व्यापारियों ने डेढ़ घण्टे तक बंद किया इंटरनेशनल बॉर्डर, नेपाली नागरिकों के पथराव से भारतीयों में पनपा रोष

भारत अपने ही क्षेत्र में यह तटबंध निर्माण का कार्य कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी नेपाल की ओर से लगातार आपत्ति जताते हुए कुछ लोग पथराव कर रहे हैं। पहले भी कई बार नेपाल की ओर पथराव किया जा चुका है....

Update: 2022-12-05 11:42 GMT

Dehradun news : भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय क्षेत्र में बन रहे तटबंध के विरोध में नेपाली नागरिकों द्वारा आए दिन की जा रही पत्थरबाजी के विरोध में भारतीय व्यापारियों के सब्र का बांध सोमवार को टूट पड़ा। गुस्साए व्यापारियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा काली नदी पर बने झूला पुल को करीब डेढ़ घंटे तक बंद कर दोनों देशों के बीच की आवाजाही को ठप्प कर दिया।

यह है यहां विवाद को वजह

बता दें कि भारत नेपाल सीमा पर पिथौरागढ़ जिले के धारचूला क्षेत्र में बहने वाली नदी भारत और नेपाल की सीमा का निर्धारण करती है। नदी के इस तरफ भारत तथा नदी के दूसरी तरफ नेपाल स्थित है। दोनों देशों के बीच में बहने वाली यह काली नदी हर बरसात में विकराल रूप धारण कर लेती है, जिससे भारतीय क्षेत्र में भी व्यापक तबाही झेलनी पड़ती है। इसी काली नदी के प्रकोप से बचने के लिए भारत की ओर से अपनी ओर के किनारे पर सुरक्षा के लिए तटबंध बनाया जा रहा है।

भारत द्वारा तटबंध बनाए जाने का नेपाली नागरिकों द्वारा लंबे समय से तीखा विरोध किया जा रहा है। नेपालियों का कहना है कि भारत की ओर से तटबंध बनाए जाने के बाद बरसात में इस काली नदी का सारा पानी उनके सीमा क्षेत्र में घुसकर तबाही मचाएगा। इसी कारण नेपाल की ओर से इस तटबंध का विरोध करते हुए कई बार पत्थरबाजी हो चुकी है। नेपाल सीमा पर इकट्ठे होकर सैंकड़ों नेपाली नागरिकों का समूह अक्सर ही निर्माण कार्य में जुटे मजदूरों पर पत्थरबाजी शुरू कर देता है, जिससे मजदूरों को अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागना पड़ता है।

कल रविवार 4 दिसंबर को भी पिथौरागढ़ धारचूला के घटखोला इलाके में तटबंध निर्माण के दौरान नेपाल की ओर से पत्थरबाजी से वहां काम कर रहे मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई थी। रविवार की दोपहर करीब बारह बजे कंस्ट्रक्शन कंपनी के मजदूर तटबंध निर्माण के कार्य में लगे थे तभी नेपाल की ओर से कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया, जिससे निर्माण स्थल पर पथराव करने से अफरा-तफरी मच गई थी। मौके पर निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को इस हमले से बचने के लिए इधर-उधर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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नेपाल की ओर से हुए इस पथराव में कुछ मजदूर घायल भी हो गए थे। हालांकि भारत अपने ही क्षेत्र में यह तटबंध निर्माण का कार्य कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी नेपाल की ओर से लगातार आपत्ति जताते हुए कुछ लोग पथराव कर रहे हैं। पहले भी कई बार नेपाल की ओर पथराव किया जा चुका है। नेपाल के लोगों का इसलिए विरोध रहता है कि भारत की ओर तटबंध बनने से उनकी ओर काली नदी से कटाव होगा। नेपाल स्थित दार्चुला के विधायक गेलबू बोहरा का कहना है कि भारतीय क्षेत्र में चल रहे कार्य से नेपाल के तटबंधों को खतरा हो रहा है। ठेकेदार द्वारा नदी तट पर मनमानी से कार्य किया जा रहा है, जिसका वे विरोध करते हैं।

बातचीत के बाद भी तनाव है जारी

तटबंध का नेपाल की ओर से किए जाने वाले इस विरोध के कारण भारत के अधिकारियों की नेपाल प्रशासन से लगातार बातचीत भी होती रहती है। अभी पथराव की इस नई घटना से दो दिन पूर्व भी धारचूला के संयुक्त मजिस्ट्रेट दिवेश शाशनी और सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने नेपाल पहुंचकर दार्चुला जिला प्रशासन के अधिकारियों से बातचीत की थी, जिसमें अगले 10-15 दिन के भीतर फिर से दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बैठक होना तय किया गया था, लेकिन इसके बाद भी नेपाली नागरिकों की भारत की सीमा पर बन रहे इस तटबंध को लेकर नाराजगी बरकरार है।

डेढ़ घंटा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर थमा रहा आवागमन

कल रविवार को हुई ताजा पथराव की घटना के बाद भारतीय क्षेत्र के व्यापारियों का गुस्सा नेपाल प्रशासन पर फूट पड़ा। धारचूला में रविवार को नेपाल की ओर से किए गए पथराव में एक मजदूर के घायल होने और पुल बंद करने के बाद नेपाल में भीड़ में लाठीचार्ज के दौरान एक भारतीय के घायल होने की घटना के विरोध में सोमवार 5 दिसंबर को भारतीयों ने भारत नेपाल सीमा पर स्थित काली नदी के ऊपर दोनों देशों के लोगों की आवाजाही के लिए बना अंतरराष्ट्रीय झूला पुल बंद करा दिया इससे लगभग 1घंटा 40 मिनट तक दोनों देशों के बीच आवाजाही बंद रही। धारचूला व्यापार मंडल अध्यक्ष भूपेंद्र थापा के नेतृत्व में कई व्यापारियों ने सुबह 7 बजे पुल पर पहुंचकर एसएसबी को पुल के गेट नहीं खोलने दिए।

3 दिन में समाधान के आश्वासन पर माने व्यापारी

पुल बंद की सूचना मिलने पर उपजिलाधिकारी दिवेश शाशनी पुल पर पहुंचे और नाराज व्यापारियों को समझाया। व्यापार मंडल अध्यक्ष ने उपजिलाधिकारी से नेपाल की और आये दिन पत्थरबाजी करने वाले पर दार्चुला प्रशासन से कानूनी मांग की, जिस पर उपजिलाधिकारी ने 3 दिन के भीतर इस मामले में उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। व्यापारियों ने लगभग 1 घंटे 40 मिनट के बाद पुल खोलने दिया, जिसके बाद ही इस अंतरराष्ट्रीय पुल पर आवाजाही शुरू हो पाई।

दार्चुला जिला मुख्यालय गए अधिकारी

नेपाल की ओर से भारतीय सीमा में किए गए लगातार पथराव के बाद दोनों देशों के नागरिकों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए पिथौरागढ़ से अपर जिलाधिकारी फिंचाराम चौहान भी सोमवार को धारचूला पहुंच गए। जहां से अपर जिलाधिकारी धारचूला के संयुक्त मजिस्ट्रेट दिवेश शाशनी के साथ नेपाल के अधिकारियों से वार्ता करने के लिए दार्चुला जिला मुख्यालय गए हैं। खबर भेजे जाने तक इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत जारी थी।

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