गया और पूरी योजना बनाई गई।

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