लद्दाख की पैंगॉन्ग झील क्षेत्र में चीनी सेना का भारतीय क्षेत्र से 8 किमी वापस जाने का 'इरादा' नहीं- रक्षा सूत्र

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि उत्तरी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी के पास डेपसांग का मैदान एक अन्य गतिरोध की जगह है जहां अब तक किसी भी तरह के संकट के संकेत नहीं दिखाई देते थे...

Update: 2020-07-12 14:16 GMT

नई दिल्ली। चीन की सेना की ओर से पैंगॉन्ग झील में उकसावा जारी है जिसमें भारतीय दावे की सीमा रेखा के आठ किलोमीटर अंदर से पीछे हटने का उसका कोई इरादा नहीं है। 

'द टेलीग्राफ' को एक खुफिया अधिकारी ने बताया कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग में लेटेस्ट राउंड की डिसइंगेजमेंट के बावजूद जमीनी स्थिति वहीं है।

उन्होंने बताया कि चीन का भारतीय क्षेत्र के अंदर फिंगर 4 पर कब्जा जारी है जहां उन्होंने मई के बाद घुसपैठ की थी। एक दिखने वाला बदलाव यह है कि उन्होंने अपनी कुछ नावों को पीछे खींच लिया है।

उन्होंने आगे कहा, लेकिन वह केवल कॉस्मेटिक है। वे फिंगर 4 राइडलाइन पर बने हुए हैं और उन ऊंचाइयों को नियंत्रित कर रहे हैं जहां उन्होंने सैनिकों और मशीनों को तैनात किया हुआ है। उन्होंने झील के किनारों बंकरों को मजबूत किया है और कई पोस्ट व ऑब्जर्वेशन टॉवर बनाए हैं।

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रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि उत्तरी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी के पास डेपसांग का मैदान एक अन्य गतिरोध की जगह है जहां अब तक किसी भी तरह के संकट के संकेत नहीं दिखाई देते थे।

 पैंगॉन्ग झील क्षेत्र में भारत फिंगर 8 तक के क्षेत्र का दावा करता है लेकिन चीनियों ने अपनी सेना को फिंगर 8 से फिंगर 4 तक (करीब 8 किमी) तक आगे बढ़ा दिया है।

5 मई को दोनों सेनाओं के बीच पैंगॉन्ग झील में टकराव शुरू हुआ था, इसके बाद 15 जून को हुई खूनी झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। 

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